मेगस्थनीज (301- 298 ईसा पूर्व) के बाद भारत में विदेशी यात्रियों की जानकारी |
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मेगस्थनीज (301- 298 ईसा पूर्व) के बाद भारत में विदेशी यात्रियों की जानकारी |

by Srijanee Mukherjee
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हिंदुस्तान के इतिहास को समझने के कुछ ऐसे भ्रमणकारी यात्रियों के बारे में जानना जरुरी हो जाता है क्योंकि इस देश में जितने भी भ्रमणकारी आये उनमें से ज्यादातरों ने अपनी किताबों में कुछ न कुछ लेख लिए है जिससे भारत को समझना आसान हो जाता है यहां सबसे पहले उन महत्वपूर्ण विदेशी यात्री के बारे में पढ़ेगे उसके बाद उनके द्वारा लिखी गयी महत्वपूर्ण किताब के बारे न में और वह किस समय भारत की यात्रा की , भारत की खोज करने वाले पहले यात्री मेगस्थनीज है जोकि (301- 298 ईसा पूर्व) भारत की यात्रा की थी |

सबसे पहले विदेशी यात्री मेगस्थनीज (301- 298 ईसा पूर्व) -(320 -273 ईसा पूर्व )- फाह्यान (405 -411 ई.) – ह्वेन त्सांग (630 ई.)- इत्सिंग (671 -695 ई.)- अल मसूदी (951 ई.) इन यात्रियों ने भारत की यात्रा की इसमें से कुछ चीनी यात्री थे तो कुछ अरब देश के | इनके समय को विस्तार से समझेंगे |

मेगस्थनीज (301- 298 ईसा पूर्व):-

  1. सेल्यूकस निकेटर के राजदूत, जिन्होंने चंद्रगुप मौर्य कोर्ट का यात्रा किया|
  2. अपनी पुस्तक indika में भारत का वर्णन किया है|
  3. साथ ही भारत की 2 प्रमुख नदियों सिंधु और गंगा का वर्णन मिलता है|
  4. मेगस्थनीज को “भारतीय इतिहास का पिता” कहा जाता है क्योंकि वह प्राचीन भारत का चित्रण करने वाले पहले व्यक्ति थे|

डायमेकस (320 -273 ईसा पूर्व):-

  1. सीरिया के शासक एन्टिओकस प्रथम के द्वारा बिंदुसार के दरबार भेजा गया ग्रीक राजदूत|
  2. बिंदुसार ने एन्टिओकस प्रथम से अंजीर, मीठी शराब और यूनानी दार्शनिक मौर्य दरबार में भेजने को कहा था और सीरियन नरेश ने मीठी शराब और अंजीर तो भेज दी, पर यूनानी दार्शनिक भेजने में असमर्थता व्यक्त की |

फाह्यान (405 -411 ई.):-

  1. चीनी बौद्ध भिक्षु था |
  2. विक्रमादित्य (चंद्रगुप्त द्वितीय) के शासनकाल में भारत की यात्रा की थी |
  3. लुम्बिन की यात्रा किया |
  4. उनकी यात्रा पत्रिका “बौद्ध साम्राज्यों का अभिलेख” में उनके सहसिक कार्यों का विवरण मिलता है |
  5. ‘फोगुओजी’ इनके द्वारा लिखी गयी पुस्तकों में से एक प्रसिद्ध पुस्तक है | 

ह्वेन त्सांग (630 ई.):-

  1. चीनी यात्री
  2. हर्षवर्धन के शासन काल के दौरान भारत का यात्रा किया और 15 वर्षों तक भारत में रहा |
  3. पुस्तक ‘द रिकॉर्ड्स द वेस्टर्न वर्ल्ड’ या ‘सी-यू-की’ | ‘The Records of the Western World’ or ‘Si-yu-ki’ |
  4. उसे ‘प्रिसं ऑफ़ पिलग्रिम्स’ अर्थात यात्रियों का राजकुमार कहा जाता है |

इत्सिंग (671 -695 ई.):-

  1. चीनी यात्री
  2. बुद्ध धर्म के संबंध में भारत की यात्रा की थी |
  3. उनके कार्यों में कई महत्वपूर्ण भिक्षुओं की जीवनी शामिल है |

अल मसूदी (951 ई.):-

  1. यह एक अरब यात्री था |
  2. इन्होंने अपनी पुस्तक ‘मुरुज- अल-जहाब’ में भारत के राजनीतिक, आर्थिक और धार्मिक इतिहास पर चर्चा मिलती है |
  3. उसे कभी- कभी ‘अरबों के हेरोडोटस’ भी कहा जाता है | 

FAQ

अल मसूदी कौन था ?

यह यह एक अरब यात्री था तथा  951 ई. में भारत आया था |

अल मसूदी भारत कब आया था ?

इसने 951 ई. में भारत की यात्रा की थी |

अल मसूदी ने अपनी पुस्तक में किसका वर्णन किया था ?

इन्होंने अपनी पुस्तक ‘मुरुज- अल-जहाब’ में भारत के राजनीतिक, आर्थिक और धार्मिक इतिहास पर चर्चा मिलती है |

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