वर्तमान में इस मंदिर का जीर्णोद्धार किया जतेगा, यहाँ जीर्णोद्धार का मतलब (जो मंदिर खंडहर में बदल जाता उसको पुनः से खड़ा करना जीर्णोद्धार कहलाता है) हाल ही में संस्कृति विभाग, भारत सरकार के सचिव इस पर चर्चा कर रहे है कि कश्मीर में जितने भी मंदिर है उनकी सुरक्षा तथा संरक्षण के साथ- साथ मार्तंड सूर्य मंदिर का पुनरवलोकन कैसे किया जाये |
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मार्तंड सूर्य मंदिर का इतिहास:-
यह भारत देश के जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में स्थित है, इसका निर्माण सूर्यवंशी कर्कोट वंशीय राजा ललितादित्य मुक्तापीठ द्वारा किया गया था, मंदिर को राष्ट्रीय महत्त्व स्थलों के रूप में मान्य प्राप्त है और इस मंदिर को मुस्लिम शासक सिकंदर शाह मिरी के द्वारा नष्ट किया गया था |
ललितादित्य मुक्तापीठ कौन थे ?
इनके बारे में ऐसे साक्ष्य मिलते है, 699 इस्वी में ललितादित्य मुक्तापीठ का जन्म हुआ था पिता का नाम दुर्लभक प्रतापादित्य तथा यह कर्कोट कायस्थ परिवार से थे यह लोग कश्मीर के शक्तिशाली योद्धाओं में गिने जाते थे हालाकिं यह अपने लिए बहुत कुछ नहीं कर सके लेकिन इनके पुत्र ललितादित्य ने कर्कोट कायस्थ वंश को बहुत बड़े पैमाने पर स्थापित किया तथा 724 ई. में कश्मीर पर अपना अधिकार जमा लिया |
मार्तंड सूर्य मंदिर में कितने स्तम्भ है ?
84 स्तम्भ है |
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रिसर्च के अनुसार, इसको बनाने में चूने के पत्थर की ईटों का उपयोग किया गया था |
यह 8वीं शताब्दी का मंदिर है, गंधार कला और चीनी वास्तुकला का मिश्रण देखने को मिलता है|
ऐसे कहा जाता है कि इस मंदिर को मुस्लिम शासक सिकंदर शाह मिरी के द्वारा नष्ट किया गया था तथा इसकी जो भी इटें थी वो अलग-अलग मस्जिदों में लगाई गयी थी |
ललितादित्य मुक्तापीठ, इनको कश्मीर का सिकंदर भी कहा जाता है |
इसके पिता का नाम दुर्लभक प्रतापादित्य था यह कर्कोट कायस्थ वंश से संबंध रखते थे |
ललितादित्य मुक्तापीठ