आज़ाद हिन्द फ़ौज[pdf] मुस्लिम सिपाही
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आज़ाद हिन्द फ़ौज[pdf] मुस्लिम सिपाही

by रवि पाल
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नेता जी सुभाष चन्द्र बोस द्वारा मुल्क को आजाद कराने के लिए सिंगापुर में गठित आज़ाद हिन्द फ़ौज ने क्रांतिकारी आन्दोलन में बड़ा योगदान दिया है। असल में बड़ी संख्या में देशवासी ब्रिटिश सेना में काम तो कर रहे थे परन्तु उनके दिलों में देश को आज़ाद कराने और देश से मुहब्बत का जज़्बा पल रहा था। हुआ यही कि उनके द्वारा अंग्रेजों से संघर्ष करके देश को आज़ाद कराने के लिए फ़ौज का गठन किया गया तो वे हिन्दुस्तानी जो कि ब्रिटिश सेना में अलग- अलग पदों पर कार्यरत थे बड़ी संख्या में नौकरियां छोड़ कर नेता जी की इंडियन नेशनल आर्मी (Indian National Army-INA) में शामिल हो गए।यहाँ आजाद हिन्द फ़ौज के सिपाहियों के बारे में चर्चा करेगे |

आज़ाद हिन्द फ़ौज के सिपाहियों के दस्तावेज :-

ब्रिटिश सेना में भर्ती हज़ारों मुसलमान सैनिक भी वतन परस्ती और देश को आजाद कराने के सच्चे जज़्बे को अपने दिलों में बसाए ब्रिटिश सेना की नौकरियां छोड़ कर आज़ाद हिन्द फ़ौज में शामिल हो गए। चूँकि वे सभी सैनिक अनुभवी थे और लड़ाई के सभी गुर-घाट से पहले से ही वाक़िफ़ थे, इस कारण उन्होंने देश की आज़ादी की लड़ाई में जमकर हिस्सा लिया। यहां तक कि बड़ी संख्या में मुसलमान अनुभवी फ़ौजियों ने देश की ख़ातिर लड़ते हुए अपनी जानें क़ुर्बान कर अपना नाम अमर शहीदों में लिखवा लिया।

आज का यह लेख बहुत रिसर्च के साथ लिखा गया है जिसमें मुस्लिम सिपाहीयों के बारे में बयाता गया है ऐसा नहीं है कि आज़ाद हिन्द फ़ौज में सिर्फ मुस्लिम ही सिपाही थे यहाँ हिंदू मुस्लिम, सिक्ख और इसाई भी थे लेकिन यह लेख सिर्फ मुस्लिम पर है आगे के लेख में हिंदू और दूसरे वर्ग के सिपाहियों के बारे में लिखेंगे | राष्ट्रीय पुरातत्व संग्रहालय के रिकार्ड में आज़ाद हिन्द फ़ौज के कुछ ऐसे मुसलमानों के नाम दिए हैं जिन्होंने ब्रिटिश शासन के विरुद्ध संघर्ष कर देश पर अपनी जानें क़ुर्बान की हैं।

आज़ाद हिन्द फ़ौज के सिपाहीयों की जानकारी :-

  1. अब्दुल अज़ीज़ ज़िला गुजरात पंजाब में पैदा हुए। पहले ब्रिटिश सेना में थे। आज़ाद हिन्द फ़ौज की गोरिल्ला रेजीमेंट में बतौर हवलदार शामिल हो गए थे। इम्फाल में लड़ते हुए शहीद हो गए।
  2. अब्दुर्रहमान खां – ज़िला झेलम पंजाब में पैदा हुए। इस फ़ौज की दूसरी गोरिल्ला रेजीमेंट में हवलदार हुए। लड़ते हुए शहीद हो गए।
  3. अहमद खां जिला गुजरात पंजाब में पैदा हुए। आजाद हिन्द की तीसरी रेजीमेंट में हवलदार हुए। इम्फाल के करीब लड़ाई के मैदान में शहीद हुए। अखतर अली-आज़ाद हिन्द की दूसरी गोरिल्ला रेजीमेंट में कैप्टिन के पद पर हुए। मैदाने जंग में ही शहीद हुए।
  4. अल्लाह दीन वल्द मौला बख़्श-ग्राम तला जिला रोहतक में पैदा आज़ाद हिन्द की तीसरी गोरिल्ला रेजीमेंट में शामिल जंग में ही शहीद हुए।
  5. अलताफ़ हुसैन – जिला अमृतसर में पैदा हुएऔर पहलेबहादुर ग्रुप में सुभास चंद्र के साथ शामिल हुए। बर्मा में मैदाने जंग में शहीद हुए।
  6. बाबू खां – जिला जालन्धर में पैदा हुए। आज़ाद फ़ौज में शामिल हो कर जंग में शहीद हुए।
  7. बरकत—ग्राम भदरन ज़िला कांगड़ा में पैदा हुए, आज़ाद फ़ौज में शामिल हो गए। देश के दुश्मनों से लड़ते हुए बर्मा में मैदाने जंग में शहीद हुए।
  8. बशीर अहमद ग्राम बहली जिला रोहतक में पैदा हुए था तीसरी गोरिल्ला रेजीमेंट में लेफ्टिनेंट थे। कैसवा के करीब मैदाने जंग में शहीद हुए।
  9. बशीर अहमद–ग्राम टार्च ज़िला सियालकोट में पैदा हुए और पहली रेजीमेंट में शामिल हुए। मैदाने जंग में शहीद हुए।
  10. छोटू खां-ज़िला करनाल में पैदा हुए। आज़ाद हिन्द फ़ौज की तीसरी रेजीमेंट में सिपाही हुए। मैदाने जंग में काम आए।
  11. चिराग़ दीन- ज़िला लुधयाना में पैदा हुए। बर्मा में आज़ाद हिन्द फ़ौज में शामिल हुए। मैदाने जंग में शहीद हो गए।
  12. चिराग़ खां-जिला कपूरथला में पैदा हुए। आज़ाद हिन्द फ़ौज में सिंगापुर में शामिल हो गए। मैदाने जंग में शहीद हुए।
  13. दिलावर खां-ग्राम झाली जिला झेलम में पैदा हुए। आज़ाद हिन्द फ़ौज में सिंगापुर में शामिल हो गए। 1942 में मैदाने जंग में शहीद हो गए|
  14. फ़तह अलीग्राम बिछाली जिला झेलम में पैदा हुए। आजाद हिन्द फ़ौज में सिंगापुर में शामिल हो गए। 1942 में मैदाने जंग में ही शहीद हुए।
  15. फ़तह खां-जिला झेलम में पैदा हुए। आज़ाद हिन्द फ़ीज में सिंगापुर में शामिल हो गए। मैदाने जंग में शहीद हुए।
  16. फ़तह मुहम्मद- रोहतक पंजाब में पैदा हुए। सिंगापुर में आज़ाद फ़ौज की तीसरी गोरिल्ला रेजीमेंट में शामिल हो गए। अंग्रेज़ी फौज से लड़ते हुए जंगार कार्चा के स्थान पर शहीद हो गए।
  17. फ़तह मुहम्मद—शेरपुर जिला होशियारपुर में पैदा हुए। मलाया में आज़ाद फ़ौज में शामिल हुए। मैदाने जंग में शहीद हुए।
  18. फ़ज़ल दादा ग्राम संथाल ज़िला झेलम में पैदा हुए। मलाया में आजाद फ़ौज में शामिल हुए। मैदाने जंग में शहीद हुए।
  19. फ़ज़ल खां-जिला रावलपिंडी में पैदा हुए। आज़ाद हिन्द फ़ौज की दूसरी गोरिल्ला रंजीमेंट मे हवलदार हुए। 15 अप्रैल 1945 को शहीद हुए।
  20. फ़ीरोज़ ख़ां – ग्राम हज़ारमल ज़िला झेलम में पैदा हुए। सिंगापुर में आज़ा हिन्द फ़ौज की पहली गोरिल्ला रेजीमेंट में बतौर लांस नायक शामिल थे। मैदाने जंग में शहीद हुए।
  21. गुलाम नबी — ग्राम हरमाबाद जिला गुरदासपुर पंजाब में पैदा हुए। बर्मा में शामिल हो गए। अंग्रेज़ ने गिरफ्तार कर लिया। कैम्प में फ़रवरी 1944 में इन्तिकाल हो गया।
  22. हफ़ीज़ुल्लाह — ग्राम गुलमांडा जिला हरिपुर हज़ारा में पैदा हुए। तीसरी गोरीला रेजीमेंट में लेफ्टिनेंट शहीद कर दिये गए। हुए। सितम्बर 1944 को
  23. इरशाद अली—बनगाना जिला रोहतक में पैदा हुए। फ़ौज पहली गोरीला रेजीमेंट में शामिल हुए। मैदाने जंग में शहीद कर दिये गए।
  24. जहां दाद—ज़िला रावलपिंडी में पैदा हुए। मलाया में आज़ाद हिन्द फ़ौज में शामिल हो गए। 22 जनवरी 1943 को गोली लगने के कारण शहीद हो गए।
  25. जलालुद्दीन कपूरथला पंजाब में पैदा हुए। फ़ौज की दूसरा रेजीमेंट में शामिल हो गए। इम्फाल के पास शहीद कर दिये गए।
  26. कासिम अली वल्द फ़रीदा खां जिला यबाना हरियाण में पैदा हुए। आजाद हिन्द फ़ौज की तीसरी गोरिल्ला रेजीमेंट में शामिल शहीद हुए। हुए। मैदाने जंग में
  27. खान मुहम्मद- जिला झेलम पंजाब में पैदा हुए। आज़ाद हिन्द फ़ौज के पहले बहादुर ग्रुप में लांस नायक हुए। रंगून में 11 जनवरी 1945 को लड़ाई में शरीक हुए।
  28. ख़ुदा बख़्श-ग्राम ताजक जिला केमलपुर पंजाब में पैदा हुए। मलाया में ‘आज़ाद हिन्द फ़ौज में शामिल हो गए। नामू स्थान पर लड़ाई में शहीद हुए।
  29. ख़ुशी मुहम्मद – ज़िला लुधियाना पंजाब में पैदा हुए। फ़ौज के एस.एस. ग्रुप में शामिल हो गए। बर्मा के मोर्चे पर शहीद हुए।
  30. लाल खां – ज़िला झेलम पंजाब में पैदा हुए। मलाया में आज़ाद हिन्द फ़ौज में शरीक हो गए। मैदाने जंग में शहीद हुए।
  31. मेहरबान खां ग्राम रम्भा जिला करनाल में पैदा हुए। मलाया में आजाद हिन्द फ़ौज की तीसरी गोरिल्ला रेजीमेंट में शामिल हो गए। केलवा स्थापर अंग्रेज़ों की बमबारी में 24 अक्टूबर 1944 को शहीद हो गए।
  32. मुहम्मद अब्बास- ग्राम कुरार जिला रावलपिंडी पंजाब में पैदा में आजाद हिन्द फ़ौज में शामिल हुए। लड़ाई में ही शहीद हुए।
  33. मुहम्मद अफ़जाल — ग्राम रमन ज़िला रावलपिंडी पंजाब में पैदा हुए। आज़ाद हिन्द फ़ौज की पहली डिवीज़न में बतौर लेफ़्टीनेंट सिंगापुर में शामिल हुए बर्मा में एक लड़ाई के मौके पर शहीद हुए।
  34. मुहम्मद अनवार—कसबा नवापुर पंजाब में पैदा हुए। 1942 में सिंगापुर में बतौर लेफ्टीनेंट दूसरे बहादुर ग्रुप में शामिल हो गए। अराकान (बर्मा) की पहाड़ियों पर जनवरी 1943 में शहीद हुए।
  35. मुहम्मद नियारस—ग्राम बसाली जिला रावलपिंडी में पैदा हुए। आज़ाद हिन्द फ़ीज में बतौर लेफ़्टीनेंट दूसरी गोरिल्ला रेजिमेंट में शामिल हुए। दुश्मन से लड़ते हुए शहीद हो गए।
  36. मुहम्मद शफ़ी-ग्राम पानी जिला लाहौर पंजाब में पैदा हुए। आज़ाद हिन्द फ़ौज मलाया में शामिल हुए। मैदान जंगे में दुश्मन अंग्रेज़ से लड़ते हुए शहीद हो गए। शफ़ी-ग्राम सुहाल जिला जालन्धर पंजाब में पैदा हुए। आज़ाद हिन्द फ़ौज में बतौर हवलदार दूसरी गोरिल्ला रेजीमेंट में शामिल हुए।
  37. मुहम्मद इम्फाल के क़रीब दुश्मन से लड़ते हुए शहीद हो गए।
  38. मुहम्मद याकूब ग्राम कासर हज़ारा सूबा सरहद में पैदा हुए। मलाया में | मैदाने जंग में शहीद हुए।
  39. मुहम्मद याकूब वल्द नज़र मुहम्मद तीसरी गोरीला रेजिमेंट में बतौर हवलदार सिंगापुर में शामिल लड़ते हुए मैदाने जंग में अपनी जान दे दी। हुए। । देश के दुश्मनों से आज़ाद हिन्द फ़ौज में शामिल:
  40. मुहम्मद यूसुफ़ ग्राम इब्राहीम जेर ज़िला कोहाट में पैदा हुए। पहले बहादुर ग्रुप में 1942 में शामिल हुए। इम्फाल के करीब फ़िरंगियों से मुक़ाबला करते हुए शहीद हुए।
  41. नबी बख़्श ग्राम मियाँवाली जिला कपूरथला पंजाब में पैदा हुए। मलाया में दूसरे गोरिल्ला रेजीमेंट में शामिल हुए। 1942 में इम्फाल के क़रीब मैदाने जंग में ही शहीद हो गए।
  42. नूर हसन – ग्राम काफ़ी ज़िला केम्बलपुर पंजाब में पैदा हुए। 1942 में मलाया में आज़ाद हिन्द फ़ौज में शामिल हुए। सिंगापुर में नवम्बर 1944 में शहीद हो गए।
  43. सोगंद अली – ज़िला रोहतक हरियाणा में पैदा हुए। आज़ाद हिन्द फ़ौज की पहली गोरिल्ला रेजीमेंट में सिंगापुर में 1942 में शामिल हुए। मैदाने जंग में ही शहादत पाई।
  44. ताज मुहम्मद – ग्राम गूजर गढ़ ज़िला मर्दान में पैदा हुए। आज़ाद हिन्द फ़ौज के पहले ग्रुप में लेफ़्टीनेंट थे। ब्रिटिश शासन ने गिरफ़्तार कर लिया। लखनऊ में क़ैद की हालत में 1946 में शहीद हुए।
  45. जहूर अहमद – ज़िला शैख़पुरा पंजाब में पैदा हुए। मलाया में आज़ाद हिन्द फ़ौज में शामिल हो गए। बर्मा में अंग्रेज़ी फ़ौज से लड़ते हुए गिरफ़्तार हुए। कोर्ट मार्शल के बाद 23 अगस्त 1943 फांसी पर चढ़ा दिए गए।
  46. अब्दुल अज़ीज़ वल्द अब्दुल कय्यूम — ग्राम बरोली जिला बुलन्दशहर में पैदा हुए। आज़ाद हिन्द फ़ौज में शामिल हो गए। मैदाने जंग में अंग्रेजों के ख़िलाफ़ लड़ते हुए शहीद हुए।
  47. अब्दुल ग़नी- मलाया में आज़ाद हिन्द फ़ौज में शामिल हो गए। यूनिट न. 451 में भर्ती हुए। 16 मार्च 1945 को अंग्रेज़ी फ़ौज से बर्मा में मुक़ाबला किया और शहीद हुए।
  48. मुहम्मद अब्दुल क़ादिर ग्राम वाकम ज़िला त्रिवेन्द्रम केरल में 25 मार्च 1917 को पैदा हुए। मलाया में 1942 में आज़ाद फ़ौज में शामिल हो गए। अंग्रेज़ी हुकूमत ने गिरफ़्तार कर जासूसी का इलज़ाम लगाया।
  49. 15 सितम्बर 1942 को मद्रास में फांसी दे दी गई।
  1. अब्दुर्रशीद खां -आज़ाद हिन्द फ़ौज की दूसरी गोरिल्ला रेजीमेंट में बतौअफ़सर शामिल हुए। मैदाने जंग में ही शहादत पाई।
  2. अब्दुर्रज़्ज़ाक़ वल्द मुन्शी ख़ां – ग्राम सेम्बल ज़िला रोहतक में पैदा हुए 1942 में आज़ाद फ़ौज की दूसरी गोरिल्ला रेजीमेंट में शामिल हुए और अंग्रेज़ी फ़ौज से लड़ते हुए कल्योरा बर्मा में शहीद हुए।
  3. अहमद ख़ां वल्द श्री हातिम खां ग्राम करला जामन ज़िला डेरा ग़ाज़ी खां सूबा सरहद में पैदा हुए। 1942 आज़ाद हिन्द फ़ौज की तीसरी गोरिल्ला रेजीमेंट में बतौर हवलदार शामिल हो गए। अंग्रेज़ी फ़ौज से लड़ते हुए ज़ख्मी हुए। मै अस्पताल बर्मा में अंतिम सांस ली।
  4. सय्यिद अखतर अली वल्द सय्यिद इफ़तिख़ार अली हकीम आज़ाद हिन्द फ़ौज की दूसरी गोरिल्ला रेजीमेंट में बतौर कैप्टन शामिल हुए। मैदाने जंग में शहीद हुए।
  5. अख़तर महमूद जर्मनी में आज़ाद फ़ौज में शामिल हुए। इटली में मोर्चे पर शहीद हुए।
  6. अली अकबर—ग्राम बदाई ज़िला गुजरात पंजाब में पैदा आज़ाद हिन्द फ़ौज में जर्मनी में शामिल हुए। फ्रांस में मोर्चे पर शहीद हुए।
  7. अली ख़ां जर्मनी में आज़ाद हिन्द फ़ौज में शामिल हुए और फ्रांस में मोर्चे पर शहीद हुए।

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