विदेशी यात्री जिन्होंने भारत की खोज की [महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर]PDF
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विदेशी यात्री जिन्होंने भारत की खोज की [महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर]PDF

by Srijanee Mukherjee
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इस लेख में भारत की खोज करने वाले/ भारत के बारे में लिखने वाले विदेशी यात्री जोकि इस प्रकार है,  मेगस्थनीज (301- 298 ईसा पूर्व), डायमेकस (320 -273 ईसा पूर्व ), फाह्यान (405 -411 ई.), ह्वेन त्सांग (630 ई.), इत्सिंग  (671 -695 ई.), अल मसूदी (951 ई.), अल बरूनी (1024 -1030 ई.) और मार्को पोलो  (1292 -94 ई .) के इतिहास को समझेंगे कि यह विदेशी यात्री भारत कब आये और इन्होने भारत के बारे में क्या लिखा था ?

पहला विदेशी यात्री मेगस्थनीज (301- 298 ईसा पूर्व):-

मेगस्थनीज भारत में कितने वर्षों तक रहा था ?

यह भारत में लगभग 4 वर्षों तक रहा उस दौरान इनके दो पुस्तकें भी लिखी थी पहली पुस्तक कौटल्यकाअर्थशाश्त्र और दूसरी पुस्तक indika में है|

मेगस्थनीज ने कौन सी पुस्तक में भारत का वर्णन किया है ?

इसने अपनी पुस्तक indika में भारत का वर्णन किया है तथा यह 301- 298 ईसा पूर्व के मध्य का वर्णन है |

मेगस्थनीज भारत किस रस्ते से आया था?

यह उत्तर- पश्चिम के रास्ते चन्द्र गुप्त मौर्य के भारत आया था, और जहाँ वर्तमान में पाकिस्तान, अफगानिस्तान जैसा देश बन गया है उस रस्ते से आया था 301- 298 ईसा पूर्व, यह वह क्षेत्र हुआ करते थे जो भारत की खोज करने में बहुत महत्वपूर्ण साबित हुए |

भारतीय इतिहास का पिता किसे कहा जाता है?

मेगस्थनीज को भारत के इतिहास का पिता कहा जाता है क्योकि इसने अपनी पुस्तक indika में भारत का वर्णन किया है |

दूसरा विदेशी यात्री डायमेकस (320 -273 ईसापूर्व ):-

डायमेकस कौन था ?

यह एक यूनानी/ ग्रीक राजदूत था जिसको सीरिया के शासक एन्टिओकस प्रथम के द्वारा बिंदुसार के दरबार भेजा गया , यह एक दार्शनिक था | 

तीसरा विदेशी यात्री फाह्यान (405 -411 ई.):-

फाह्यान भारत किस समय आया  था ?

फाह्यान 405 -411 ई. में, विक्रमादित्य (चंद्रगुप्त द्वितीय) के शासनकाल में भारत आया था |

फोगुओजी पुस्तक  किसके द्वारा लिखी गयी है

फाह्यान चीनी बौद्ध भिक्षु था जिसने यह पुस्तक लिखी थी |

फाह्यान (405 -411 .) ने भारत में कहाँ यात्रा की थी ?

इसने लुम्बिन की यात्रा की थी |

फाह्यान (405 -411 .) की भारत यात्रा का लेख कहाँ मिलता है ?

उनकी यात्रा पत्रिका “बौद्ध साम्राज्यों का अभिलेख” में उनके सहसिक कार्यों का विवरण मिलता है |

चौथा विदेशी यात्री ह्वेनत्सांग (630 ई.):-

ह्वेनत्सांग भारत कब आया ?

ह्वेन त्सांग 630 ई. में भारत आया था यह एक चीनी यात्री था जोकि भारत में 15 वर्षों तक रहा |

ह्वेनत्सांग किस हिंदू शासक के समय में भारत आया था ?

महान हिंदू सम्राट हर्षवर्धन के शासन काल के दौरान भारत का यात्रा किया और यहाँ 15 वर्षों तक रहा |

ह्वेनत्सांग कौन था ?

ह्वेन त्सांग एक चीनी यात्री था जोकि 630 ई. में भारत आया था उस समय भारत के महान सम्राट हर्षवर्धन थे |

यात्रियों का राजकुमार किसे कहा जाता है ?

प्रिसं ऑफ़ पिलग्रिम्स को यात्रियों का राजकुमार कहा गया है |

प्रिसं ऑफ़ पिलग्रिम्स को क्या कहा जाता है ?

यात्रियों का राजकुमार

ह्वेन त्सांग (630 .) की महान पुस्तक का नाम बताइए ?

‘द रिकॉर्ड्स द वेस्टर्न वर्ल्ड’ या ‘सी-यू-की’ | ‘The Records of the Western World’ or ‘Si-yu-ki’ |

पांचवा विदेशी यात्री इत्सिंग(671 -695 ई.):-

इत्सिंग कौन था ?

इत्सिंग एक चीनी यात्री था यह (671 -695 ई.) के दौरान भारत आया था |

इत्सिंग भारत कब आया था ?

यह (671 -695 ई.) के दौरान भारत आया था  तथा इसने बुद्ध धर्म के संबंध में भारत की यात्रा की थी |

छठवां विदेशी यात्री अलमसूदी (951 ई.):-

अल मसूदी कौन था ?

यह यह एक अरब यात्री था तथा  951 ई. में भारत आया था |

अल मसूदी भारत कब आया था ?

इसने 951 ई. में भारत की यात्रा की थी |

अल मसूदी ने अपनी पुस्तक में किसका वर्णन किया था ?

इन्होंने अपनी पुस्तक ‘मुरुज- अल-जहाब’ में भारत के राजनीतिक, आर्थिक और धार्मिक इतिहास पर चर्चा मिलती है |

सातवां विदेशी यात्री अलबरूनी (1024 -1030 ई.)-

अल बरूनी भारत कब आये थे?

फारसी विद्वान एक फारसी विद्वान थे जोकि महमूद गजनवी के साथ भारत आये|

अल बरूनी ने किस किताब में भारत के  बारे में वर्णन किया है ?

किताब : ‘तहकीक –ए- हिंद’ में भारत का वर्णन किया है |

इंडोलॉजी का जनक किसे कहा जाता है?

अल बरूनी (1024 -1030 ई.) को इंडोलॉजी का जनक कहा जाता है|

अल बरूनी भारत में कितने वषों  तक रहा था ?

यह 1024 -1030 .के बीच (लगभग) भारत  में रहा था |

आठवां विदेशी यात्री मार्कोपोलो(1292 -94 ई .):-

मार्को पोलो कौन था

यह वेनिश में जन्मा एक खोजी यात्री, व्यापारी और लेखक था  जिसने  सिल्क रोड के माध्यम से 12 71ई.- 1295 ई. के बीच एशिया की यात्रा की थी |

मार्को पोलो  भारत कब आया था ?

यह 1292 -94 ई . में, काकतीय वंश की रुद्र्म्मा देवी के शासनकाल में दक्षिण भारत आया था |

मार्को पोलो ने किस किताब में भारत का वर्णन किया था ?

इसकी किताब ‘द बुक ऑफ़ सर मार्को पोलो’  भारत के आर्थिक इतिहास का एक अमूल्य विवरण देता है |

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