बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर केंद्र सरकार ने चुप्पी साध ली है इसके पीछे का कारण वहां की राजनीति को बताया गया है यदि इस प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा मिल जाता हो तो वहाँ के लोगों को क्या क्या लाभ होता और किस-किस तरह के रोजगार श्रजित होते |
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विशेष राज्य का दर्जा पाने के लिए बिहार प्रदेश की असफलता फिर से क्यों हुयी ?
बिहार में भाजपा के साथ गठबंधन सरकार चलाने वाली नितीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) पूर्वी राज्य (बिहार के लिए) विशेष श्रेणी का दर्जा माँगा इसके साथ- साथ बीजू जनता दल (बी जेडी)और युवजन रायथू कांग्रेस पार्टी (बाईएसआरसीपी) ने क्रमशः ओड़िसा और आन्ध्र प्रदेश के लिए सरकार से मांग की थी | हालाँकि 2014 से सरकार ने किसी भी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया है , इस मामले में अवगत लोगों ने बताया कि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान (लोक सभा 2024 के चुनाव में भाजपा का सहयोगी दल) ने भी बिहार के विशेष श्रेणी का दर्जा देनें की मांग की थी |आजादी के बाद 10 ऐसे राज्य हैं जिनको विशेष श्रेणी क्र राज्यों का दर्जा दिया जा चुका है |
आंध्रप्रदेश और बिहार एससीएस की मांग का कारण क्या है ?
बिहार :-विशेष राज्य के दर्जा की मांग करने के लिए विहार को लगभग 20 वर्ष हो चुके है जब से झारखण्ड राज्य को अलग किया गया है यहाँ यह भी कह सकते है बिहार तब से इसकी मांग कर रहा है जब वर्ष 2000 में खनिज संपदा से झारखण्ड को इससे अलग कर दिया था | केंद्र सरकार की बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई), रिपोर्ट के अनुसार बिहार को भारत का सबसे गरीब राज्य बताया गया है फिर भी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने सोमवार को कहा कि अंतर मंत्रालयी समूह (आईएमजी) की 2012 की रिपोर्ट के अनुसार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता है, जिससे नितीश कुमार की जनता दल को बहुत बड़ा झटका भी है जो भाजपा का प्रमुख सहयोगी भी है |
- विशेष राज्य का दर्जा (विशेष श्रेणी / एससीएस) की विशेषताएं क्या है?
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विशेष राज्य की विशेषताएं/विशेष राज्य का दर्जा (विशेष श्रेणी / एससीएस) क्या है?
- पहाड़ी और कठिन भूभाग वाला होना चाहिए
- कम जनसँख्या या घनत्व और / आदिवासी आवादी का बड़ा हिस्सा होना चाहिए
- पड़ोसी देखों के साथ सीमाओं पर रणनीति स्थान सोना चाहिए
- आर्थिक और ढांचागत होना जरुरी है
- राज्य के वित्त की गैर -व्यावहारिक प्रकृति होनी जरुरी है
इसे 1969 में पांचवे वित्त आयोग (महावीर त्यागी की अध्यक्षता में ) की शिफारिसो पर कुछ पिछड़े राज्यं को लाभ पहुचाने में किया गया था, उस समय यह सुविधा असम, नागालैंड, जम्मू-कश्मीर को प्रदान की गयी थी |
विशेष श्रेणी के दर्जे के लिए विहार के अनुरोध पर 2012 में अंतर मंत्रालयी समूह (आईएमजी) बनाया गया था जिसने सबसे पहले अपनी रिपोर्ट 30 मार्च 20 12 को प्रस्तुत की थी