बंगाल के संगठनों की पूरी जानकारी [1885 ई. से पहले] PDF
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बंगाल के संगठनों की पूरी जानकारी [1885 ई. से पहले]

by Srijanee Mukherjee
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जब किसी संगठन का निर्माण किया जाता है तो कुछ लोग जो समान विचारधारा के होते है उनके द्वारा एक ऐसा सिस्टम तैयार किया जाता है जिसकी विचारधारा एक हो, इस लेख में समझेंगे कि जब कांग्रेस पार्टी का गठन नहीं हुआ था उस समय के बंगाल के संगठनों पर चर्चा करेंगे|

कांग्रेस के गठन से पूर्व बंगाल के राजनीतिक संगठन  :-

यह इतिहासकारों के द्वारा सिद्ध हो चुका है कि दिसंबर, 1885 में भारतीय कांग्रेस की स्थापना अकस्मात घटी कोई घटना नहीं थी,बल्कि यह भारतीयों की राजनीतिक जाग्रति की चरम पराकाष्ठा थी, क्योंकि कांग्रेस के गठन के पहले भी कई राजनैतिक एवं गैर- राजनैतिक संगठनों की स्थापना हो चुकी थी | हालाकिं प्रारम्भिक काल में संस्थाओं का स्वरूप क्षेत्रीय अथवा स्थानीय था एवं उद्देश्य सीमित रूप में स्वार्थी हितों से परिचलित रहा, इन्होने अपनी मांग को ब्रिटिश संसद और भारत में कंपनी के प्रशासन के समक्ष पत्र-पत्रिकाओं, प्रार्थना- पत्रों और याचनाओं के माध्यम प्रस्तुत किया |

बंगाल की राजनीतिक संस्थाए :-

1 – बंग भाषा प्रकाशन सभा (1836):-

  1. यह बंगाल में स्थापित प्रथम राजनीतिक संगठन था इसकी स्थापना राजा राममोहन राय के अनुयायी गौरीशंकर तरकाबानीश द्वारा की गयी थी |
  2. यह संगठन सरकार की नीतियों से संबंधित मामलों कीसमीखा करती थी, इस संगठन का मुख्य कार्य प्रशासनिक क्रियाकलापों की समीक्षा कर उनमें सुधार लाने के लिए याचनाएं भेजना देशवासियों को उनके राजनीतिक अधिकारों के प्रति जागरूकता बनाना था |

2 – लैंडहोल्डर्स सोसाइटी, 1838 (जमीदारी एसोशिएशन):-

  1. इसकी स्थापना बंगाल के जमीदारों(द्वारकानाथ टैगोर, राजा राधाकांत देव, राजा काली, कृष्ण ठाकुर और अन्य बड़े) द्वारा की गयी थी |
  2. यह भारत की प्रथम राजनीतिक संस्था थी जिसने संगठित आंदोलन की शुरुआत की |
  3. संस्था ने समस्यायों के निराकरण हेतु संवौधानिक रास्ता अपनाते हुए पहली बार संगठित रूप राजनीतिक क्रियाकलाप प्रारंभ किया, हालाकिं संस्था के उद्देश्य सीमित थे, यह जमीदारों के हितों को समर्पित थी |

3 – बंगाल ब्रिटिस इंडिया सोसाइटी (1843):-

  1. मात्र जमींदारों के हितों की रक्षा करने को समर्पित लैंडहोल्डर्स सोसाइटी  के विपरीत देश के सभी वर्ग के लोगों के कल्याण के एवं ब्रिटिस प्रशासन के सामने उनके अधिकारों से संबंधित मांगों को रखने के लिए जॉर्ज थॉमसन की अध्यक्षता में बंगाल ब्रिटिस इंडिया सोसाइटी की स्थापना की गयी, इसके सचिव प्यारी चंद्र मिश्र थे |
  2. संस्था का उद्देश्य लोगों में राष्ट्रवाद की भावना तथा राजनीतिक शिक्षा को प्रोत्साहित करना था यह ब्रिटिश शासन के प्रभाव से समाज के सभी वर्ग के लोगों को की कठनाइयों एवं दुखों पर विचार पर समाधान ढूढने का कार्य करती थी |
  3. इस संस्था में भारतियों के साथ-साथ गैर-सरकारी ब्रिटिशों का भी प्रतिनिधित्व था, संस्था जमीदारी प्रथा की आलोचना करते हुए कृषकों से सम्बंधित मुद्दे उठाया करती थी |

FAQ

बंग भाषा प्रकाशन सभा की स्थपना किसके द्वारा की गयी थी?

यह बंगाल का पहला राजनैतिक/ सामाजिक संगठन था जिसकी स्थापना 1836 ई. में, राजा राममोहन राय के अनुयायी गौरीशंकर तरकाबानीश द्वारा की गयी थी |

बंग भाषा प्रकाशन सभा कब हुयी थी ?

इसकी स्थापना राजा राममोहन राय के अनुयायी गौरीशंकर तरकाबानीश द्वारा सन् 1836 में की गयी थी |

लैंडहोल्डर्स सोसाइटी किस तरह का एसोशिएशन था ?

यह जमीदारी एसोशिएशन था जिसकी स्थापना 1838 ई. में हुयी थी |

लैंडहोल्डर्स सोसाइटी  की स्थापना किके द्वारा की गयी थी ?

लैंडहोल्डर्स सोसाइटी की स्थापना बंगाल के जमीदारों (द्वारकानाथ टैगोर, राजा राधाकांत देव, राजा काली, कृष्ण ठाकुर द्वारा की गयी थी |

बंगाल ब्रिटिस इंडिया सोसाइटी किसने की थी?

1843 ई. में, जॉर्ज थॉमसन की अध्यक्षता में बंगाल ब्रिटिस इंडिया सोसाइटी की स्थापना की गयी तथा इसके पहले सचिव प्यारी चंद्र मिश्र थे |

बंगाल ब्रिटिस इंडिया सोसाइटी की स्थापना कब हुयी थी ?

जॉर्ज थॉमसन की अध्यक्षता में 1843 ई  में, बंगाल ब्रिटिस इंडिया सोसाइटी की स्थापना की गयी थी |

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