बिहार चुनाव : बांका का चुनावी समीकरण | NDA Vs महागठबंधन
Home » बिहार चुनाव : बांका में महागठबंधन बहुत आगे, किस विधानसभा सीट पर NDA की हार हो सकती है?

बिहार चुनाव : बांका में महागठबंधन बहुत आगे, किस विधानसभा सीट पर NDA की हार हो सकती है?

by रवि पाल
0 comment

बिहार में चुनावी रण गर्म है, सभी राजनैतिक दल रैलिया, जनसभायें और रणनीति बना रहे वहीं इस विधानसभा चुनाव में जिस तरह से तेजस्वी यादव और राहुल गाँधी की रैलिया, जनसभाएँ हो रही हैं उससे साफ हैं कि NDA बैकफुट पर है। 2020 चुनाव में एनडीए (NDA) ने परचम लहराया। 5 में से 4 सीटें जीतकर साबित किया कि नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी को जोड़ी आज भी प्रभावित है।

हाल ही राहुल गाँधी पांच जनसभायें की जिसमें वो आक्रमक दिखे। सबसे पहले पटना में संविधान बचाओ रैली, उसके बाद BPSC विद्यार्थियों से मिलना, फिर 15 मई 2025 को दरभंगा के अम्बेडकर हॉस्टल के विद्यार्थियों से मिलना और हाल ही में 6 जून 2025 को गायाजी, राजगीर (नालंदा) की जनसभाएँ बताती है कांग्रेस अपनी राजनीति को 1970 में दशक राजनीति के तरह ले जाना चाहती है जिसमें दलित, पिछड़वर्ग आदिवासी और गरीब जनरल कैट्गरी के लोगों को जोड़ने की कवयात चल रही है। 

अमरपुर विधानसभा

  • इस चुनाव में कुल 294758 मतदाता थे जिसमें उदित राज (जदयू, 53963) ने कांग्रेस के दिग्गज नेता जीतेन्द्र सिंह (50721) को 3242 वोटों से हराया।
  • लेकिन वर्ष 2025 में विधानसभा में जदयू का जीतना संभव नहीं है। क्षेत्रवासियों का कहना है उदित राज को टिकट मिलता है तो उनकी हार पक्की है।

धोरैया/SC विधानसभा

  • कुल मातदाता 296396, जिसमें भूदेव चौधरी राजद, 78646) ने अपने भांजे मनीष कुमार (जदयू, 75959) को 2687 वोटों से शिकस्त दी। यह आश्चर्य की बात कही जाती है मनीष कुमार कैसे चुनाव हार गये थे क्योंकि वह जमीनी नेताओं में से एक है यहाँ तककि चुनाव के दौरान भूदेव चौधरी इनसे बहुत पीछे आंके जाते थे।
  • वर्ष 2025 का चुनाव महागठबंधन के लिए चुनौतीपूर्ण है एक तरह एनडीए में नरेंद्र मोदी, नीतीश कुमार और चिराग पासवान जैसा युवा नेता है वही दूसरी तरफ सिर्फ राहुल गाँधी और तेजस्वी यादव ही दिखाई देते हें।

बांका विधानसभा

  • बांका के वारे में कहा जाता है यह बीजेपी का अपना गढ़ है यहाँ से हारना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन की तरह है, इसकी सीमा झारखण्ड के गोड्डा जिले से लगती है। वर्ष 2020 के चुनाव में बीजेपी के राम नरायण मंडल (69410) ने राजद के उम्मीदवार जावेद अंसारी (52317) को 17093 वोटों से शिकस्त दी थी।
  • जावेद अंसारी राजद से पूर्व विधायक और कद्दावर नेता हैं, लेकिन बीजेपी के पकड़ अच्छी होने के नाते राम नरायण मंडल चुनाव जीतने में सक्षम थे लेकिन वर्तमान का चुनाव कड़ी चुनौतीपूर्व रहेगा।

कटोरिया /SC विधानसभा

  • इस SC रिजर्व सीट में कुल मतदाता 259579 है यह सीट भी बीजेपी के खाते में गयी थी। निक्की हेमब्रम (BJP, 74544) ने राजद उम्मीदवार स्वीटी हेमब्रम (67840) को 6704 वोटों से हराया था।
  • यह एक ऐसी सीट है जहाँ पर NDA जीतने के लिए अपनी ताकत झोक देगा। क्योंकि यहाँ ज्यादातर राजद का कब्ज़ा रहा है।

बेलहर विधानसभा

मनोज यादव (जदयू) ने रामदेव यादव (राजद) को 2713 वोटों से हराया था। हालांकि जदयू और राजद की जीत में वोटों का अंतर मात्र 2713 था। चुनाव से पहले लग रहा था यह सीट राजद के खाते में जायेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

चुनावी विश्लेषण निष्कर्ष  :-

जिस तरह से पिछला चुनाव हुआ ऐसा लग रहा था कि महागठबंधन सरकार बनाने में कामयाव हो सकता है लेकिन चुनाव के बाद राजद प्रमुख तेजस्वी यादव ने वबयान दिया कि चुनाव में धांधली हुई इसलिये NDA महागठबंधन ने जीत हासिल की। बांका जिले की 5 विधानसभाओं को देखे तो जहाँ-जहाँ NDA गठबंधन ने जीत हासिल की वहाँ वोटों का प्रतिशत हारने वाली सीटों से ज्यादा रहा। इसलिये चुनावी दलों, नेताओं को ध्यान रखना चाहिए, उनकी विधानसभा में वोटों की हेराफेरी तो नहीं हो रही है। जिस तरह से महागठबंधन ने चुनावी अभियान जारी किया है उससे नीतीश सरकार के बड़ी चंनौती होगी।

इसे भी पढ़े:-

कटिहार विधानसभा से 4 बार के विधायक, पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद का राजनैतिक जीवन |

FAQ

बांका जिले में महागठबंधन कितनी सीटें जीत सकता है?

आंकड़ों ने अनुसार, बांका जिले में 5 विधानसभायें है, अमरपुर, धोरैया, बांका, काटोरिया और बेलहर। महागठबंधन 5 में से 4 सीटें जीत सकता है। यह अनुसार अनुमान लगाया गया है। 

You may also like

About Us

Lorem ipsum dolor sit amet, consect etur adipiscing elit. Ut elit tellus, luctus nec ullamcorper mattis..

Feature Posts

Newsletter

Subscribe my Newsletter for new blog posts, tips & new photos. Let's stay updated!