बिहार विधानसभा चुनाव की राजनीति को दो भागों में देखा जाता है, एक दौर जब बिहार प्रदेश से झारखण्ड अलग राज्य नहीं बना था, दूसरा जब झारखण्ड को नया राज्य बनाया गया। वर्तमान में पीरपैंती विधानसभा से बीजेपी के ललन कुमार विधायक हैं और यह SC रिजर्व सीट है।
पीरपैंती विधानसभा में पहला चुनाव:-
- यहाँ पहला चुनाव वर्ष 1952 में हुआ था। सन 1952 से 1962 तक लगातार कांग्रेस पार्टी के क्रमशः Shktikant Mishra, Ramjanam Mahto और Baikunth Ram विधायक चुने गये। उसके बाद CIP का दौर आता है जोकि इतिहास के पन्ने में हमेशा दर्ज रहेगा।
- 1967 से 1977 तक लगातार 4 बार अंबिका प्रसाद यहाँ से जीते। हालांकि उसके बाद भी इन्होंने 1990, 1995 में भी जीत हासिल की।
- सन 1980, 1985 में अंबिका प्रसाद के बाद कांग्रेस के दिलीप कुमार सिन्हा ने जीत हासिल की।
- वर्ष 2000 में बिहार से अलग झारखण्ड की स्थापना होती है उसके बाद इस प्रदेश में बदलाव हुआ, जिसमें से कुछ नई विधानसभाओं को जोड़ा गया और कुछ की संख्या में परिवर्तन किया गया।
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और बीजेपी (BJP) का उदय:-
- यह एक ऐसी विधानसभा है जहाँ पर 1951 से लेकर वर्तमान तक बीजेपी ने 2 बार जीत हासिल की जिसमें से 2010 में अमन कुमार पासवान और 2020 में ललन कुमार जीत हासिल की।
- सन 2000, 2005, 2005 राष्ट्रीय जनता दल के Shobhakant Mandal यहाँ से जीते।
विधानसभा का माहौल :-
वर्तमान में जिस तरह से बीजेपी के विधायक ललन कुमार पासवान यहाँ से विधायक हैं लेकिन journalismology टीम में रिपोर्टर ने विधानसभा के अलग-अलग क्षेत्रों ने लोगों से बात की जिससे पता चला। जिस तरह बीजेपी पार्टी के अमन कुमार पासवान ने कार्य किया था उस तरह से ललन कुमार पासवान जनता के कार्यों में फेल हो गये।

journalismology के रिपोर्टर के जनता से सवाल:-
नमस्कार कैसे हैं मुझे बताएं ललन कुमार पासवान का अभी तक का कार्य कैसा रहा?
“ठीक हैं सर, ललन पासवान को आज तक देखा नहीं, कब आते है कब जाते हैं, चुनाव के दौरान आये थे लेकिन चुनाव के बाद नहीं आये। पहले कहा था स्टेडियम बनवायेंगे, 5 वर्ष पुरे होने को हैं, आज तक स्टेडियम नहीं बना।”
यदि नहीं आते हैं तो लोगों वोट क्यों दिया?
“ज्यादातर लोगों ने मोदी जी की वजह से वोट दिया था लेकिन फिर से टिकट मिला तो मुझे नहीं लगता वह जीत सकेंगे, मैंने तो यहाँ तक सुना है कि ललन पासवान के अपमे क्षेत्र से भी वोट नहीं मिलेंगे।
राजद महागठबंधन का कैसा माहौल है?
“सर अभी चुनाव में समय है लेकिन मुझे पूर्ण विश्वास है इस बार परिवर्तन जरूर होगा, हार-जीत किसी की भी हो, लेकिन जनता बदलाव चाहती है। अभी तक तो महागठबंधन की सीटों का बटवारा नहीं हुआ लेकिन बिहार की जनता बदलाव देखना चाहती है”।
क्या लगता है इस बार तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बन सकते हैं?
“इस बार महागठबंधन की लहर तो लग रही है लेकिन चुनाव के बाद ही पता चलेगा, किसकी सरकार बनेगी। मुझे लगता है नीतीश मुख्यमंत्री नहीं बनेगें। हो सकता है यह नीतीश जी का आखिरी चुनाव हो।”
कांग्रेस को तेजस्वी के साथ चुनाव लड़ना चाहिए या नहीं?
“बिल्कुल, साथ में लड़ना चाहिए लेकिन कांग्रेस को कम सीटें मिले तो सही रहेगा, क्योंकि कि पिछले 5 वर्षों में राजद के कार्यकर्त्ताओं ने जमीन पर अच्छा कार्य किया”।
क्या प्रशांत किशोर वोट काटने में सक्षम होंगे?
“मुझे नहीं लगता है प्रशांत किशोर की वहज़ से बिहार चुनाव में कुछ फर्क पड़ेगा, हो सकता उनका हाल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की तरह हो, सर यह तो समय बतएगा, प्रशांत किशोर क्या करेंगे लेकिम यह चुनाव काटें का होगा
अच्छा अच्छा आखिर सवाल ” आज से 40-45 वर्ष पहले पीरपैंती विधानसभा में अंबिका प्रसाद (सीपीआई) से 5 बार चुनाव जीत चुके हैं, तो क्या आने वाले दिनों में सीपीआई (CPI) के जीतने के संभावना है?
“सर जब तक अंबिका बाबू थे तब तक सीपीआई (CPI) का वोट बैंक था लेकिन वर्तमान में इस दल का कोई अस्तित्व नहीं है”।
Journalismology का आंकलन:-
जिस तरह से पीरपैंती विधानसभा के लोगों ने राय दी हैं उससे लगता है कि बीजेपी (NDA) के लिए यह सीट निकालनी मुश्किल हो जायेगी, क्योंकि हमारी टीम ने लगभग 25 लोगों से बात की जिसमें अक्सर लोगों ने कहा ” ललन कुमार पासवान को कभी देखा तक नहीं, उनके कार्य से सहमत नहीं हैं, बदलाव होना जरुरी है।
यहाँ क्लिक करके वीडियो देखिये।
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- Journalismology क्या है इसका मुख्य उद्देश्य बताइए ?
FAQ
इसमें सीडी ब्लॉक पीरपैंती शामिल है यह रेलवे स्टेशन से लगा क्षेत्र है, तथा कुछ ग्राम पंचायत भी कहलगांव सीडी ब्लॉक की ग्राम पंचायत कैरिया, बंसीपुर, बीरबन्ना, रामपुर, कृष्णदासपुर, मोहनपुर गोगट्टा, एंटीचक, ओरियप, मथुरापुर, रामजानीपुर, घोघा, एकडारा, लगमा, सलेमपुर सैनी, कुर्मा, नंदलालपुर, सिया और सदानंदपुर बैसा। उपरोक्त सभी ग्राम पंचायत पीरपेंती विधानसभा क्षेत्र के अंदर आते है।
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