प्रधानमंत्री ने 2024 का लोक सभा चुनाव जीतने के बाद अपना 3.0 का कार्यकाल शुरू किया लेकिन यह भी कहा जा रहा है , वर्ष 2014 के बाद पहली बार भूमिका में आये राहुल गाँधी को विपक्षी दलों का नेता चुना गया है तो सबसे पहले विपक्ष क्या होता है तथा उसकी क्या जिम्मेदारियां हैं इसको समझेंगे |
भारत में विपक्ष का नेता कौन होता है ?
इस देश में विपक्ष का नेता (LoP) एक राजनैतिक व्यक्ति होता है जो भारतीय संसद के दोनों सदनों लोक सभा (अनुच्छेद 81) या राज्य सभा (अनुच्छेद 80) (राज्यों का परिषद्) में विपक्षी पार्टियों का नेतृत्व करता है तथा इसकी भूमिका के बारे में, संसद अधिनियम 1977 में वेतन और भत्ते को परिभाषित किया गया है|
विपक्ष के नेता का निर्धारण कैसे किया जाता है?
संविधान के अनुसार, विपक्ष के नेता आम तौर पर लोक सभा या राज्य सभा में, विपक्षी दलों में सबसे बड़े राजनीतिक दल का होता है तथा इस पद को राज्य सभा के सभापति और लोक सभा के अध्यक्ष द्वारा मान्यता दी जाती है|
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विपक्ष के नेता की क्या- क्या जिम्मेदारियां होती हैं?
भारत की संसदीय प्रणाली में विपक्ष के नेता की महत्वपूर्ण भूमिका होती है जिसको उसकी जिम्मेदारियों में शामिल है |
- सत्ताधारी/सत्तारूढ़ दल की नीतियों और कार्यों की व्यावहारिक आलोचना और जाँच करना |
- बहस और चर्चाओं में विपक्ष/ विपक्षी दलों का नेतृत्व करना तथा यदि सत्तारूढ़ दल की सरकार गिरने की स्थिति में वैकल्पिक सरकार के रूप में कार्यभार संभालने के लिए तैयार रहना |
- केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त (CVC) और सतर्कता के आयुक्त के चयन जैसी प्रमुख नियुक्तियों में भाग लेना है |
सबसे पहले याह बहस 1950 के दशक में शुरू हुयी थी जब प्रथा से उभरी स्पीकर ने सहन की ताकत के 10 % या उससे कम होने के आधार पर पार्टियों को “पार्टियों” और समूहों के रूप में वर्गीकृत किया था |