स्वदेशी आंदोलन का उदभव कैसे हुआ और उसके क्या- क्या कारण रहे और इनको किसके द्वारा शुरू किया गया इसके साथ-साथ इस आंदोलन के पूर्ण संयुक्त बंगाल का ढांचा और विभाजित बंगाल का ढांचा कैसा था इस लेख में स्वदेशी आंदोलन की पृष्ठभूमि व उसके कारण को समझेगे|
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स्वदेशी आंदोलन की पृष्ठभूमि:-
- सर्वप्रथम 1903 ई. में बंगाल के विभाजन का प्रस्ताव सार्वजानिक हुआ था |
- 19 जुलाई, 1905 को बंगाल विभाजन की घोषण की गयी थी |
- सर्वप्रथम इस विभाजन का विशेष कृष्ण कुमार मित्र की पत्रिकासंजीवनी में किया गया था|
- 7 अगस्त 1905, को इस विभाजन के विरोध में कलकत्ता के टाउन हाल में स्वदेशी आंदोलन प्रारंभ |
- 16 अक्टूबर 1905 को बंगाल विभाजन लागू कर दिया गया था|
- अब संयुक्त बंगाल को पश्चिमी बंगाल और पूर्वी बंगाल में बाँट दिया गया इसी विभाजन के खिलाफ स्वदेशी आंदोलन हुआ था |
स्वदेशी आंदोलन तथा बंगाल विभाजन के दौरान :-
- 16 अक्टूबर, 1905 को बंगाल में शोक दिवस तथा काला दिवस के रूप में मनाया गया था |
- रवीन्द्रनाथ टैगोर के सुझाव पर लोगों ने एक दुसरे के हाथों में रखिया बांधकर एकता को प्रदर्शित किया था |
- स्वदेशी आंदोलन की उत्पत्ति में लाला लाजपत राय, विपिनचंद्र पाल, और कृष्ण कुमार मित्र का योगदान था|
- मध्यम वर्ग में आयी राजनीतिक जागरूकता |
- सरकार की दमनकारी नीति व कानून की स्वदेशी आंदोलन का कारण बने थे |
संयुक्त बंगाल का ढांचा:-
जब बंगाल का विभाजन नहीं हुआ था उस समय इसमें वर्तमान का बिहार,उड़ीसा तथा बांग्लादेश सामिल थे और इन सबकी कुल जनसंख्या 7 करोड़ 50 लाख थी |
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FAQ
इसमें वर्तमान का बिहार/झारखंड,उड़ीसा तथा बांग्लादेश सामिल थे और इन सबकी कुल जनसंख्या 7 करोड़ 50 लाख थी |
16 अक्तूबर 1905 को बंगाल विभाजन लागू कर दिया गया था इसके बाद संयुक्त बंगाल को दो हिस्सों में बाँट दिया गया जिसको पश्चिमी बंगाल तथा पूर्वी बंगाल का नाम दिया गया |
19 जुलाई, 1905 को बंगाल विभाजन की घोषण की गयी थी यह पहली बार की गई घोषणा की, यहां यह जानना जरुरी है कि अभी बंगाल विभाजन हुआ नहीं था, सिर्फ घोषणा की गयी थी|
सर्वप्रथम 1903 ई. में बंगाल विभाजन का प्रस्ताव आया था (न्यूज पेपरों के माध्यम से, संगठनों के माध्यम से तथा राजनैतिक/ भारतीयों के द्वारा)| उस समय के वायसराय लार्ड कर्जन के द्वारा का मानना था कि बंगाल में हिंदू तथा मुस्लिमों के अलग कर दिया जाये इसलिए यह प्रस्ताव लाया गया था |
सबसे पहले इस विभाजन के बारे में कृष्ण कुमार मित्र की पत्रिका संजीवनी में किया गया था
इस आंदोलन की उत्पत्ति में लाला लाजपत राय, विपिनचंद्र पाल, और कृष्ण कुमार मित्र का सबसे ज्यादा योगदान था|
सबसे पहले 16 अक्टूबर, 1905 को बंगाल में शोक दिवस तथा काला दिवस के रूप में मनाया गया था |