वर्तमान में देखा गया है, राजस्थान पुलिस, राजस्थान शिविल सेवा तथा अनेक ऐसी परीक्षाएं है जहाँ पर शिवमंदिर में बारे पूछा गया है बिणेश्वर महादेव मंदिर, एकलिंग जी का मंदिर, शीतलेश्वर महादेव मंदिर अचलेश्वर महादेव मंदिर और ह्ल्देश्वर महादेव मंदिर के बारे में जानेंगे |
बिणेश्वर महादेव मंदिर :-
यह मंदिर नवाटापुरा डूंगरपुर में स्थिति है, बिणेश्वर का अर्थ मृत आत्माओं का मुक्ति स्थल कहा जाता है यहाँ त्रिवेणी संगम ( सोम- माही – जाखम) होता है तथा एकमात्र खुन्दित शिवलिंग की पूजा हती है और माघ पुर्मिना के दिन बहुत बड़ा मेला लगता है जिसको भीलों/आदिवासियों का कुम्भ कहा जाता है|
एकलिंग जी का मंदिर :-
यह मंदिर कैलाशपुरी उदयपुर में स्थित है, इसका निर्माण बप्पा राबल ने 8 वीं शताब्दी में कराया था सबसे विशेष बात यह है कि मेवाड़ के शासक स्वयं को एकलिंग के दीवाने मानते थे यह मंदिर पाशुपन समुदाय का सबसे बड़ा मंदिर है |
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शीतलेश्वर महादेव मंदिर :-
यह मंदिर झालरापाटन (सालाबाड़), चन्द्रभाया नदी के किनारे स्थित है, इसका एक अन्य नाम भी है जिसको चंद्र्मोली मंदिर या अर्द्धनारीश्वर मंदिर( आधा भाग भगवान् शिव का और आधा माता पार्वती का) के नाम से जानते हैं| यह मंदिर राजस्थान का सबसे पहला समयांकित मंदिर है |
अचलेश्वर महादेव मंदिर:-
यह सिरोही में स्थित है यहाँ शिवजी के पैर व् अंगूठे के निशान की पूजा की जाती है |
ह्ल्देश्वर महादेव मंदिर :-
यह पीप पीपलुद(बाड़मेर) में स्थित है इसके मारवाड़ का लघुमाइंट कहा गया है |
यह मंदिर नवाटापुरा डूंगरपुर में स्थिति है, नवाटापुरा डूंगरपुर राजस्थान में है |
इस मंदिर को भीलों/आदिवासियों का कुम्भ कहा जाता है|
झालरापाटन (सालाबाड़), चन्द्रभाया नदी के किनारे स्थित है |
चंद्र्मोली मंदिर या अर्द्धनारीश्वर मंदिर