यदि भारत के इतिहास को देखें तो पता चलता है विश्व का सबसे पुराना इतिहास भारत का ही है, लगभग 2000 वर्ष पूर्व से, इस देश में मिले अवशेषों से इतिहास की जानकारी मिलती है | वहीँ दूसरी तरफ जब भारत देश में मुस्लिम राजाओं का शासन था उस समय पुलिस नहीं हुआ करती थी, यदि कुछ नियम कानून बनाने होते थे तो वहां का राजा ही बनाया करता था, मुस्लिम राजाओं के बाद ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन आया उसने भारत को 200 वर्ष तक गुलाम बनाये रखा, अंत में 15 अगस्त 1947 को भारत देश आजाद हुआ और पहले प्रधानमंत्री के रूप जवाहलाल नेहरु जी ने शपथ ली | इस लेख में 1996 में बने पेसा (PESA ACT) अधिनियम को समझेंगे |
- विशेष राज्य का दर्जा (विशेष श्रेणी / एससीएस) की विशेषताएं क्या है?
- सी-सेक्सन/ Caesarean Delivery डिलिवरी के आंकड़े दिन-प्रतिदिन बढ़ते दिख रहे है, पूरी जानकरी क्या है?
- लोक सभा में अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष का चुनाव तथा नियम 8 की जानकारी बहुत महत्वपूर्ण है
- लोकसभा उपसभापति/उपाध्यक्ष की भूमिका और इतिहास का वर्णन कीजिये
- भारतीय इतिहास में किलों की प्रथम खोज कब हुयी थी पूरी जानकरी देखिये |
पेसा अधिनियम क्यों और कब बनाया गया :-
- वर्ष 1992 में, भारतीय संविधान का 73वाँ संशोधन हुआ |
- पंचायत को संवैधानिक दर्जा प्राप्त हुआ |
- लेकिन Shedule Area (अनुसूचित क्षेत्र) में लागु नहीं होगी और कहा जाता कि अगर लागू होगा तो पर्याप्त Modification के बाद होगी |
- क्योकि अनुसूचित क्षेत्र का प्रशासन देश के सामान्य से हमेसा भिन्न रहा है |
- अंग्रेजों के समय से ही इस बात का ध्यान रखा गया कि आदिवासियों का प्रशासन देश के शासन से कुछ हद तक भिन्न हो जिससे आदिवासियों की संस्कृति, परम्परा, रीति रिवाज, एवं प्रशासन में किसी भी प्रकार आघात न हो |
पेसा अधिनियम में भूरिया कमेटी/ समिति का गठन :-
- जब भारत में 73वाँ संशोधन के दौरान आंदोलन हो रहे थे तो उस समय की सरकार ने एक कमिटी का गठन किया जिसका नाम दिलीप सिंह भूरिया समिति रखा गया क्योकि इस कमेटी की अध्यक्षता दिलीप सिंह भूरिया कर रहे थे जिन्होंने कुछ सुझाव दिए |
- जिस राज्य में अनुसूचित क्षेत्र है उस क्षेत्र में परम्परागत शासन व्यवस्था को ही लागू करवा कर संरक्षित करना चाहिए |
- 1996 में भूरिया कमेटी के सुझाव को ध्यान में रखते हुए एक विधेयक संसद में पेश होता है और उस पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह विधेयक पेसा अधिनियम कानून में बदल जाता है |
कानून :- अनुसूचित क्षेत्र में जो परम्परागत शासन व्यवस्था (Traditional Panchayat system ) है उसे संरक्षित करना है और उस क्षेत्र में परम्परागत शासन वो वहीँ की परम्परा और रीति रिवाज के अनुसार संचालित करना है |
- विशेष राज्य का दर्जा (विशेष श्रेणी / एससीएस) की विशेषताएं क्या है?
- सी-सेक्सन/ Caesarean Delivery डिलिवरी के आंकड़े दिन-प्रतिदिन बढ़ते दिख रहे है, पूरी जानकरी क्या है?
- लोक सभा में अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष का चुनाव तथा नियम 8 की जानकारी बहुत महत्वपूर्ण है
- लोकसभा उपसभापति/उपाध्यक्ष की भूमिका और इतिहास का वर्णन कीजिये
- भारतीय इतिहास में किलों की प्रथम खोज कब हुयी थी पूरी जानकरी देखिये |
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FAQ
भारत में यह कानून 1996 में बना था इसका फुल फॉर्म (The provisions of Panchayats) Extension To Scheduled Areas / (पंचायतों का अधिसूचित क्षेत्रों तक विस्तार ) / shedule area /अनुसूचित क्षेत्र जहां आदिवासियों की जनसख्या अधिक हो|
भारत देश में 10 ऐसे राज्य है जो अनुसूचित जाति में आते है जोकि इस प्रकार हैं -आंध्र प्रदेश, छतीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र , उड़ीसा राजस्थान तथा तेलंगाना है |
जब भारतीय संविधान का 73वाँ संसोधन हुआ उसके बाद सन् 1996 में भूरिया कमेटी/ समिति का गठन हुआ जिसके अनुसार यह कानून भारतीय संसद में पास हुआ था |