वर्तमान क शिक्षा व्यवस्था को समझने के लिए राजनीति विज्ञान का अध्यन करना अतिआवश्यक है इसलिए इस लेख में प्रभाव के बारे में समझेंगे, प्रभाव को अंग्रेजी में Influence कहा जाता है, और इसके बारे में महान विचारकों ने अपने- अपने विचार दिए है ज्जिसको समझना वर्तमान में अनिवार्य हो गया है, यहां इसका अर्थ, परिभाषाएं तथा विचारों को भी जानेंगे |
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प्रभाव क्या है :-
इसको ऐसे समझते है, यदि कोई परिवार का वरिष्ठ सदस्य उसी परिवार के किसी कनिष्ठ सदस्य को काम करने का परामर्श देता है, या स्कुल का अध्यापक परामर्श देता है तो प्रायः यह प्रभाव कहा जायेगा | क्योंकि यहां किसी भी शक्ति का प्रयोग नहीं किया गया न ही किसी शक्ति के प्रयोग का खतरा दिखाई देता है | यदि वह व्यक्ति (सदस्य) परामर्श नहीं मानता है तो उसे किसी भी प्रकार की क्षति नहीं होगी लेकिन यदि कोई देश या अंतराष्ट्रीय संस्था विदेश नीति संबंधी कोई निर्णय लेना चाहता है किन्तु कोई दूसरा शक्तिशाली देश अपनी ताकत का प्रयोग करते हुए उसे रोकता है प्रभाव कहा जायेगा
प्रभाव का अर्थ :-
इसका अर्थ अलग- अलग विद्वानों ने अपने-अपने अनुसार बताया है तथा कुछ विद्वानों के अनुसार Influence का अर्थ दूसरे के व्यव्हार को परिवर्तित कर सकने की क्षमता ही प्रभाव है लेकिन कुछ विद्वानों का मानना है कि “यह क्षमता प्रभाव न होकर शक्ति है |”
शक्ति को परिभाषित करते हुए गोल्ड हेमर व शील्स प्रभाव की व्यापकता को ध्यान में में रखते है | उनके अनुसार “एक व्यक्ति उसी सीमा तक शक्तियुक्त माना जा सकता है जिस सीमा तक वह अपने अ अभिप्रायों के अनुकूल दूसरों के व्यव्हार को प्रभावित कर सकता है |”
कार्ल जे. फ्रेडरिक :- प्रभाव गुप्त व्यक्ति है यहं न्यूनाधिक मात्रा में शक्ति काअदृश्य रूप है |
आर्नोल्ड बुल्फर्स के अनुसार :- शक्ति से अभिप्राय है, धमकियों के द्वारा दूसरों को नियंत्रित करने की सामर्थ्य दूसरी ओर वैसा ही परिणाम वायदों या लाभकर वस्तुएं देने के द्वारा पैदा करने की सामर्थ्य प्रभाव है|
प्रभाव तथा शक्ति :-
इस प्रकार आनुभव पुरुस्कारों द्वारा दूसरे के उपर प्राप्त किया गया नियंत्रण प्रभाव कहलाता है और दण्ड तथा बल प्रयोग द्वारा प्राप्त किया गया नियंत्रण शक्ति कहलाता है|
प्रभाव के प्रमुख श्रोत:-
दुनियां के प्रसिद्ध विद्वान रोवे की मान्यता है कि “ प्रभाव संघ सर्वत्र असमान रूप से पाया जाता है” इस असमानता के मुख्य कारण साधनों के वितरण में असमानताएं राजनैतिक साधनों के प्रयोग करनेमें भिन्नताएं आदि है|
प्रत्येक व्यक्ति की इच्छा होती है कि राजनैतिक व्यवस्था में अपना Influence जरुर छोड़े, जिसके लिए व्यक्ति सामान्यतः सरकारी नियमों, नीतियों को प्रभावित करने का प्रयत्न करते है लेकिन यह जरुरी नहीं है कि उसको अभुक कार्य में सफलता प्राप्त हो, इसका मुख्य कारण Influence की असमान प्रकृति है|
राजनैतिक विचारकों का मानना है कि राजनीतिक श्रोतों में असमानता के कारण ही राजनैतिक प्रभाव में असमानता आती है, तथा दूसरी तरफ यह भी कहा जाता है कि इसमें राजनीतिक प्रभाव के तथ्य एवं मूल्यों का भी अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है |
राजनीतिक प्रभाव लक्ष्यों व मूल्यों की समानता पर आधारित होते है, यहां भी रोवे अपने विचार प्रकट करते है कि “राजनैतिक श्रोत शिक्षा, कुशलता, स्वास्थ्य, व्यक्तित्व, आकर्षण तथा सम्पति आदि पर निर्भर होता है यह उन उद्देश्यों एवं क्रिया विधियों पर निर्भर होता है जिसके लिए उसको उपयोग किया जाये|”
शक्ति तथा प्रभाव में अंतर :-
अध्यन करने से यह ज्ञात होता कि प्रभाव में शक्ति होती है और शक्ति का प्रभाव होता है फिर भी इन दोनों के लक्ष्यों, साधनों एवं दिशाओं के मध्य अंतर पाया जाता है |
प्रो. केटलिन के अनुसार “शक्ति सफल नियंत्रण है इसलिए असफल शक्ति के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता, Influence भी नियंत्रण के रूप में होता है तथा प्रचार भी इसका एक प्रकार है|”
- शक्ति दमनात्मक, Influence अनुनयात्मक होता है, शक्ति के पीछे कठोर भौतिक बल एवं प्रतिबंधों का प्रयोग होता है| जिस व्यक्ति या समूह पर शक्तियां प्रयोग की जाती है उसके पास स्वीकार करने के आलावा कोई विकल्प नहीं होता है|
- Influence अनुभव विनय तथा मनोविज्ञानिक होता है व्यक्ति के पास उसे स्वीकार करने या न करके के विकल्प मौजूद होते है|
- अधिकतर देखने में आता है कि शक्ति का प्रयोग दूसरे की इच्छा के विरुद्ध किया जाता है जबकि Influence व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर करता है|
- शक्ति अप्रजात्मक होती है जबकि Influence प्रजात्मक होता है|
- शक्ति का प्रयोग निश्चित तथा सीमित और विशिष्ट रूप से होते है और Influence व्यक्तिगत अमूर्त तथा अस्पष्ट होता है अर्थात जब शक्ति का प्रयोग किया जाता है तो उसे हम देख सकते है जबकि Influence व्यक्तिगत अमूर्त तथा अस्पष्ट होता है|
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