हर्षवर्धन की विशेषताओं का वर्णन कीजिये [महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर]PDF
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हर्षवर्धन की विशेषताओं का वर्णन कीजिये [महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर]PDF

by Srijanee Mukherjee
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गुत्तोतर काल का मतलब गुप्तकाल के बाद की घटनाएँ , तथा इसको पुष्यभूति वंश/ वर्धन वंश के नाम से भी जाना है इसकी राजधानी थानेश्वर हुआ करती थी | हर्षवर्धन के समय, इसकी राजधानी कन्नौज थी , इनके पिता का नाम प्रभाकर वर्धन , भाई का नाम राज्य वर्धन तथा बहिन का नाम राज्यश्री था, इनका समय 606 -647 ई.तक माना जाता है | इस लेख में हर्षवर्धन की विशेषताएं और महत्वपूर्ण तथ्यों को भी समझेंगे |

हर्षवर्धन के विचार एवं भावनाएं :-

इनके  बारे में कहा जाता कि उनके अंदर महान सम्राट अशोक और समुद्र गुप्त जैसे महान लोगों के विचार सम्मलित थे इसको उदाहरण से ऐसे समझते है; “अशोक (बौद्ध मतानुयायी, सहिष्णुता) + समुद्र गुप्त ( सैन्य विजेता, कविराज) = हर्षवर्धन (बौद्ध मतानुयायी, सैन्य अभियान, लेखक, सहिष्णु)” |

हर्षवर्धन की विशेषताएं :-

  1. इन्होने अपने राज्य की राजधानी कन्नौज बनाई, रबकीर्ति के एहोल अभिलेख से पता चलता है कि चालुक्य शासक पुलकेशिन द्वतीय ने हर्षवर्धन को पराजित कया | हर्षवर्धन ने 635 ई. से 636 ई. में कश्मीर का सैन्य अभियान किया और वहाँ के शासक दुर्लभ वर्धन को पराजित कर वहां से बुद्ध का दांत उठाकर अपने राज्य ले आये|
  2. वह प्रारंभ में शैव मतानुयायी था जो आगे चलकर बौद्ध मतानुयायी बना |
  3. उन्होंने प्रयाग में प्रत्येक 5वें वर्ष एक सभा का आयोजन करता था जिसे “महामोक्षपरिषद्” कहा गया, इसमें बुध, सूर्य, एवं शिव की उपासना की जाती थी, इस सभा की समाप्ति कर वह अत्यधिक दान देता था, प्रयाग के समय हुईं यह सभा उसके समय की छठवीं सभा थी |
  4. हर्षवर्धन के दरबार में बाणभट्ट रहता था जिसने हर्षचरित, कादंबरी, चंड़ी शतक की रचना की, इसी तरह मयूर नामक विद्वान ने सूर्य शतक की रचना की | इसके दरबार में जयसेन नमक विद्वान रहता था, जिसने स्वयं को कालिदास एवं भास के समान बताया |
  5. हर्षवर्धन ने प्रिदर्शिका, रत्नावती , नागानंद नामक पुस्तकों की रचना की, कुछ बिद्वान इन पुस्तकों को लिखने का श्रेय कश्मीर के धावक नामक कवि को देते है |
  6. इन्होने नालंदा विश्वविद्यालय को 100 गावों का राजस्व दिया इसके समय में शीलभद्र यहाँ के कुलपति थे |    

FAQ

बाणभट्ट कहाँ रहता था?

यह हर्षवर्धन के दरबार में रहता थातथा इसने  हर्षचरित, कादंबरी, चंड़ी शतक नामक रचनाओं का वर्णन किया है/ लिखी है |

सूर्य शतक की रचना किसने लिखी ?

इसकी रचना मयूर नामक विद्वान ने की थी |

हर्षवर्धन प्रयाग राज में 5वें वर्ष किस सभा का आयोजन करता था?

यह प्रयाग में प्रत्येक 5वें “महामोक्षपरिषद्”  नामक सभा का आयोजन करता था जिसमें बुध, सूर्य, एवं शिव की उपासना की जाती थी|

हर्षवर्धन की विशेषताएं बताइए ?

कहते है कि उनके अंदर महान सम्राट अशोक और समुद्र गुप्त जैसे महान लोगों के विचार सम्मलित थे इसको ऐसे समझते है “अशोक (बौद्ध मतानुयायी, सहिष्णुता) + समुद्र गुप्त ( सैन्य विजेता, कविराज) = हर्षवर्धन (बौद्ध मतानुयायी, सैन्य अभियान, लेखक, सहिष्णु)”|

हर्षवर्धन ने अपने राज्य की राजधानी कहाँ बनाई थी ?

इन्होने अपने राज्य की राजधानी कन्नौज बनाई थी|

हर्षवर्धन का समय कब से कब तक माना जाता है ?

इनका समय 606 -647 ई.तक माना जाता है |

प्रिदर्शिका, रत्नावती , नागानंद नामक पुस्तकों की रचना किसने की?

इनकी रचना हर्षवर्धन ने की थी |

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