वर्तमान में जिस तरह नक्सलवाद को लेकर अख़बारों, न्यूज चैनलों में बाते आती है, सामाजिक आंदोलन के रूप में सुनी जाती है तथा कई बार इस पर निबंध लिखने को कहा जाता है तो इसलिए आज के इस लेख में नक्सलवाद के बारे में अच्छे से समझेंगे, यह क्या है? सरकारों की क्या रणनीति रहती है और यह समस्या कैसे उत्पन्न हुयी?
- विशेष राज्य का दर्जा (विशेष श्रेणी / एससीएस) की विशेषताएं क्या है?
- सी-सेक्सन/ Caesarean Delivery डिलिवरी के आंकड़े दिन-प्रतिदिन बढ़ते दिख रहे है, पूरी जानकरी क्या है?
- लोक सभा में अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष का चुनाव तथा नियम 8 की जानकारी बहुत महत्वपूर्ण है
- लोकसभा उपसभापति/उपाध्यक्ष की भूमिका और इतिहास का वर्णन कीजिये
- भारतीय इतिहास में किलों की प्रथम खोज कब हुयी थी पूरी जानकरी देखिये |
नक्सलवाद क्या है (What s the Naxialism) :-
ऐसा कहा जाता है कि इस नाम की उत्त्पति भारत में हुयी है “पश्चिम बंगाल का एक गाँव है नक्सलबाड़ी, वहां से इस शब्द की उत्त्पति मानी जाती है” इसलिए इसको नक्सलवाद कहा जाता है |
भारत में नक्सली हिंसा की शुरुआत वर्ष 1967 में पश्चिम बंगाल के दार्जलिंग जिले के नक्सलवाड़ी नामक गाँव से हुयी थी, पश्चिम बंगाल तथा केरल ऐसे दो राज्य रहे है मार्कवादी सरकार, कम्युनिस्ट तथा लेफ्ट की सरकारों ने लम्बे समय तक शासन किया है | भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता चारू मजूमदार और कानू सान्याल ने वर्ष 1967 में सत्ता के खिलाफ एक सशस्त्र आंदोलन की शुरुआत की |
इन्होने जमीदारों तथा छोटे किसानों के उत्पीड़न पर अंकुस लगाने के लिए सत्ता के खिलाफ शुरू इस सशस्त्र आंदोलन को नक्सलवाद का नाम दे दिया हालाँकि पहले इसका उद्देश्य सत्ता के खिलाफ बगावत करना नहीं था बल्कि लोगों में समानता लाना, समाजवाद को स्थापित करना तथा जमींदारों के शोषण से छोटे किसानों को आजाद करना था |
आंदोलनकारियों का मानना था कि भारतीय मजदूरों और किसानों की दुर्दशा के लिए सरकारी नीतियाँ जिम्मेंदार है इस प्रकार हिंसा के माध्यम से किसानों को जमींदारों के शोषण से मुक्त करने की विचारधारा को नक्सलवाद कहा गया है |
नक्सलवादी आंदोलन का प्रमुख नाम :-
इस तरह के आंदोलन को कभी- कभी माओबादी आंदोलन भी कहा जाता है क्योंकि यह चीन के कम्युनिस्ट नेता माओ त्से तुंग की विचारधारा से प्रेरणा करता है, माओ त्से तुंग परिवर्तन अथवा अपने हितों की रक्षा के लिए सशस्त्र विद्रोह में विश्वास रखते थे तथा इसका प्रमुख कथन था कि सत्ता बंदूक की गोली से निकलती है |
नक्सलवाद से प्रभावित राज्य (Naxalite affected states):-
यह पशुपति (नेपाल) से तिरुपति (आंध्रप्रदेश) तव विस्तृत माना जाता है, भारत देश के 8 राज्य नक्सलवाद की समस्या से जूझ रहे हैं –
- छत्तीसगढ़
- झारखण्ड
- बिहार
- उड़ीसा
- मध्यप्रदेश
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- आंध्रप्रदेश
नक्सलवाद से प्रभावित इस क्षेत्रों को लाल गलियारा भी कहा जाता है क्योंकि नक्सलवादियों के झंडे का रंग लाल होता है|
नक्सलवाद की प्रकृति (Nature of naxalism):-
यह सत्य है कि प्रारंभ में नक्सलवाद को स्थानीय जनता का विश्वास एवं समर्थन प्राप्त था किन्तु धीरे- धीरे इस विश्वास का आधार खोता जा रहा है, इसके आलावा शुरू में नक्सलबादी नेता स्थानीय लोगों के हित में कार्य करते थे कितु बाद में जब सरकारी नीतियों का लाभ लोगों तक पहुचने लगा तो नक्सलियों ने आम जनता में भय स्थापित करके की राजनीति अपनाई|
वर्तमान में नक्सलवादी यही राजनीति का अनुसरण कर रहे है इसके आलावा कई सरकारी रिपोर्टों में विदेशी फंडिग की बात भी सामने आई है, निश्चित ही यह भारत की आधुनिक सुरक्षा के लिए खतरा है |
- विशेष राज्य का दर्जा (विशेष श्रेणी / एससीएस) की विशेषताएं क्या है?
- सी-सेक्सन/ Caesarean Delivery डिलिवरी के आंकड़े दिन-प्रतिदिन बढ़ते दिख रहे है, पूरी जानकरी क्या है?
- लोक सभा में अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष का चुनाव तथा नियम 8 की जानकारी बहुत महत्वपूर्ण है
- लोकसभा उपसभापति/उपाध्यक्ष की भूमिका और इतिहास का वर्णन कीजिये
- भारतीय इतिहास में किलों की प्रथम खोज कब हुयी थी पूरी जानकरी देखिये |
- Career Guidance
- Country
- Education
- india history
- Literature
- MCQ QUIZ
- NCERT का इतिहास
- Politics
- SSC CGL 2023-2024
- इतिहास के पन्ने
- झारखण्ड का इतिहास
- देश दुनियां
- प्राचीन भारत का इतिहास
- बुंदेलखंड का इतिहास
- भारतीय इतिहास
- भारतीय राजनीति इतिहास
- भारतीय राजनेता
- सामाजिक अध्यन
FAQ
इनके झंडे का रंग लाल होता है क्योंकि लाल रंग रक्त का सिम्बल माना जाता है |
भारत देश के 8 राज्य नक्सलवाद की समस्या से जूझ रहे हैं, जोकि इस प्रकार है –
1- छत्तीसगढ़
2- झारखण्ड
3- बिहार
4- उड़ीसा
5- मध्यप्रदेश
6- महाराष्ट्र
7 – पश्चिम बंगाल
8 – आंध्रप्रदेश
माओ त्से तुंग परिवर्तन अथवा अपने हितों की रक्षा के लिए सशस्त्र विद्रोह में विश्वास रखते थे तथा इसका प्रमुख कथन था “कि सत्ता बंदूक की गोली से निकलती है” |
वर्ष 1967 में, इन्होने सत्ता के खिलाफ एक सशस्त्र आंदोलन की शुरुआत की थी|
भारत में इसकी शुरुआत वर्ष 1967 में पश्चिम बंगाल के दार्जलिंग जिले के नक्सलवाड़ी नामक गाँव से मानी जाती है |