वैसे तो इसका मतलब पत्रकारिता का विज्ञान है लेकिन कुछ लोग इसको जर्नलिस्म से जोड़कर देखते हैं। Journalismology को हिन्दी में जर्नलिमोलोजी, जर्नलिस्मोलिजी या फिर जर्नलिस्मोलॉजी पढ़/बोल सकते हैं। यह एक संस्था हैं जोकि पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत है।
Journalismology का उद्देश्य :-
भारत देश में पत्रकारिता की बात करें तो हर दौर में सत्ता द्वारा गला घोटा जाता रहा है लेकिन जिस तरह से वर्तमान की सरकार ने मीडिया संस्थानों पर लगाम लगाकर रखी है वह भारत जैसे महान लोकतान्त्रिक देश के लिए बहुत दुख की बात है इस दौर में जब सत्ता के सामने बड़े-बड़े संस्थानों ने घुटने टेक दिये। इसलिए यह प्लेटफार्म बनाया गया है ताकि आम नागरिक अपनी बात बोल सके। जर्नलिस्मोलॉजी की टीम का उद्देश्य उस लोगों की आवाज उठाना जिसके बारे में कोई भी सोचता तक नहीं हैं।
एक दौर था जब पत्रकार और पत्रकारिता सरकार और उमके परिंदो से सवाल किया करती थी लेकिन आज के दौर ना तो पत्रकार, ना ही पत्रकारिता चलाने वाले संचालकों ने सरकार के आगे घुटने टेक दिये।

2015 के वाद मोदी और मीडिया का उदय-: इतिहास का एक दौर था जब सत्ताधारी पार्टी के नेताओं से हजारों सवाल दागे जाते थे उसके बाद जिस तरह से नरेंद्र मोदी का केंद्र में उदय मीडिया के बोल बदले, यह किसी से परे नहीं है।
Journalismology के कार्यक्रम:-
पिछले 3 वर्षों के दौरान Journalismology टीम ने अनेक चुनावों जिनमें से विधानसभा, लोकसभा प्रमुख रहे और जिस तरह से चुनावी आकलन किया उसकी प्रशंसा की जानी चाहिए, जब नरेंद्र मोदी 2024 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी लोकसभा सीट पर लड़ने गये उस दौरान journalismology टीम ने कहा था कि नरेंद्र मोदी के चुनाव जीतने के चांस बहुत कम दिख रहे हैं और यदि नरेंद्र मोदी चुनाव जीतते हैं तो 1 लाख या 1.5 लाख वोटों से ज्यादा नहीं जीतेंगे और वही हुआ।
इसी तरह राजधानी दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान बहुत सारे लोग, पार्टियों के प्रवक्ता कह रहे थे कि आम आदमी पार्टी चुनाव जीत रही है लेकिन journalismology की एक ऐसी टीम थी जिसने कहा था अरविन्द केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, अवध ओझा सब चुनाव हार जाएंगे। चुनाव खत्म होते ही पता चल गया कि यह नेता अपना चुनाव हार गये इसलिए इस प्लेटफार्म की टीम ग्राउंड पर अच्छे से कार्य करती है ताकि दर्शकों को सही जानकारी मिल सके।
इसके कार्यक्रम निम्नलिखित हैं।
A- इलेक्शन एक गेम ( Election Ek Game) कार्यक्रम-: यह चुनावी कार्यक्रम है, चुनाव के दौरान journalismology टीम गाँव, छोटे-छोटे नगरों, चौक- चौराहो पर लोगों से बात करती है और उनके बारे में समझती है, जिसमें राजनीति से लेकर सोसल समस्या, मुख्यमंत्री से लेकर गाँव के प्रधान तक के मुद्दे शामिल होते हैं। जब चुनाव का समय आता है उस दौरान अपने आंकड़े पेश करते है कि जमीन पर क्या देखा तथा किस राजनैतिक दल का कितना बोल वाला है।
B- चुनावी चर्चा:- रिपोर्टिंग करने के बाद, journalismology टीम ने क्या देखा और लोगों का रुझान किस तरफ है, इस तरह से इस कार्यक्रम में बताया जाता है ताकि दर्शकों के सही और सटीक जानकारी मिल सके।
इसे भी पढ़े :-
बांका जिले की धोरैया विधानसभा में 5 बार नरेस दास कैसे विधायक बने |
- बिहार चुनाव : पीरपैंती विधानसभा की सीट किसके खाते में जाने की सम्भावना है NDA या महा गठबंधन, कांटे की टक्कर है |
- भागलपुर :1967 अंबिका प्रसाद ने अपने पहले चुनाव में किस नेता को हराकर राजनीति शुरू की थी?
- Journalismology क्या है इसका मुख्य उद्देश्य बताइए ?
- गंगा जहाज से साहिबगंज झारखण्ड से मनिहारी बिहार कैसे जाएं।
- बांका जिले की धोरैया/SC विधानसभा, 5 बार के विधायक नरेश दास ने किस- किस नेता को चुनाव में शिकस्त दी थी |
FAQ
हां, बिलकुल भरोसेमंद यूट्यूब प्लेटफार्म है जहां पर किसी के दबाव के बिना न्यूज को बताया जाता है और ऐसा भी कहा जाता है जितने भी आंकड़े बताये जाते है 99% साक्ष्य और जाँचकर बताये जाते हैं।
नहीं, बिलकुल नहीं, कुछ बीजेपी समर्थक इसे कांग्रेस से प्रेरित न्यूज प्लेटफार्म बताते है लेकिन जाँच-पड़ताल के बाद ऐसा कुछ नहीं पाया गया कि यह कांग्रेसी चैनल है।
इसका कोई मालिक नहीं है यह एक स्वतः चलने वाला संस्थान है जिसका उद्देश्य सच को सच और झूठ को झूठ दिखाना है और ज्यादातर यह संस्थान ग्राउंड रिपोर्टिंग के दौरान कार्य करता है।