दीनदयाल उपाध्याय पर निबंध तथा चर्चा [Class 8th, 9th,10th] PDF
Home » दीनदयाल उपाध्याय पर निबंध तथा चर्चा [Class 8th, 9th,10th] PDF

दीनदयाल उपाध्याय पर निबंध तथा चर्चा [Class 8th, 9th,10th] PDF

by Srijanee Mukherjee
0 comment

इनका जन्म 25  सितम्बर, 1916 उत्तर प्रदेश के मथुरा में (जिसे आज दीनदयाल धाम कहा जाता है) एक माध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था इसके परदादा का नाम पंडित हरिराम उपाध्याय था जो कि एक प्रख्यात ज्योतिषी थे, इनके पिता का नाम  श्री भगवती प्रसाद उपाध्याय तथा माँ का नाम रामप्यारी था | दीनदयाल जी के पिता जलेसर में सहायक स्टेशन मास्टर के रूप में कार्य करते थे और माँ बहुत ही धर्मिक विचारधारा वाली महिला थी |

दीनदयाल उपाध्याय 1916 -1968:-

यह एक राजनैतिक विचार के साथ-साथ एक अर्थशाष्त्री, समाजसेवी, इतिहासकार तथा पत्रकार भी रहे, उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के निर्माण में महत्वपूर्ण भागीदारी निभाई और भारतीय जनसंघ (वर्तमान भारतीय जनतापार्टी ) के अध्यक्ष भी रहे| इन्होने ब्रिटिस शासन के दौरान भारत द्वारा पश्चिमी धर्मनिरपेक्षता और पश्चिमी लोकतंत्र का आँख बंद कर समर्थन का वरोध किया |यधपि उन्होंने लोकतंत्र की अवधारणा को सरलता से स्वीकार कर लिया, लेकिन पश्चिमी कुलीनतंत्र शोषण और पूंजीवाद मनने से साद इनकार कर दिया था |

दीनदयाल उपाध्याय का बचपन और प्रारंभिक जीवन :-

इन्होने ने कम उम्र में ही जीवन के अनेक उतार-चढ़ाव देखे परंतु अपने दृढ़ निश्चय से जिन्दगी में आगे बढ़े, उन्होंने सीकर से हाई- स्कूल की परीक्षा पास की | जन्म से बुद्धिमान और उज्जवल प्रतिभा के धनी दीनदयाल को स्कूल और कॉलेज के अध्यन के दौरान कई स्वर्ण पदक और प्रतिष्ठित पुरुस्कार प्राप्त हुए | अपनी स्कूली शिक्षा जीडी बिड़ला कालेज, पिलानी और स्नातक  की शिक्षा कानपुर विश्वविद्यालय से सनातन धर्म कॉलेज से पूरी की |  इसके पश्चात् उन्होंने सिविल सेवा की परीक्षा पास की लेकिन आम जनता की सेवा की खातिर उन्होंने इसका परित्याग कर दिया था |

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)के साथ संबंध :-

  1. वर्ष 1937 में, अपने कॉलेज के दिनों में वे कानपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साथ जुड़े, यहाँ उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार से बातचीत की और संगठन के प्रति पूरी तरह अपने आपको समर्पित कर दिया|
  2. वर्ष 1942 में कॉलेज की शिक्षा पूर्ण करने के बाद उन्होंने न तो नौकरी के लिए प्रयास किया और न ही विवाह किया बल्कि वे संघ की शिक्षा का प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 40  दिवसीय शिविर में भाग लेने के लिए नागपुर चले गये |

जनसंघ के साथ संबंध :-

भारतीय जनसंघ की स्थापना डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी के द्वारा वर्ष 1951 में की गयी एवं दीनदयाल उपाध्याय को प्रथम महासचिव नियुक्त किया गया और वे लगातार दिसंबर 1967 तक जनसंघ के महासचिव बने रहे | इस प्रकार उन्होंने लगभग15 वर्षों तकमहासचिव के रूप में जनसंघ की सेवा की | भारतीय जनसंघ के 14वें वार्षिक अधिवेशन में दीनदयाल जी को दिसंबर 1976 में कालीघाट में जनसंघ का अध्यक्ष निर्वाचित किया गया |   

दीनदयाल उपाध्याय भारतीय जनसंघ के महासचिव कब से कब तक रहे ?

जब  जनसंघ की स्थापना वर्ष 1951 में की गयी थी तब दीनदयाल उपाध्याय को प्रथम महासचिव नियुक्त किया गया इसके बाद वे लगातार दिसंबर 1967 तक जनसंघ के महासचिव बने रहे |

दीनदयाल उपाध्याय क्या थे?

यह एक राजनैतिक विचार के साथ-साथ एक अर्थशाष्त्री, समाजसेवी, इतिहासकार तथा पत्रकार रहे तथा इन्होने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के निर्माण में महत्वपूर्ण भागीदारी निभाई और भारतीय जनसंघ (वर्तमान भारतीय जनतापार्टी ) के अध्यक्ष भी रहे|

You may also like

About Us

Lorem ipsum dolor sit amet, consect etur adipiscing elit. Ut elit tellus, luctus nec ullamcorper mattis..

Feature Posts

Newsletter

Subscribe my Newsletter for new blog posts, tips & new photos. Let's stay updated!