वामपंथ और दक्षिणपंथ का मतलब [लेख pdf]
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वामपंथ और दक्षिणपंथ का मतलब [लेख pdf]

by Srijanee Mukherjee
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वर्तमान में जिस तरह से आये दिन न्यूज चैनलों तथा अख़बारों में वामपंथ और दक्षिणपंथ के संबंध में खबर आती रहती है/ डिबेट देखने को मिलता है लेकिन जो भी दर्शक या श्रोतागण होते है उनको इन दो शब्दों के बारे में बहुत ज्यादा जानकरी न होने के कारण, ऐसे समाचार और डिबेट समझने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है इसलिए आज का यह लेख वामपंथ और दक्षिणपंथ के ऊपर है |

वामपंथ में वाम का मतलब “बाया” तथा पंथ का मतलब “रास्ता”, इसको ऐसे समझते है यह एक ऐसा रास्ता है जो क्रांतिकरियों के युग से चला आ रहा हो उसे  वामपंथ कहते है|

वामपंथ और दक्षिणपंथ शब्द की उत्त्पति :-

फ़्रांसीसी क्रांति/ फ्रेंच रिवोल्यूशन से निकली दो विचारधाराएँ है जब फ़्रांस में क्रांति हुयी उसके बाद वहाँ एक सभा का आयोजन  होता है  “जहाँ पर फ़्रांस का राजा जिसका वहां की पूरी प्रजा विरोध कर रही थी उसे कितने और कौन- कौन से अधिकार दिए जाये”|

फ्रांसीसी क्रांति (1789- 1799) के समय दायें और बांये शब्दों का प्रचलन कभी तेजी से हुआ, दरअसल फ़्रांस में पुरानी संसद जिसका नाम “एस्तात जनरल” था उसमें दायीं ओर बैठने वाले वामपंथी और दायीं ओर बैठने वाले दक्षिणपंथी कहलाये|

वामपंथी की पहचान :-

एक ऐसी विचारधारा जो बदलाव की बात करे और प्रगतिशील/प्रोग्रेशिव हो,और   समानता की बात करे तथा उच्च एवं निम्न वर्ग को समानता की द्रष्टि से देखने के साथ- साथ गर्भ गिरना, समान लिंग विवाह का भी समर्थन करते है | ये मौत की सजा का भी विरोध करते है,इस तरह की विचारधारा को वामपंथी विचारधारा कहा गया है|

वर्तमान में, वामपंथी विचारधारा समानता, समाजवाद,और शासन में सरकार की अधिक भागेदारी को बढ़ावा देती है इसको उदाहरण से ऐसे समझते है:-

वामपंथी विचारधारा का मानना है कि व्यापार पर अधिक नियम हों/ अर्थव्यवस्था में सरकार का ज्यादा हस्तक्षेप हो (उत्पादन के मामलों पर, आर्थिक मामलों पर सरकार आनी चाहिए आदि) और अमीरों पर अधिक कर लगना चाहिए तथा धर्म और सरकार में वियोग होना चाहिए (सरकार और धर्म में किसी भी तरह का जुड़ाव नहीं होना चाहिए) |

दक्षिणपंथ की पहचान:-

इस पंथ में रुढ़िवादी होते है और धर्म के ज्यादा वरीयता देते है, “यह देख गया है कि सामाजिक परिवेश में ये चाहते है जो सदियों से चली सोच आ रही है वैसी ही चलती रहे लेकिन आर्थिक रूप से उदारवादी होते है”|

दक्षिणपंथ विचारधारा के लोग आर्थिक नीतियों को छूट देने की बात करता है इसकी पहचान इस प्रकार की जा सकती है :-

इस विचारधारा के लोग राष्ट्रवाद का बढ़ा-चढ़ाकर बाते करेंगे तथा लोगों की व्यक्तिगत स्वतन्त्रता के बारे में भी बातें करेंगे इसके साथ-साथ धर्म का समर्थन करते और इनकी विचारधारा परम्परा एवं रुढ़िवाद होती है|

यहाँ तक कि दक्षिणपंथ विचारधारा के लोग चाहते है कि अर्थव्यवस्था में सरकार का न्यूनतम हस्तक्षेप, न्यूनतम कर, कठोर दंड और आप्रवसन का विरोधी आदि तरह की सोच होती है|

वर्तमान में मध्यपंथ चल रहा है यहाँ यह भी जानने की जरूरत है कि भारत देश में जितने भी राजनैतिक दल है उनमें से किस राजनैतिक दल की क्या विचार धारा है:-

वामपंथ विचारधारा के राजनैतिक दल :-CPI, JDU AAP

मध्यपंथ विचारधारा के राजनैतिक दल :- कांग्रेस

दक्षिणपंथ विचारधारा के राजनैतिक दल:- BJP, शिवसेना

दक्षिणपंथ विचारधारा की पहिचान कैसे की जाती है?

इस विचारधारा के लोग राष्ट्रवाद, लोगों की व्यक्तिगत स्वतन्त्रता, धर्म का समर्थन, परम्परा एवं रुढ़िवाद, न्यूनतम कर, कठोर दंड और आप्रवसन का विरोधी आदि तरह की सोच रखते है|

वामपंथी विचारधारा किस तरह की बात करता है ?

  1. बदलाव की बात करता है|
  2. उच्च वर्ग तथा निम्न वर्ग में समानता की बात करता है|
  3. प्रगतिशील विचारधारा की बात करता है|
  4. समान लिंग विवाह का समर्थन करता है |
  5. ये मौत की सजा का भी विरोध करते है |

फ़्रांस की पुरानी संसद का क्या नाम था?

“एस्तात जनरल”

फ्रांसीसी क्रांति का समय कब से कब तक माना जाता है?

वर्ष 1789 से 1799 के बीच का समय फ्रांसीसी क्रांति का समय कहा जाता है |

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