कलकत्ता विश्वविद्यालय (1917 ई.) आयोग क्या है, इसकी विशेषताएं लिखिए?
Home » कलकत्ता विश्वविद्यालय (1917 ई.) आयोग क्या है, इसकी विशेषताएं लिखिए?

कलकत्ता विश्वविद्यालय (1917 ई.) आयोग क्या है, इसकी विशेषताएं लिखिए?

by Srijanee Mukherjee
0 comment

भारतीय शिक्षा के इतिहास में सैडलर आयोग (Sadler Commission) बहुत महत्वपूर्ण है, इसका गठन 1917 ई. में कलकत्ता विश्वविद्यालय की समस्यायों के अध्यन के लिए डॉक्टर सैडलर के नेतृत्व में किया गया था इस आयोग को सैडलर आयोग (Sadler Commission) के नाम से भी जाना जाता है |

इस आयोग में दो भारतीय भी सामिल थे जिनका नाम डॉक्टर आसुतोष मुखर्जी और डॉक्टर जियाउद्दीन अहमद था, इस आयोग ने कलकत्ता विश्वविद्यालय के साथ- साथ माध्यमिक स्नातकोतरीय शिक्षा पर भी अपना मत व्यक्त किया था |

सैडलर आयोग (Sadler Commission) क्या है :-

1904 ई. के विश्वविद्यालय अधिनियम की सैडलर आयोग ने कड़े शब्दों में निंदा की थी | इंटर व उत्तर माध्यमिक परीक्षा का माध्यम तथा विश्वविद्यालय शिक्षा के मध्य विभाजन रेखा मानना और स्कूली शिक्षा 12 वर्ष की होनी चाहिए |

ऐसी शिक्षण संस्थाएं स्थापित करने का सुझाव दिया गया, जो इंटरमीडिएट महाविद्यालय कहलायें | ये महाविद्यालय चाहते तो स्वतंत्र रहें या फिर हाई स्कूल से सम्ब्रद्ध हो जाएँ, इस संस्थानों के प्रशासन हेतु माध्यमिक तथा उत्तर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के निर्माण की सिफारिस की गयी |

इंटरमीडिएट के बाद स्नातक की शिक्षा तिन वर्ष की होनी चाहिए इसके लिए विश्वविद्यालय को यह सुझाव भी दिया गया था, कि बहुत शख्त नियम बनाये जाएँ|

कलकत्ता विश्वविद्यालय के कार्य के भार को कम करने के लिए, आयोग ने ढाका में “एकाकी विश्वविद्यालय” की स्थापना का सुझाव दिया और इसने ढाका एवं कलकत्ता विश्वविद्यालय में अध्यापकों के प्रशिक्षण के लिए शिक्षा विभाग खोलने की भी सलाह दी |इसके साथ- साथ इस आयोग ने व्यावसायिक कॉलेज खोलने की ओर भी सरकार का ध्यान खींचा|

सैडलर आयोग के सुझाव पर उत्तर प्रदेश में एक “बोर्ड ऑफ़ सेकेंडरी एजूकेशन” की स्थापना हुयी |

सैडलर आयोग (Sadler Commission) की विशेषताएं :-

  1. स्नातकोत्तर शिक्षण के लिए कलकत्ता –विश्वविद्यालय की धमता की जाँच करने के इए 14 सितम्बर सन् 1917 ई.को कलकत्ता विश्वविद्यालय आयोग की नियुक्ति की, इस आयोग के अध्यक्ष “डॉ माइकल थॉमस सैडलर (Dr. Michael Ernest Sadler)” लीड्स विश्वविद्यालय के उपकुलपति थे अतः उनके नाम पर इस आयोग को सैडलर आयोग कहा गया |
  2. इस आयोग की जाँच की विषय “कलकत्ता विश्वविद्यालय की स्थिति एवं आशाओं की जाँच करना और इससे संबंधित समस्याओं का समाधान करने के लिए रचनात्मक नीति पर विचार करने का सुझाव देना था |

FAQ

सैडलर आयोग का गठन कब और किसने किया था?  

इसका गठन 14 सितम्बर सन् 1917 ई. हुआ था इस आयोग के इस आयोग के अध्यक्ष “डॉ माइकल थॉमस सैडलर” थे जोकि उस समय लीड्स विश्वविद्यालय के उपकुलपति थे अतःउनके नाम पर आयोग का गठन किया गया और इसे सैडलर आयोग का नाम दिया |

सैडलर आयोग का अध्यक्ष कौन थे?

इसका गठन 14 सितम्बर सन् 1917 ई. हुआ था इस आयोग के इस आयोग के अध्यक्ष “डॉ माइकल थॉमस सैडलर” थे जोकि उस समय लीड्स विश्वविद्यालय के उपकुलपति थे अतःउनके नाम पर आयोग का गठन किया गया और इसे सैडलर आयोग का नाम दिया |

सैडलर आयोग का दूसरा क्या नाम है?

इसे कलकत्ता विश्वविद्यालय आयोग के नाम से भी जाना जाता है |

कलकत्ता विश्वविद्यालय आयोग के दो भारतीय कौन-कौन से थे?

इस आयोग में दो भारतीय भी सामिल थे जिनका नाम डॉक्टर आसुतोष मुखर्जी और डॉक्टर जियाउद्दीन अहमद था इसको सैडलर आयोग (Sadler Commission) के नाम से भी जाना जाता है |

You may also like

About Us

Lorem ipsum dolor sit amet, consect etur adipiscing elit. Ut elit tellus, luctus nec ullamcorper mattis..

Feature Posts

Newsletter

Subscribe my Newsletter for new blog posts, tips & new photos. Let's stay updated!