यह केस अक्सर उन लोगों/घरों में देखा जाता है जिस घर में कोई महिला प्रेग्नेंट/प्रसव होती है तथा यह एक सामाजिक मुद्दा (Social issue ) भी है हाल ही में बहुत बड़े संस्थानों इस पर अपनी टिप्पड़ी भी है Operation से बच्चे की डिलीवरी को Caesarean डिलीवरी या “सी-सेक्सन” भी कहते हैं | इसको समझने के लिए सबसे पहले जानना जरुरी है कि इसके क्या कारण हैं, और यह वर्तमान में महिलाओं के प्रति ज्यादा देखी जा रही है|
What is Caesarean Delivery सीजेरियन डिलिवरी/ सी-सेक्सन क्या है?
हाल ही में IIT मद्रास की रिसर्च स्टडी के अनुसार “सी-सेक्सन” से डिलीवरी के मामने तमिलनाडु में ज्यादा बढ़ रहे हैं जब महिलाओं में गर्भावस्था संबंधी परेशानियाँ आ जाती हैं तब सी सेक्सन डिलीवरी लेने की सलाह दी जाती है क्योंकि वर्तमान में ऐसा देखा जा रहा ज्यादातर महिलायें जुड़वाँ बच्चों को जन्म दे रही है इससे मां और बच्चे दोनों में जानहानि का खतरा देखा जा सकता है |
- विशेष राज्य का दर्जा (विशेष श्रेणी / एससीएस) की विशेषताएं क्या है?
- सी-सेक्सन/ Caesarean Delivery डिलिवरी के आंकड़े दिन-प्रतिदिन बढ़ते दिख रहे है, पूरी जानकरी क्या है?
- लोक सभा में अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष का चुनाव तथा नियम 8 की जानकारी बहुत महत्वपूर्ण है
- लोकसभा उपसभापति/उपाध्यक्ष की भूमिका और इतिहास का वर्णन कीजिये
- भारतीय इतिहास में किलों की प्रथम खोज कब हुयी थी पूरी जानकरी देखिये |
क्यों बढ़ रहीं हैं सी-सेक्सन डिलिवरी के आंकड़े?
- माँ की उम्र 18 वर्ष से कम या 34 वर्ष से अधिक होना / सही आयु न होना |
- बच्चों के बीच का अन्तराल ज्यादा होना / 2 वर्ष से कम का बच्चे में गेप होना/यदि मां ने एक बच्चे को जन्म दिया है उसके कुछ महीनों के अन्तराल में फिर से बच्चे को जन्म देना (10 माह से 18 माह के बीच) |
- माँ के द्वारा चौथा या उसे आगे के बच्चे का जन्म देना |
- तमिलनाडु की तुलना में गर्भावस्था की जटिलताएं और उच्च जोखिम प्रजजन व्यव्हार दोनों छतीसगढ़ से अधिक हैं |
NFHS Data- 2015- 2016 and 2019-21 के आंकडे?
- बेहतर शिक्षित महिलाओं में सी-सेक्सन द्वारा प्रसव की संभावना अधिक
- अधिक वजन वाली महिलाओं और 35-49 वर्ष की आयु वाली महिलाओं में सीजेरियन डिलिवरी की सम्भावना अधिक होती है |
- अधिक वजन वाली महिलाओं का अनुपात 3% से 18.7% तथा 35-49 आयु की महिलाओं का अनुपात 11.1% से 10.9% तक यह डिलिवरी होती है |
- गर्भावस्था संबंधी जटिलताओं वाले लोगों का अनुपात 42.2% से घटकर 39.5% हो गया |
- 2016-2024 में निजी संस्थाओं पर प्रसव कराने वाली महिलाओं में सीजेरियन डिलिवरीन होने की संभावना चार गुना अधिक थी |
11.1% से 10.9%
3% से 18.7%
- विशेष राज्य का दर्जा (विशेष श्रेणी / एससीएस) की विशेषताएं क्या है?
- सी-सेक्सन/ Caesarean Delivery डिलिवरी के आंकड़े दिन-प्रतिदिन बढ़ते दिख रहे है, पूरी जानकरी क्या है?
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