वर्तमान में जिस तरह से शिक्षा का स्तर बदल रहा है उसको देखते हुए भारत सरकार परीक्षा तथा सामाजिक अध्यन के पैटर्न पर बहुत ध्यान दे रही है इसीलिए आये दिन राजनीति विज्ञान के विषय व्यवहारवाद पर चर्चाएँ देखने को मिलती है इसको देखते हुए इस लेख में इस शब्द के बारे में पढ़ेगे तथा इसके इतिहास और परम्परागत राजनीति को भी समझेंगे|
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व्यवहारवाद का अर्थ तथा परिभाषा:-
राबर्ट ए डहल के अनुसार “व्यवहारवादी क्रांतिपरम्परागत राजनीति विज्ञानं की असफलताओं के प्रति असंतोष का परिणाम है, इस क्रांति का उद्देश्य राजनीति विज्ञानं को अधिक वैज्ञानिक बनाना है इसके साथ साथ ब्लेयर कोलासा ने भी कुछ लिखा है जोकि इस प्रकार है
“ब्लेयर कोलासा के अनुसार “व्यवहारवाद राजनीतिक संदर्भों में व्यक्ति- समूहों का अध्यन है”|
व्यवहारवादी आंदोलन के लक्ष्य एवं उद्देश्य (Aims and objective of the Behavioral Movement):-
व्यवहारवाद राजनीतिक विज्ञान को समझने के कुछ उद्देश्य है जिस्नको समझना अतिआवश्यक माना गया है इसका जन्म एक ऐसे व्यचारिक आंदोलन से हुआ जिसका उद्देश्य एक परम्परागत राजनीतिक विज्ञानं के एक नये विचार की स्थापना करता है|
- एक नवीन राजनीति विज्ञानं की स्थापना (Establishment of new political science) |
- राजनीति को विज्ञान के रूप में विकसित करना (Developing politics as a science)
- राजनीतिक संदर्भ में मानव व्यवहार का अध्ययन (study of human behavior in political context)
- अन्य सामाजिक विज्ञानों के साथ घनिष्ट संबध की स्थापना (Establish close relationship with other social science)
व्यवहारवाद की विशेषताएं:-
इनको व्यवहारवाद आंदोलन की आधारशिला माना गया है|
- नियमितताएँ (Regularities)
- सत्यापन (Verification)
- प्रविधियाँ ( Technique)
- परिमाणन (Quantification)
- मूल्य (Value)
- क्रमवद्धधता (Serialization)
- विशुदद्य विज्ञान (Pure science)
इनको व्यवहारवाद आंदोलन की आधारशिला माना गया है|
- नियमितताएँ (Regularities)
- सत्यापन (Verification)
- प्रविधियाँ ( Technique)
- परिमाणन (Quantification)
- मूल्य (Value)
- क्रमवद्धधता (Serialization)
- विशुदद्य विज्ञान (Pure science)
- एकीकरण (Integration)
व्यवहारवाद की उपलब्धियां, उपयोगिता एवं महत्त्व ( Achievements, Utility And Importance of behaviorism):-
- नवीन राजनीति विज्ञान की स्थापना (Establishment of new Political Science)
- अध्ययन वस्तु में परिवर्तन (Change of study object)
- अंतर आनुशासनात्मक द्रष्टिकोण की स्थापना (Establishment of Inter- disciplinary approach)
- वैकल्पिक धारणाओं का प्रस्तुतीकरण (Submission of alternative assumptions)
विश्लेषण :-
जब व्यवहारवाद की उपलब्धियों तथा उपयोगिताओं की बात की जाती है तो ज्यादातर विज्ञानवादियों ने बहुत तरह की आलोचनाएँ की है तथा कई आधारों पर पर इसके अच्छे पक्ष भी बताये गये है जो कि उपरोक्त बताये गये है जिसमें सबसे पहले नवीन राजनीति विज्ञान की स्थापना की स्थापना करने की बात आती है, इसके जितनी भी कमियां थी उनको प्रकट करके, उसके स्थान पर नये राजनीति विज्ञान की स्थापना की है|
इसके साथ- साथ दूसरे लेख में अध्ययन वस्तु में परिवर्तन के बारे में बताया गया है, पहले राजनीति विज्ञान का अध्यन केंद्र नहीं था लेकिन व्यवहारवाद ने उन संस्थाओं के स्थान पर, दूसरे अध्यन के केंद्र स्थापित किये |
अंतर आनुशासनात्मक द्रष्टिकोण की स्थापना का अर्थ , यदि राजनीति विज्ञानं में आनुशासनात्मकअनु को विषय भी कह सकते है यानि जो अलग- अलग विषय है उनकी स्थापना करना|
व्यवहारवाद में वैकल्पिक धारणाओं का प्रस्तुतीकरण, राजनीति विज्ञान को अनेक वैकल्पिक धारणाएं प्रदान की है जिनका राजनैतिक व्यवहार के अंदर विशेष रूप से महत्त्व दिया गया है|
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