बर्तमान में जिस तरह से भारत देश के जंगलों को नष्ट किया जा रहा है यह अपने आप में दुर्भाग्य की है, जिन जंगलों के लिए झारखंड में मुण्डा आदोलन हुआ, जिन जंगलों की वहज से मध्य प्रदेश में जल, जंगल जमीन का आंदोलन हुआ, जिन जंगलों के लिए छतीसगढ़ में जंगल सत्याग्रह चला तथा जिन जंगलों की वजह से वर्तमान में पोड़ी जंगल सत्याग्रह चल रहा है इसलिए यहाँ वन संरक्षण संसोधन विधेयक (2023) को समझना अतिआवश्यक है |
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वन/ जंगल के लिए खतरा :-
आये दिन देखने को मिलता है कि सरकारें, मनुष्य अपने विकास के लिए जंगलों को काट रहे है, इसको ऐसे समझते है, वनों के लिए खतरा इस प्रकार है-
- अवैध रूप वनों/जंगलों को काटा जाना ( मनुष्य के द्वारा)
- सरकारी/ निजी परियोजनाओं के लिए वनों/ जंगलों ओ काटा जाना (सड़कों, निजी कंपनियों/ परियोजनाओं के निर्माण के लिए )
- जंगलों में आग लग रही है
- आक्रमण प्रकृति
- पर्यटन के लिए बनों/ जंगलों को नष्ट करना
- झूम कृषि
वन/जंगल बचाव(वन संरक्षण) :-
वनों को बचाने के लिए, बहुत से कानून बनाये गये जोकि इस प्रकार है-
- वन अधिनियम (Indian forest Act 1927)
- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (WLP Act 1972)
- वन संरक्षण अधिनियम 1989
- FRA 2006
- CAMPA अधिनियम 2016
- सुप्रीमकोर्ट के महत्वपूर्ण फैसला (1996 टीएन गोदावर्मन बनाम भारत संघ)
वन संरक्षण विधेयक संसोधन बिल (2023) क्या है :-
- यह बिल(वन संरक्षण विधेयक संसोधन) लोक सभा में 29 मार्च, 2023 को पेश किया गया यह बिल 1980 में संसोधन करता है जो वन भूमि के संरक्षण का प्रावधान करता है|
- बिल कुछ प्रकार की भूमि को कानून के दायरे में लाता और कुछ को इसके दायरे से हटाता भी है | इसके आलावा यह वन भूमि पर की जाने वाली गतिविधियों की सूची को विस्तृत करता है |
वन में की जाने वाली गतिविधियों पर प्रतिबंध :-
यह एक्ट वन के डी- रिजर्वेशन या गैर- वानिकी उद्देश्यों के लिए वन भूमि के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाता है | केंद्र सरकार की पर्व अनुमति से ऐसे प्रतिबंध हटाये जा सकते है, गैर- वानिकी उद्देश्यों में बागवानी फसलों की खेती या रीफॉरेस्टेशन के आलावा किसी अन्य उद्देश्य के लिए भूमि का उपयोग शामिल है | एक्ट कुछ गतिबिधियों को निद्रिष्ट करता है जिन्हें गैर- वानिकी उद्देश्यों से बहार रखा जायेगा, यानी वन के डी- रिजर्वेशन या गैर- वानिकी उद्देश्यों के लिए वन भूमि के उपयोग पर प्रतिबंध लागू नहीं होगा |
इन गतिबिधियों में वन और वन्यजीवों के संरक्षण, प्रबंधन और विकास के संबंधित कार्य शामिल हैं जैसे चेक पोस्ट, फायर लाइन बनाना, बाड़ लगाना और वायरलेस संचार स्थापित करना|
“बिल की सूची में कुछ और गतिविधियों को शामिल करता है जैसे: (1) संरक्षित स्थानों के अतिरिक्त वन क्षेत्रों में वन्यजीव (संरक्षण) एक्ट, 1972 के तहत सरकार या किसी अन्य अथॉरिटी के स्वामित्व वाले चिड़ियाघर और सफारी, (2) इको-टूरिज्म संबंधी सुविधाएँ, (3) सिल्विकल्चरल ऑप्रेशंस (वनों की वृद्धि) और (4) केंद्र सरकार द्वारा निदृष्टि कोई अन्य उद्देश्य”|
इसके आलावा केंद्र सरकार उन नियमों और शर्तों की निद्रिष्ट कर सकती है जिसके जरिये किसी सर्वेषण ( जैसे एक्स्प्लोरेशन का काम, सेसिमिक सर्वे) को गैर वानिकी उद्देश्य के दायरे से बहार किया जा सकता है|
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FAQ
इसको अंग्रेजी में Compensatory Afforestation Fund Management and planning Authority कहते है |
2016 में यह लागू हुआ था इसका पूरा नाम क्षतिपूरक वनीकरण कोष अधिनियम 2016 है |
भारत देश में वन अधिनियम वर्ष 1927 में बनाया गया था जब भारत देश के अनेक प्रातों में जैसे, मध्य प्रदेश (मध्य प्रान्त) , झारखण्ड (बंगाल प्रान्त) में जल, जंगल और जमीन बचाओ के लिए आन्दोलन चल रहे थे इसको अंग्रेजी में Indian forest Act कहते है |