रजनी कोठारी का जन्म एवं पारिवारिक पृष्टभूमि का वर्णन कीजिये pdf
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रजनीकोठारी  का जन्म एवं पारिवारिक पृष्टभूमि का वर्णन कीजिये pdf

by Srijanee Mukherjee
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भारतीय इतिहास में ऐसे बहुत से महान समाज सुधारक, क्रांतिकारी और राजनैतिक पुरुष हुए है जिन्होंने भारत की राजनीति तथा आर्थिक सुधारों में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया है रजनी कोठारी भी एक ऐसा नाम है जिन्होंने भारत की राजनीति, आर्थिक नीति  तथा विदेशी नीति में अहम योगदान दिया इसलिए सबसे पहले उनके जीवन और चिंतन पद्धति पर चर्चा करेंगे |

जन्म एवं पारिवारिक पृष्टभूमि :-

यह भारत के एक प्रसिद्ध लेखक और राजनीतिक विद्वान थे तथा इनका जन्म 1928 में एक समृद्ध गुजराती व्यापारिक जैन परिवार में हुआ था। उनके पिता बर्मा में हीरों के एक प्रसिद्ध व्यापारी थे।

कोठारी जी शुरुआती शिक्षा आयंगारों द्वारा चलाए जाने वाले रंगून के एक स्कूल में हुई। उनका बचपन बर्मा में बीता, घर की छतों पर होने वाले सामूहिक नृत्यों, मंगोल और बौद्ध संस्कृति के मिले-जुले लुभावने रूप, दक्षिण भारतीय चेट्टियारों, गुजराती बनियों, वोहराओं, खोजाओं और मुसलमान व्यापारियों के मिश्रित भारतीय समुदाय के बीच गुज़ारे गये शुरुआती वर्षों ने उन्हें एक उदार व्यक्तित्व प्रदान किया।

1947 में इनका विवाह श्रीमती हंसा से हुआ जिनकी मृत्यु 1999 में हुई और 2015 में रजनी कोठारी जी भी चल बसे।

रजनी कोठारीचिंतन पद्धति :-

  1. इनका चिंतन संरचनात्मक प्रक्रयात्मक पद्धति पर आधारित था ।
  2. इन्होने अधिकतर कार्य इसी आधार पर Dialogue शैली में लिखे।
  3. यह एक त्रिपक्षीय सिद्धान्त पेश किया, जिसका एक पक्ष था-
  4. लोकतंत्र के मान्य सिद्धांतों का (Theories of Democracy)
  5. दूसरा पक्ष था पश्चिमी दुनिया के लोकतांत्रिक अनुभवों का (Western Democracy)
  6.  तीसरा पक्ष था भारतीय अनुभव की विशिष्टता का ( Indian Democracy)

इससे पहले राजनीतिशास्त्र में संस्थागत और संविधानगत अध्ययन ही हुआ करते थे। इंदिरा गाँधी ने जब सत्ता में वापसी की तब इन्होने ने अपनी रचनाओं में दुनिया के पैमाने पर ‘उत्तर’ बनाम ‘दक्षिण’, यानी ‘विकसित’ बनाम ‘अविकसित’ का “द्वंद्व रेखांकित करते हुए राज्य और चुनावी राजनीति के परे जाने की तकनीकें विकसित करने की कोशिश शुरू की।

इसी मुकाम पर उन्होंने ग़ैर-पार्टी राजनीति के सिद्धांतीकरण में अपना योगदान किया।इन्होने महज़ बुद्धिजीवी रहने के बजाय सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में भी कार्य किया।

FAQ

रजनी कोठारी के पिता का क्या व्यवसाय था?

उनके पिता बर्मा में हीरों के एक प्रसिद्ध व्यापारी थे।

रजनी कोठारी का जन्म कब और कहाँ हुआ था?

इनका जन्म 1928 में एक समृद्ध गुजराती व्यापारिक जैन परिवार में हुआ था तथा उनके पिता बर्मा में हीरों के एक प्रसिद्ध व्यापारी थे।

रजनी कोठारी किस तरह के कार्यकर्त्ता थे?

इन्होने अपने  जीवन में महज़ बुद्धिजीवी रहने के बजाय सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में रहने का निर्णय लिया |

रजनी कोठारी का विवाह कब और किससे  हुआ था?

वर्ष 1947 में इनका विवाह श्रीमती हंसा से हुआ जिनकी मृत्यु सन् 1999  में हुई थी |

रजनी कोठारी  के तीन सिद्धांतों का वर्णन कीजिये ?

1-     लोकतंत्र के मान्य सिद्धांतों का (Theories of Democracy) वर्णन
2-     दूसरा पक्ष था पश्चिमी दुनिया के लोकतांत्रिक अनुभवों का (Western Democracy) वर्णन
3-     तीसरा पक्ष था भारतीय अनुभव की विशिष्टता का ( Indian Democracy) वर्णन

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