इस प्रदेश के इतिहास को तीन भागों में विभाजित किया गया है ,प्राचीन राजस्थान का इतिहास ( पुरातत्व पर आधारित है) इसके बाद मध्य राजस्थान का इतिहास ( पूरा का पूरा राजवंश पर आधारित है )| यहाँ जितने भी प्रश्नों को लिया गया है स्साब के सब राजस्थान के किसी न किसी परीक्षा में पूछे गये है इस [PDF MCQ] में राजस्थान का इतिहास है जो आने वाली परीक्षाओं से सम्बंधित है |
इस [PDF MCQ] QUIZ [2024-2025] में निम्नलिखित तरह के प्रश्नों को लिया गया है जैसे- चिरवा सिलालेख, विराट नगर (बैराठ), प्राचीन नगर, प्रतिहार वंश, अलाउद्दीन खिलजी, बाबर के पुत्र कामरान तथा जालौर का अभियान आदि |
- विशेष राज्य का दर्जा (विशेष श्रेणी / एससीएस) की विशेषताएं क्या है?
- सी-सेक्सन/ Caesarean Delivery डिलिवरी के आंकड़े दिन-प्रतिदिन बढ़ते दिख रहे है, पूरी जानकरी क्या है?
- लोक सभा में अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष का चुनाव तथा नियम 8 की जानकारी बहुत महत्वपूर्ण है
- लोकसभा उपसभापति/उपाध्यक्ष की भूमिका और इतिहास का वर्णन कीजिये
- भारतीय इतिहास में किलों की प्रथम खोज कब हुयी थी पूरी जानकरी देखिये |
राजस्थान का इतिहास [PDF MCQ] QUIZ प्रशों के तथ्य :-
इस लेख में जितने भी प्रशों को लिया गया है यहाँ उन प्रशों के तथ्य दिए जा रहे है यह अभ्यार्थियों के समझने में बहुत महत्वपूर्ण साबित होंगे |
चिरवा सिलालेख:-
इका समय 1273 ई है यह चिरवा गाँव से प्राप्त हुआ था यह गाँव उदयपुर में स्थित है इस सिलालेख के रचनाकर रत्न प्रभु सुरी है| रतन सिंह, समर सिंह,जैत्र सिंह और तेजसिंह शासकों का उल्लेख है|
प्राचीन नगर:-
इसका महाभारत और महाभाष्य दोनों में उल्लेखित है उसका नाम मध्यमिका ( बगरी) है जोकि राजस्थान के चित्तौरगढ़ में है यह एक जामने में सिवि जनपद की राजधानी हुआ करती थी |
राजस्थान में जुन्झुनु जिला:-
जुन्झुनु जिले को ताम्र जिला भी कहा जाता है| सुनारीसे लोहे जलाने की भट्टियों को अवशेष मिले है|
राजस्थान में प्रतिहार वंश के संस्थापक हरिशचंद्र :-
प्रतिहार वंश के संस्थापक हरिशचंद्र के चार पुत्र थे जिसमें उनका एक लड़का राजा बनता है जिसका नाम रन्जिल था और हरिशचंद्र के चारों पुत्रों ने मिलकर मण्डल्यपुर पर अधिकार किया था मण्डल्यपुर का प्राचीन नाम मंडौर हुआ करता था जोकि जोधपुर में स्थित है यहाँ 33 करोड़ देवी देवताओं की साल है| यह शहर राव चुंडा को दहेज़ में मिला था
गागरोन का युद्ध:-
गागरोन का युद्ध 1519 में लड़ा गया था इसी प्रकार सारंग पुर का युद्ध 1437 में लड़ा गया था बयाना का युद्ध 1527 में हुआ था उसके बाद मावली का युद्ध 1540 में हुआ था |
आधारित “गज उद्धार” ग्रन्थ की रचना का श्रेय:-
महाराजा अजीत सिंह मारवाड़ के राठौर वंश से है तथा इनको इतिहास का कान का कच्चा कहा गया है इनके बारे में ऐसा भी कहा जाता है जब इनकी मृत्यु हुयी उस समय वहाँ के पशुओं ने स्वेच्छा से अपने प्राण त्याग दिए थे आपको यह भी जानना चाहिए महाराजा अजीत सिंह की हत्या इनके बेटे के द्वारा ही की गयी थी |
बाबर के पुत्र कामरान और बीकानेर नरेश के मध्य युद्ध का वर्णन:-
बाबर के पुत्र कामरान और बीकानेर नरेश राव जैतसी का उल्लेख राव जैतसी से छंद में उल्लेख है इसके लेखक बीठू सूजा है|
अकबर द्वारा मानसिंह को निम्नलिखित में कौन से मुग़ल प्रान्तों का सूबेदार ( राज्यपाल) नियुक्त:-
मानसिंह का पहला राज्यभिषेक पटना में हुआ था खास बात तो यह है जब यह बंगाल के अभियान पर गये थे तब इनके तीन पुत्रों की मृत्यु भी हो जाती है|
अलाउद्दीन खिलजी का पहला अभियान रणथम्भौर पर 1301 में किया था उसके बाद दूसरा चितौड़ चुना था यह 1303 में किया था और जालौर का अभियान 1311 में हुआ था |
चित्तौड़ के दूसरे साके के समय की सटीक जानकारी देने वाला ताम्र पुर ताम्र पत्र है इसका समय काल 1535 इश्वी माना जाता है यह महाराणा विक्रमादित्य के समय का है | कर्मावती द्वारा जोहर करने से पूर्व एक हल भूमि दान में दी गयी थी यह सब पुर ताम्र पत्र में मिलता है|
महाराणा प्रताप की मृत्यु के बाद मेवाड़ के शासक प्रताप सिंह का पुत्र अमरसिंह ! बनता है, लेकिन जब यह राजा बनता है उसके बाद यह अपने पुत्र की वहज से परेशान होकर मुगलों के साथ संधि कर लेता है इस पुत्र का नाम कर्णसिंह था|
प्रथ्वीराज कच्छावा जयपुरिया राजवंश का राजा हुआ करता था इन्होने आमेर को 12 भागों में विभाजित किया था| प्रथ्वीराज खानवा युद्ध के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए उनके तुरन्त बाद पूर्णमल शासक बने थे|
राव मालदेव का फारसी इतिहासकारों द्वारा हशमत वाला शासक कहा गया है फारसी इतिहासकारों के नाम इस प्रकार है – अबुल फजल , अब्दुलकदिर बदायूंनी और निजामुद्दीन है|
रिसर्च बताते है कि अकबर का सबसे बड़ाविश्वास पात्र मानसिंह ! है उसके बाद दूसरा सबसे बड़ा विश्वास पात्र रायसिंह है इनको बीकानेर का कर्ण कहा जाता है|
डूंगरपुर को पहाड़ों की नगरी भी कहा जाता है डूंगरपुर और बांसबाड़ा पहाड़ों से घिरा हुआ क्षेत्र है तथा बांसबाड़ा को 100 दीपों का शहर भी कहा जाता है | बागड़में बागड़ी भाषा बोली जाती है |
- विशेष राज्य का दर्जा (विशेष श्रेणी / एससीएस) की विशेषताएं क्या है?
- सी-सेक्सन/ Caesarean Delivery डिलिवरी के आंकड़े दिन-प्रतिदिन बढ़ते दिख रहे है, पूरी जानकरी क्या है?
- लोक सभा में अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष का चुनाव तथा नियम 8 की जानकारी बहुत महत्वपूर्ण है
- लोकसभा उपसभापति/उपाध्यक्ष की भूमिका और इतिहास का वर्णन कीजिये
- भारतीय इतिहास में किलों की प्रथम खोज कब हुयी थी पूरी जानकरी देखिये |
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