इस लेख में झारखण्ड के इतिहास को समझेंगे कि किस प्रकार यहाँ पर रहने वाली आधिवासी महिला क्रंरिकारियों ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई जिनमे से कूलों मुर्मू और झानो मुर्मू प्रमुख है, वर्तमान में जिस तरह से इस प्रदेश में महिला क्रांतिकारी के विषय में प्रति वर्ष परीक्षा में कुछ न कुछ पूछा जाता है इसलिए यह लेख बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है |
- विशेष राज्य का दर्जा (विशेष श्रेणी / एससीएस) की विशेषताएं क्या है?
- सी-सेक्सन/ Caesarean Delivery डिलिवरी के आंकड़े दिन-प्रतिदिन बढ़ते दिख रहे है, पूरी जानकरी क्या है?
- लोक सभा में अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष का चुनाव तथा नियम 8 की जानकारी बहुत महत्वपूर्ण है
- लोकसभा उपसभापति/उपाध्यक्ष की भूमिका और इतिहास का वर्णन कीजिये
- भारतीय इतिहास में किलों की प्रथम खोज कब हुयी थी पूरी जानकरी देखिये |
झारखंड की महिलाएं भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका के प्रमुख बिंदु :-
आजादी के लिए स्वतंत्रता संग्राम के दौरान बढ़ चढ़ के भाग लिया था तथ सभी रूपों में सक्रिय रहीं तथा देश की आजादी के लिए खुद को समर्पण कर दी थीं। यही कारण है कि आज भी यहाँ की महिलाएं इतिहास में गर्व के साथ याद की जाती हैं जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अपनी महत्वपूर्ण योगदान दिया। आदिवासी क्षेत्र में लगभग सभी वर्गों की महिलाएं भाग लेने के लिए अत्याधिक प्रेरित हुईं, चाहे वह ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं हों या शहरी क्षेत्रों में रहने वाली महिलाएं हो। उन्होंने आजादी के लिए संघर्ष की गुलामी और शोषण के खिलाफ लड़ाई लड़ी। झारखंड क्षेत्र में रहने वाली महिलाओं ने विभिन्न तरीकों से स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया |
आजादी के लिए संघर्ष की गुलामी और शोषण के खिलाफ बगावत की सोच :-
झारखंड क्षेत्र में रहने वाली महिलाओं ने विभिन्न तरीकों से स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया, जैसे कि सत्याग्रह, व्यापारिक बहिष्कार और संगठनित आंदोलन। वे सभी महिलाओं ने आपसी सहयोग और संगठन के माध्यम से अपनी शक्तियों को मिलाकर भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को मजबूत किया। उन्होंने समाज में जागरूकता फैलाई और स्वतंत्रता की लड़ाई में पुरुषों के साथ मिलकर कार्रवाई की। वे ग्रामीण क्षेत्रों में संगठित हुईं, और सभा बैठकें आयोजित कीं, आंदोलन की गतिविधियों में भाग लिया और स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण स्थानों पर अपनी भूमिका निभाई। उन्होंने अपनी सामाजिक परिवर्तन को भी संभाला और महिलाओं के अधिकारों की भी मांग की, उनकी शिक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित की, इस प्रकार से भारतीय स्वतंत्रता के प्राप्ति के लिए अत्याधिक संघर्ष किया। आज उनका संघर्ष एक प्रेरणा का स्रोत बना रहा है और उन्हें सम्मान और आदर्श भी दी जाती है।
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में झारखंडी महिलाओं की भूमिका:-
झारखंड की महिलायें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जो निम्नलिखित बिंदुओं द्वारा देखा जा सकता है |
1-सत्याग्रह:-
झारखंडी महिलाएं सत्याग्रह आंदोलनों में अहम भूमिका निभाई हैं और उन्होंने अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के साथ मिलकर विभिन्न अन्यायपूर्ण नियमों के खिलाफ लड़ाई लड़ी है।
2-ग्रामीण आंदोलन:-
यहाँ की महिलाएं ग्रामीण क्षेत्रों में स्वतंत्रता संग्राम के समय भी महत्वपूर्ण होकर, जमीनी मुद्दों संघर्ष किया है। जों के खिलाफ संगठित पर लड़ाई लड़ा जाए प्रमाण समाज के उत्थान के लिए लड़ाई लड़ना |
3- महिलाओं के हक के लिए मजबूती से आवाज उठाना :–
झारखंड में बने अधिकतर संगठनों में महिलाओं ने अहम योगदान दिया है। वे महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, और अन्य महिला मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने वाले संगठनों की स्थापना करके महिलाओं की आवाज को मजबूती से उठाया है।
4-सामाजिक सुधार को बढ़ावा देना:-
झारखंड में महिलाएं सामाजिक सुधार के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान देती रही हैं। वे बाल विवाह, सती प्रथा, बहुविवाह इत्यादि जैसे पुरानी रूढ़िवादी परंपरा के खिलाफ लड़ाई लड़ती रही हैं और महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने का कार्य की हैं।
5-विद्रोह के द्वारा और जंगी सेना:-
झारखंडी महिलाएं विभिन्न विद्रोह आंदोलनों में भी सक्रिय रही हैं। यानी की बढ़-चढ़कर भाग ली है। वे स्वतंत्रता सेनाओं के सदस्य बनकर अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी और आऊदी के लिए संघर्षविद्रोह के द्वारा और जंगी सेना:- झारखंडी महिलाएं विभिन्न विद्रोह आंदोलनों में भी सक्रिय रही हैं। यानी की बढ़-चढ़कर भाग ली है। वे स्वतंत्रता सेनाओं के सदस्य बनकर अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी और आजादी के लिए संघर्ष करती रही हैं।
6-असंघटित सत्याग्रह के माध्यम से महिलाओं का योगदान :-
यहाँ की महिलाओं ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता फैलाई और वे जनसभाओं, मीटिंगों, और रैलियों के माध्यम से आंदोलनों का आयोजन करके ग्रामीण महिलाओं को स्वतंत्रता के लिए संघर्ष में शामिल किया।
7-जातिवाद व्यवस्था और महिला शोषण के खिलाफ लड़ाई:–
महिलाओं ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के माध्यम से जातिवाद और महिला शोषण के खिलाफ लड़ाई लड़ी। वे समाज में जाति-धर्म की बाधाओं को खत्म करने के लिए संघर्ष करती रहीं। और महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, और समुदाय या संगठन की आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक, शैक्षिक, लैंगिक, शक्ति में सुधार की सुविधाएं प्रदान करने के लिए लड़ीं।
8-सामाजिक सुधारों में महिलाओं के योगदान:-
झारखंडी महिलाओं ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सामाजिक सुधारों में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वे विधवा पुनर्विवाह, दहेज प्रथा, बाल विवाह आदि जैसे पुरानी कुरीतियों के खिलाफ लड़ीं और मानवीय अधिकारों को दिलाने के लिए जूझती रहीं हालांकि महिलाओं को तुरंत सफलता नहीं मिली, परंतु कुछ समय बाद उन्हें समाज में पुरुषों की तरह समान अधिकार दिया गया।
- विशेष राज्य का दर्जा (विशेष श्रेणी / एससीएस) की विशेषताएं क्या है?
- सी-सेक्सन/ Caesarean Delivery डिलिवरी के आंकड़े दिन-प्रतिदिन बढ़ते दिख रहे है, पूरी जानकरी क्या है?
- लोक सभा में अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष का चुनाव तथा नियम 8 की जानकारी बहुत महत्वपूर्ण है
- लोकसभा उपसभापति/उपाध्यक्ष की भूमिका और इतिहास का वर्णन कीजिये
- भारतीय इतिहास में किलों की प्रथम खोज कब हुयी थी पूरी जानकरी देखिये |
- Career Guidance
- Country
- Education
- india history
- Literature
- MCQ QUIZ
- NCERT का इतिहास
- Politics
- SSC CGL 2023-2024
- इतिहास के पन्ने
- झारखण्ड का इतिहास
- देश दुनियां
- प्राचीन भारत का इतिहास
- बुंदेलखंड का इतिहास
- भारतीय इतिहास
- भारतीय राजनीति इतिहास
- भारतीय राजनेता
- सामाजिक अध्यन