सिद्दो मुर्मू, कान्हू मुर्मू का भोगनाडीह वर्तमान घर कैसा है ?
Home » सिद्दो मुर्मू, कान्हू मुर्मू का भोगनाडीह वर्तमान घर कैसा है फोटो डाउनलोड कीजिये

सिद्दो मुर्मू, कान्हू मुर्मू का भोगनाडीह वर्तमान घर कैसा है फोटो डाउनलोड कीजिये

by Srijanee Mukherjee
0 comment

झारखण्ड के इतिहास में ऐसे बहुत महापुरुष हुए जिन्होंने जल-जंगल और जमीन के लिए अपनी कुर्बानियां दे दी औए ऐसा भी कहा है संथाल विद्रोह के दौरान 20 हजार आदिवासियों ने अपना बलिदान दिया था, लेकिन यह बहुत दुःख की बात है कि भारत देश के अधिकतम राज्य के निवासी ऐसे है जो इन युगपुरुष सिद्दो-कान्हू मुर्मू के बारे में नहीं जानते है |

घर का द्वार:-

सिद्दो कान्हू मुर्मू और संथाल परगना:-

वर्तमान के संथाल परगना को अंग्रेजों के समय जंगल तराई के नाम से जाना जाता था यहाँ के आदिवासी लोग इस क्षेत्र में 1790 ई. से 1810 ई.के बीच बसे उसके बाद जब अंग्रेज आये तब संथाल परगना को अंग्रेजों द्वारा दामिन ए कोह कहा जाता था और इसकी घोषणा 1824 ई. को हुयी थी|

सिद्दो मुर्मू, कान्हू मुर्मू की घर के अंदर की तश्वीर:-

जन्म :-

इनका जन्म क्रमशः1815 ई. तथा 1820ई. भोगनाडीह नामक गाँव में एक संथाल आदिवासी परिवार हुआ जोकि वर्तमान में झारखण्ड के साहेबगंज जिला के बरहेट प्रखंड में स्थित है इनके दो और भाई थे जिनका नाम चाँद मुर्मू तथा भैरव मुर्मू था इसके अलावा दो बहिने भी थी जिनका नाम फूलो मुर्मू तथा झानो मुर्मू थे | इन 6 भाई बहिनों के पिता का नाम चुन्नी मांझी था यहाँ इन परिवार के लोगों का वर्तमान का घर देखेंगे |

इसे भी पढ़े :- मिनी बाबा के दर्शन घर बैठे |
दुमका जिला के आदिवासी गाँव कैसे होते है, 50 फोटो

घर के अंदर का द्रश्य:-

इसे भी पढ़े :- कैसे हार गये 2 बार के केंद्र सरकार के मंत्री
इसे भी पढ़े :- आदिवासियों के त्यौहार कौन- कौन से होते हैं

नेशनल रीडिंग डे/पीएन पणिक्कर पर निबंध कैसे लिखें

घर का बाहरी क्षेत्र:-

अंग्रेजों ने संथाल परगना को क्या नाम दिया था?

अंग्रेजों के द्वारा संथाल परगना को दामिन ए कोह कहा जाता था और इसकी घोषणा 1824 ई. को की थी |

You may also like

About Us

Lorem ipsum dolor sit amet, consect etur adipiscing elit. Ut elit tellus, luctus nec ullamcorper mattis..

Feature Posts

Newsletter

Subscribe my Newsletter for new blog posts, tips & new photos. Let's stay updated!