पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह [PDF]
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पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह [PDF]

by रवि पाल
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हिंदुस्तान के इतिहास की बात करें तो इस देश ने लाखों क्रांतिकारी दिए जिनमें से ज्यादातर पुरुष उसके बाद महिलाएं और अंत में बच्चे सामिल थे कुछ क्रांतिकारियों के बारे में इतिहास में लिखा जा चुका है और कुछ ऐसे भी थे जिनके बारे में भारत सरकार को या तो दस्तावेज नहीं मिले, या फिर उनके बारे में लिखना मुनासिब नहीं समझा, इसी तरह वर्तमान की राजनीति है जहां युवाओं के साथ- साथ भारतीयों तक सही खबरें नहीं जाने देते है इसीलिए जर्नलिस्मोलोजी पर लिखे गये लेख, सच के सब रूबरू कराना है | आज का लेख भारतीय पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के बारे में है | यह बहुत जरूरी हो जाता है कि अच्छे भारतीय पुरुष बारे जानें|

डॉ मनमोहन सिंह का प्रारम्भिक जीवन :-

इनका जन्म 26 सितंबर 1932 को गह, पंजाब, ब्रिटिश भारत में एक सिख परिवार में हुआ था जब वह बहुत छोटे थे तब उन्होंने अपनी माँ को खो दिया था इसके बाद इनका लालन- पोषण दादी (Grandparent) के द्वारा किया गया था जिसके वे बहुत करीब थे |

वर्ष 1947 में जब भारत का विभाजन हुआ उसके बाद, उनका परिवार अमृतसर भारत चला गया, जहां उन्होंने हिंदू कॉलेज अमृतसर में अध्यन किया इसके कुछ वर्षों के बाद पंजाब विश्वविद्यालय में दाखिला लिए फिर होशियारपुर में,अर्थशास्त्र का ध्यान किया |

वर्ष 1952 और 1954 में स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की, इसके बाद वह आगे की पढ़ाई करने के लिए कैम्ब्रिज चले गये

कैम्ब्रिज के बाद, मनमोहन सिंह भारत लौट आये और पंजाब  विश्वविद्यालय के शिक्षा के रूप में कार्य करने लगे| वर्ष 1960 में, वह अपने डीफिल के लिए ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय गये, जहां वे नफिल्ड कॉलेज के सदस्य भी बनते है|

1969 से 1971 तक, वह दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स, दिल्ली विश्वविद्यालय में अन्तराष्ट्रीय व्यापार में प्रोफेसर बने |

डॉ मनमोहन सिंह के कैरियर का आरम्भ :-

  • एक अर्थशास्त्री के रूप में इनकी प्रतिभा को देखते हुए, उन्हें ललित नरायण मिश्र द्वारा विदेश व्यापार मंत्रालय के सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया था |
  • 1980-1982 तक, वह योजना आयोग थे और 1982 में उन्हें तत्कालीन वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी के तहत भारतीय रिजर्व बैक का गवर्नर नियुक्त किया गया और 1985 तक इस पद पर रहे |
  • वह 1985 से 1987 तक योजना आयोग (भारत) के उपाध्यक्ष बने रहे |
  • जून 1991 में, उस समय के  भारत  के प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिम्हा राव ने  डॉ मनमोहन सिंह को अपना वित्तमंत्री चुना |
  • वह अब तक भारत की समाजवादी अर्थव्यवस्था के सबसे प्रभावशाली वास्तुकारों में से एक थे, उन्होंने परमिट राज को समाप्त कर दिया, अर्थव्यवस्था पर राज्य का नियंत्रण कम कर दिया और आयतकरों को कम कर दिया|
  • वर्ष 1991 में, उन्होंने पहली बार असम राज्य की विद्यायका द्वारा संसद के ऊपरी सदन, राज्यसभा सदस्य चुने गये थे और उसके बाद वर्ष 1995, 2001, 2007 और 2013 में फिर से राज्य सभा सदस्य चुने चुने गये|
  • वर्ष 1998 से 2004 तक भारतीय जनता पार्टी सत्ता में थी और डॉ मनमोहन सिंह राज्यसभा में विपक्ष के नेता थे |
  • वर्ष 1999 में, उन्होंने दक्षिणी दिल्ली लोक सभा से चुनाव लड़ा, लेकिन सीट जीतने में असमर्थ रहे |
  • डॉ वर्ष 1999 में, उन्होंने दक्षिणी दिल्ली लोक सभा से चुनाव लड़ा, लेकिन सीट जीतने में असमर्थ रहे |

प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का पहला कार्यकाल(2005- 2009) / कैसे बने :-

एक आश्चर्यजनक कदम में, कांग्रेस अध्यक्ष सोनियां गाँधी ने टेक्नोक्रेट मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री पद के लिए यूपीए का उम्मीदवार घोषित किया, इस तथ्य के बावजूद मनमोहन सिंह कभी लोकसभा का चुनाव नहीं जीते | “वर्ष 2007 में, 9% की अपनी उच्चतम जीडीपी वृद्धि दर हासिल की और दुनियाँ की दुस्सरी सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बन गयी” |

जब यह प्रधानमंत्री बन गये उसके बाद सबसे पहले इनकी मंत्रिमंडल ने 2005 में राष्ट्रीय गारंटी अधिनियम (मनरेगा) बनाया इसके साथ- साथ इस सरकार ने स्वर्णिम चतुर्भुज और राजमार्ग आधुनिकीकरण कार्यक्रम को जारी रखा, जो बीजेपी सरकार द्वारा शुरू किया गया था |

2005 में, मनमोहन सिंह सरकार ने बिक्री कर के स्थान पर मूल्य वर्जित कर दिया तथा स्वास्थ मंत्रालय ने राष्ट्रीय ग्रामीण मिशन (एनएचआरएम) शुरू किया जिसने पांच लाख सामुदायिक स्वास्थ कार्यकर्ताओं को संगठित किया | इस ग्रामीण स्वास्थ पहल की अमेरिकी अर्थशास्त्री जेफरी सेक्स ने सराहना की थी |

जुलाई 2009 को, मनमोहन सिंह सरकार के मंत्रालय ने शिक्षा का अधिनियम (आरटीआई) अधिनयम पेश किया |

भारतीय विशिष्ट पहचान अधिकरण की स्थापना फरवरी 2009 में की गयी थी जो राष्ट्रीय सुरक्षा बढाने और ई- गवर्नेंस की सुविधा के उद्देश्य से परिकल्पित बहुउद्देशीय राष्ट्रीय प्रमाण पत्र को लागू करने के लिए जिम्मेदार एजेंसी है |

उनके कार्यकाल के दौरान 2005 में महत्वपूर्ण राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (नरेगा) और सूचना का अधिकार संसद के द्वारा पारित किया गया था |

नवंबर 2006 में, चीनी राष्ट्रपति “हू जिताओ” ने भारत का दौरा किया, जिसके बाद जनवरी 2008 में प्रधानमंत्री मनमोहनसिंहने बीजिंग की यात्रा की थी |चीन-भारत संबंधो के एक बड़ा विकास चार दशकों से अधिक समय तक बंद रहने के बाद 2006 में नाथुला दर्रे को फिर से खोलना था| अफगानिस्तान के साथ संबंधो में काभी सुधार हुआ है और भारत अब अफगानिस्तान  को सबसे बड़ा क्षेत्रीय दानदाता बन गया था|

भारत – अमेरिका असैन्य समझौता भी बहुत महत्वपूर्ण था |

प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का दूसरा कार्यकाल (2009- 2014) :-

भारत में 16 अप्रैल और 13 मई 2009 के बीच पांच चरणों में 15वीं लोकसभा के लिए आम चुनाव हुए और चुनाव के नतीज 16 मई 2009 को घोषित किये गये|

आंध्रप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र , तमिलनाडु, केरल पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में मजबूत प्रदर्शन ने संयुक्त प्रगतशील संगठन (यूपीए) को निवर्तमान सिहं के नेतृत्व में नई सरकार बनाने में मदद की, जो 1962 में जवाहरलाल नेहरु के बाद जितने वाले पहले प्रधानमंत्री बने |

अगले कुछ वर्षों में, प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह की दूसरी सरकार को 2010 राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन, 2जी स्पेक्ट्रम, आवंटन मामले और कोयला ब्लॉक आवंटन पर भ्रष्टाचार के कई आरोपों का सामना करना पड़ा |

2014 में उनका कार्यकाल समाप्त होने के बाद उन्होंने 2014 में भारतीय आम चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री पद की दौड़ से बहार हो गये |

उन्होंने कभी भी लोकसभा का चुनाव नहीं जीता/ नहीं जीत सके थे, लेकिन राज्यसभा के सदस्य के रूप में कार्य किया है तथा  1991 से 2019 तक असम राज्य और 2019 से राजस्थान का प्रतिनिधित्व किया |

FAQ

यूपीए का पूरा नाम क्या है ?

संयुक्त प्रगतशील संगठन

2009 में, लोक सभा के चुनाव कब हुए थे ?

भारत में 16 अप्रैल और 13 मई 2009 के बीच पांच चरणों में 15वीं लोकसभा के लिए आम चुनाव हुए थे |

डॉ मनमोहन सिंह भारत के पहले वित्तमंत्री कब बने थे ?

जून 1991 में

डॉ मनमोहन सिंह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष कब बने थे?

मार्च 1991 में

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