पिछले दिनों औरंगजेब का नाम बदल कर डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम तथा इलाहबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर देना पहले भी बहुत से नामों को बदला जा चुका है जिनके पहले कुछ और नाम हुआ करते थे और अब कुछ और नाम हैं। राजपथ का नाम बदलकर कर्त्यव्य करवाया उसीप्रकार से इंडिया गेट का नाम बदलकर भारत माता द्वार करवाया जाये।
भारतीय जनकता पार्टी की सोच यह है कि नाम बदलने से 10000 शहीद जवानों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी उन्होंने कहा कि औरगंजेब रोड का नाम बदलकर डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम रोड किया गया, इंडिया गेट पर लगी जार्ज पंचम की मूर्ति हटाकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति लगाई।
इंडिया गेट (India gate) का नाम बदलने के पीछे का कारण :-
- 1- देश भक्ति और राष्ट्रीय गौरव।
- 2- मांग करने वाले लोगों का मानना है कि यह नाम परिवर्तन देशभक्ति और राष्ट्रीय गौरव को बढ़ावा देगा।
- 3- इसका इतिहास से भी जुड़ाव है कि इंडिया गेट देश के शहीदों को समर्पित है और ” भारत माता द्वार” नाम इस स्मारक को भारत माता से जोड़कर और अधिक भावुक बना देना है।
- 4- इस नाम को देश की संस्कृति और परंपराओं से जोड़ना ताकि भारत देश का नाम दुनियां के अलग-अलग देशों में पहुंचाया जा सके।
- 5- यह नाम परिवर्तन भारत की प्राचीन संस्कृति और परंपराओं से जुड़ाव को दर्शाएगा।
- 6-अतीत के औपनिवेशिक बोझ से मुक्ति |
- 7-भारत के एक समुदाय विशेष का मानना है कि इंडिया गेट का नाम ब्रिटिश शासक का प्रतीक है।
- 8-इसे बदलकर हम अपने अतीत के औपनिवेशिक बोझ से मुक्ति पर सकते हैं।

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स्मारक के बारे में जानकरी :-
- 1- इसकी डिजाइन ब्रिटिश वास्तुकला सर एडमिन लुटियंस (Sir Admin Lutynes)ने किया था जो भारतीय उपमहाद्वीप में ब्रिटिश शासन के दौरान कई महत्वपूर्ण निर्माण के वास्तुकार थे।
- 2- इसका डिजाइन अर्किटेक्चर के “इंडो सरसेनिल” शैली में है जिसमें भारतीय और पश्चिमी वास्तुकला के तथ्यों का मिश्रण है।
- 3-यह स्मारक बलुआ पत्थर से बना हैं और इसकी ऊंचाई लगभग 42 मीटर / 138 फीट हैं।
- 4- इंडिया गेट उन भारतीय सैनिकों की याद में समर्पित किया गया है जिन्होंने ब्रिटिश भारतीय सेना के हिस्से के रूप में विभिन्न युद्धों में शहादत दी थी।
अमर जवान ज्योति:-
- 1- इंडिया गेट के नीचे अमर जवान ज्योति है।
- 2-इसमें उन सैनिकों के नाम लिखें गये हैं जिन्होंने इन युद्धों में अपनी जान गावाई थी।
- 3-इसके नीचे अमर जवान ज्योति स्थित है जोकि भारतीय सैनिकों की शहादत की अनंत श्रद्धांजलि है।
- 4-इसको वर्ष 1971 के भारत -पाक युद्ध के बाद स्थापित किया गया था।
- 5-इसके नीचे तीन सैनिकों की प्रतिमा है।अमर जवान ज्योति भारत के वीर सपूतों के बलिदान की निशानी है, यह दिन -रात जलती रहती है |
FAQ
औरंगजेब रोड – डॉक्टर ए. पी. जे. अब्दुल कलाम
डलहौजी रोड – दारा शिकोह रोड
राबर्ट क्लाइव रोड – त्यागराज मार्ग
किंग्सवे कैम्प – गुरु तेज बहादुर नगर
रेसकोर्स रोड – लोक कल्याण मार्ग
मोहम्मदपुर गांव -मधुकरपुर
राजपथ – कर्तव्य पथ
बलुआ पत्थर का स्तेमाल हुआ था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किया गया था।
हाल ही में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने इंडिया गेट का नाम बदलकर भारत माता द्वार करने की है इन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक खत लिखा है जिसमे नाम बदलने की बात कही है।
Most Important FAQ
हाल ही में इन्होंने इंडिया गेट का नाम बदल कर भारत माता द्वार करने की मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की थी।
यह स्मारक भारतीय सेना के उन सैनिकों की श्रद्धांजलि के रूप में बनाया गया था जिन्होंने पहले विश्वयुद्ध (1914-1918) और तीसरे अफगान युद्ध 1919 में ब्रिटिश भारतीय सेना की तरफ से अपनी जान गवाई थी इंडिया गेट स्मारक 1921 में बनाया गया था।
इसको अखिल भारतीय युद्ध स्मारक कहा जाता था।
इसका निर्माण वर्ष 1921 में शुरू हुआ था और 1931 में पूरा हुआ था।
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