जवाहरलाल नेहरू [CLASS 11th,12th] निबंध PDF
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जवाहरलाल नेहरू [CLASS 11th,12th] निबंध PDF

by रवि पाल
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इस लेख को शुरू करने से पहले एक चर्चा को आपके सामने प्रस्तुत करते है यह चर्चा पंडित जवाहरलाल नेहरु और विन्सटन चर्चिल के बीच की है “एक बार नेहरू लंदन गये और उनकी मुलाकात विन्सटनचर्चिल से हुयी, विन्सटनचर्चिल ने नेहरू से पूछा|

“आप कितनी बार जेल गये/ आप कितने दिनों तक हमारी जेलों में बंद थे?”

नेहरू ने जबाब दिया “ मै लगभग दस वर्षों तक आपकी जेल में बंद रहा”

विन्सटन चर्चिल ने फिर पूंछा “ आप तो हमसे नफरत करते होंगे”

नेहरु जी ने जबाब दिया “देखिये,  मैं जिस नेता के साथ जेल में बंद था उस नेता के साथ मैने काम किया है उन्होंने मुझे कुछ बाते सिखायी, कभी किसी से डरो मत, कभी किसी से नफरत मत करो “ जब मैं आपकी जेलों में बंद था तब मई आपसे डरा नहीं तो आज आपसे नफरत कैसे कर सकता हूँ|

जवाहरलाल नेहरू का जन्म और पारिवारिक पृष्ठभूमि:-

इनका जन्म 14 नवंबर1889 को इलाहबाद ब्रिटिस भारत में हुआ था इसके पिता मोतीलाल नेहरु कश्मीरी पंडित मूल के एक स्व-निर्मित अमीर बेरिस्टर थे, जन्होने 1919-20 और 1928 -29 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रूप में दो बार सेवा की|

उनकी माता का नाम स्वरूप रानी धुस्सू, लाहौर में बसे एक कश्मीरी पंडित परिवार से थी जवाहरलाल नेहरू तीन बच्चों में से सबसे बड़े थे और इनकी दो बड़ी बहिने विजया लक्ष्मी और कृष्णा हुथेसिंह थी जिसमें बड़ी बहिन ने राजनैतिक कार्यभार सम्भाला और संयुक्त राष्ट महासभा की अध्यक्ष बनीं वहीं छोटी बहिन एक प्रसिद्ध लेखिका और जीवनी लेखिका बनी|

16वर्ष की आयु तक नेहरु को अंग्रेजी शासन और ट्यूटर्स की एक श्रंखला के द्वारा घर पर ही शिक्षित किया गया था इसके बाद 1905 में एक प्रमुख अंग्रेजी स्कूल हैरो गये जहां इन्होने दो (2) तक पढ़ाई की, कहते है इनका करियर किसी भी तरफ से उत्कृष्ट नही था |

हैरो से पढ़ाई पूरी करने के बाद ट्रिनिटी कॉलेज, केंब्रिज गये जहाँ उन्होंने प्राक्रतिक विज्ञान में ऑनर्स की डिग्री हासिल करने के लिए तीन(3) साल बिताए| केंब्रिज छोड़ने पर उन्होंने लंदन के इनर टेंपल में दो(2) साल के बाद बैरिस्टर के रूप में योग्यता प्राप्त की|

स्वतंत्रता संग्राम में जवाहरलाल नेहरू का योगदान :-

1919 में नेहरु भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गये जो अंग्रेजों से अधिक स्वायत्तता के लिए लड़ रही थी| वह संगठन के नेता मोहनदास गाँधी से कभी प्रभावित थे इसके बाद 1920 और 1930 के दशक के दौरान नेहरु को सविनय अवज्ञा के लिए अंग्रेजों द्वारा बार- बार जेल भी जाना पड़ा था तथा 1928 में वे कांग्रेस के अध्यक्ष भी चुने गये|

द्वतीय विश्व युद्ध के अंत तक इनको गाँधी के उत्तराधिकारी के रूप में मान्यता दी गयी थी | उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता पर वार्ता में एक केन्द्रीय भूमिका निभाई तथा धर्म के आधार पर भारत के विभाजन मुस्लिम लीग के आग्रह का विरोध किया था |

1929 , 1923 और 1937 में तीन (3) बार कांग्रेस अधिवेशन की अध्यक्षता की और 15 अगस्त 1947 से 26 जनवरी 1950 तक डोमिनियन ऑफ़ इंडिया के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया था|

नेहरु और धर्मनिरपेक्षता :-

धर्मनिरपेक्षता, जैसा कि जवाहरलाल नेहरू ने समझा, धर्म और राज्य को अलग करने और सभी धर्मों को समान रूप से मानने के सिद्धांत के रूप में परिभाषित किया जा सकता है तथा इनकी धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा एक ऐसे समाज के निर्माण के विचार पर आधारित थी जहाँ विभिन्न धर्मों के व्यक्ति सौहार्द पूर्वक सह- अस्तित्व में रहते है और राज्य धर्म के मामले में तटस्थ रहता है इन्होने एक ऐसा देश सोचा था जहाँ राज्य और व्यक्ति तथा धर्म में मानवता होनी जरुरी है |

नेहरु का राजनीतिक योगदान :-

1- नौवी अनुसूची :-

इस अनुसूची में केंद्र और राज्य कानूनों की एक सूची है जिसे अदालतों में चुनौती दी जा सकती है और इसे संविधान ( प्रथम संसोधन ) अधिनियम जोड़ा गया था यह नये अनुच्छेद 31B द्वारा बनाया गया था जिसे अनुच्छेद 31A के साथ सरकार द्वारा कृषि सुधर से संबंधित कानूनों की रक्षा करने और जमीदारी प्रथा को समाप्त करने के लिए लाया गया था |

2- कश्मीर :-

26 अक्टूबर 1947 को महाराजा हरि सिहं श्री नगर से भाग गये और जम्मू पहुचे जहाँ उन्होंने जम्मू-कश्मीर राज्य के इंस्टुमेंट ऑफ़ एक्सेशन पर हस्ताक्षर किये| दस्तावेज की सर्तों के अनुसार भारतीय अधिकार क्षेत्र बाहरी मामला , संचार और रक्षा तक विस्तारित होगा | दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किये जाने के बाद भारतीय सैनिकों को राज्य में एयरलिफ्ट किया गया और कश्मीरियों के साथ लड़ा गया | 5 मार्च 1946 को महाराजा हरि सिंह ने प्रधानमंत्री के रूप में सेख मोहम्मद अब्दुल्ला के साथ एक अंतरिम लोकप्रिय सरकार की घोषणा की |

3- समुदाय विकास कार्यक्रम और बलवंत राय मेहता समिति:-

इसमें संविधान के फंडामेंटल राइट दिए गये है जिससे भारत में रहने वाले लोगों के हक़ की आवाज उठाई जा सके|   

4- हिंदू कोड बिल :-

विवाह, तलाक तथा विरासत जैसे पर्सनल लॉविषय समवर्ती सूची के अंतर्गत जोड़े है | हिंदू व्यक्तिगत कानूनों को कुल मिलाकर वैधानिक अधिनियमों के द्वारा धर्मनिरपेक्ष और आधुनिक बनाया गया है|

1956 में संसद द्वारा हिंदू व्यक्तिगत कानूनों (जो सिखों, जैनियों और बौद्धों पर भी लागू होते है) को संहिता बृद्ध किया गया है |इस कोड बिल को चार (4) भागों में विभाजित किया हुआ है |

  1. हिंदू विवाह अधिनियम 1955
  2. हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956
  3. हिंदू अल्पसंख्यक और संरक्षरता अधिनियम 1956
  4. हिंदू तत्तक ग्रहण और रखरखाव अधिनियम 1956

 जवाहरलाल नेहरू  द्वारा किये गये कुछ आर्थिक सुधार:-

  1. योजना आयोग की स्थापना मार्च 19 50 में भारत द्वारा जारी एक संकल्प द्वारा दी गयी थी सरकार के प्रमुख उद्देश्य संसाधनों के सफल दोहन, उच्च उत्पादन और सभी के लिए संलग्र होने के अवसरों के माध्यम से भारतियों के जीवन स्तर में तेजी से वृद्दि करना तथा समाज सेवा करने के उद्देश्य बनाई गयी थी | 
  2. IIT, IIM और AIIMS, 1950 के दशक में विकसित हुए और तीनों संस्थान विश्वस्तर पर प्रशंसित और स्वीकृत है, IITप्रौद्योगिकी का सर्वोच्च संस्थान है IIM प्रबंधन का सर्वोच्च स्थान है और AIIMS स्वास्थ सेवा का सर्वोच्च संस्थान है | सभी सर्वोच्च संस्थानों की स्थापना भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू  द्वारा शुरू और विसकित की गयी थी|
  3. जवाहरलाल नेहरू ने बांधों को “आधुनिक भारत के मंदिर” के रूप में घोषित किया क्यों कि आजादी से पहले यह महसूस किया गया था, कि बड़े बांधों के निर्माण से भारत की कई समस्यायें हल हो जाएँगी| इससे बिजली का उत्पादन होगा, किसानों को सिचाई के लिए पानी मिलेगा, घरों और उद्योगों को पानी की आपूर्ति होगी| भारत में बहुउद्देशीय नदी परियोजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य  कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास को तेजी से औद्योगिकीकरण और शहरीकारण के साथ जोड़ना है |

अन्तराष्ट्रीय संबंध :-

1 – गुटनिरपेक्ष आन्दोलन का गठन शीत युद्ध के दौरान उन राज्यों के एक संगठन के रूप में किया गया था जो औपचारिक रूप से खुद को संयुक्त राज्य या सोबियत संघ के साथ संरेखित नहीं करना चाहते थे लेकिन स्वतंत्र या तटस्थ रहने की मांग करते थे | समूह के लिए मूल अवधारणा1955 में इंडोनेशिया में आयोजित एशिया- अफ्रीका बांडुग सम्मेलन में हुयी चर्चाओं के दौरान उत्पन्न हुयी थी | पहला NAM सिखर सम्मलेन सितंबर 1961 में बेलग्रेड, यूगोस्लोविया में हुआ था तथा 1961 में यूगोस्लोविया जोसिप ब्रोज टीटो मिस्त्र के गमाल अब्दुल नासिर, भारत के जवाहरलाल नेहरू,धाना के नक्रमा और इंडोनेशिया के सुक्रणो के नेतृत्व में गुटनिरपेक्ष के आन्दोलन की स्थापना हुयी और इसका पहला सम्मेलन ( बेलग्रेड सम्मेलन) हुआ|

पंचशील सिद्धांत समझौते के पांच सिद्धांत इस प्रकार है :-             

1 – एक-दूसरे की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के लिए परस्पर सम्मान

2 – आपसी गैर- आक्रामकता

3 – एक- दुसरे के अतरिक्त मामलों में पारस्परिक अह्स्तक्षेप

4 – समानता और पारस्परिक लाभ

5 – शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व

आधुनिक भारत के निर्माता और आजादी के बाद से 17 वर्षों तक देश के प्रधानमंत्री रहे जवाहरलाल नेहरू का 74 साल की उम्र में निधन हो गया |

1964 में  जवाहरलाल नेहरू और 1966 में लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु के बाद गुलजारी लाल नंदा (कार्य वाहक प्रधानमंत्री-पहली बार) दो (2) छोटी अवधि के लिए भारत के प्रधानमंत्री बने थे |

FAQ

आजादी से पहले जवाहरलाल नेहरू ने कांग्रेस अधिवेशन की अध्यक्षता कितने बार की थी ?

इन्होने 1929 , 1923 और 1937 में तीन (3) बार कांग्रेस अधिवेशन की अध्यक्षता की थी|

जवाहरलाल नेहरू की कितनी बहिने थी और उनके क्या- क्या नाम थे?

इनकी दो बड़ी बहिने विजया लक्ष्मी और कृष्णा हुथेसिंह थी जिसमें बड़ी बहिन ने राजनैतिक कार्यभार सम्भालतीं थी वहीं छोटी बहिन एक प्रसिद्ध लेखिका और जीवनी लेखिका लिखती थी|

मोतीलाल नेहरु भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कितने बार अध्यक्ष बने थे?

इन्होने 1919-20 और 1928 -29 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रूप में दो बार सेवा की थी|

जवाहरलाल नेहरू ने ट्रिनिटी कॉलेज, केंब्रिज में कितने वर्ष पढ़ाई की थी?

हैरो से पढ़ाई पूरी करने के बाद ट्रिनिटी कॉलेज, केंब्रिज गये जहाँ प्राक्रतिक विज्ञान में ऑनर्स की डिग्री हासिल करने के लिए तीन(3) साल बिताए थे

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