लाल बहादुर शास्त्री [निबंध PDF] Download
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लाल बहादुर शास्त्री [निबंध PDF] Download

by रवि पाल
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जब भारत देश का इतिहास समझने की कोसिश करते है वहाँ देखने को मिलता है , दुनियां में भारत एक ऐसा देश है जहां आजादी के लिए इतनी कुर्बानियां दी गयी है जितनी विश्व में किसी भी देश को आजादी के लिए देनी पड़ी हों | आज का यह लेख लाल बहादुर शास्त्री [निबंध PDF] आधारित है, वर्तमान में जिस तरह से भारत के लोगों को इनके बारे में ज्यादा पता नहीं है इसीलिए इस लेख को लिखा जा रहा है |

जब लाल बहादुर शास्त्री का नाम लिया जाता है इतिहास अपने आप लौटकर सामने आ जाता है अभियार्थी होने के बाबजूद यदि ऐसे महान नेता के बारे में पता न होना एक शर्मनाक वर्तमान बयां करता है यह एक ऐसे प्रधानमंत्री थे जिनको हजारों वर्षों तक भुलाना नामुनकिन है|

लाल बहादुर शास्त्री वर्तमान वर्ष :-

इनका जन्म 2 अक्तूबर 1904 को मुग़लसराय के शारदा प्रसाद श्रीवास्तव और रामदुलारी देवी के घर एक कायस्थ परिवार में हुआ था जब यह 17-18 महीने के थे तब इनके पिता का देहांत हो गया था  इनका लालन- पोषण इनकी माता के द्वारा किया गया था पढ़ाई  के दौरान इन्होने बहुत संघर्स किया| उन्होंने पूर्व मध्य रेलवे इंटर कालेज और हरीश चंद हाई स्कूल में अध्यन किया जिसे इन्होने असहयोग आन्दोलन में शामिल होने के लिए छोड़ दिया था |

कहते है शास्त्री जी मुजफ्फरपुर में हरिजनों की भलाई केलिए काम किया और “श्रीवास्तव” के जाति-व्युत्पन्न उपनाम को जोड़ दिया तथा  स्वामी विवेकानन्द, महात्मा गाँधी और एनी बेसेंट के बारे में पढ़कर शास्त्री के विचार प्रभावित हुए थे |

गाँधी जी से गहरे प्रभावित होकर, वह 1920 के दशक में भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन में शामिल हुए थे तथा उन्होंने लाला लाजपत राय द्वारा स्थापित सर्वेंट्स ऑफ़ द पीपल सोसाइटी  (लोक सेवक मंडल) के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में प्रमुख पदों पर रहे |

लाल बहादुर शास्त्री का राजनीतिक योगदान :-

1 – भारत की स्वतंत्रता के बाद, शास्त्री को उनके गृह राज्य, उत्तर प्रदेश में संसदीय सचिव नियुक्त किया गया था| वे 15 अगस्त 1947 को गोविंद बल्लभ पन्त के मुख्यामंत्रित्व काल में पुलिस और परिवहन  मंत्री बने |

2 – परिवहन मंत्री के रूप में उन्होंने सबसे पहले महिला कंडक्टरो की नियुक्ति की थी और पुलिस विभाग के प्रभारी मंत्री के रूप में, उन्होंने आदेश दिया कि पुलिस अनियंत्रित भीड़ को तितर- बितर करने के लिए लाठियों के बजे वाटर जेट का उपयोग करे, जिसके निर्देश उन्होंने दिए थे |

3- 13 मई 1952 को शास्त्री को भारत गणराज्य के पहले मंत्रिमंडल में रेल एवं परिवहन मंत्रीं बनाया गया था , तथा 1959 में वाणिज्य और उद्योग मंत्री और 1961 गृह मामलों के रूप में कार्य किया| सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि शास्त्री ने 1964 में मैगलोर पोर्ट की नीव रखी थी|

लाल बहादुर शास्त्री की वित्तीय नीतियाँ :-

1 – उन्होंने आणंद, गुजरात की अमूल दुग्ध सहकारी समिति का समर्थन करके और राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड बनाकर- दूध के उत्पादन और आपूर्ति को बढ़ाने के लिए एक राष्ट्रीय अभियान- श्वेत क्रांति को बढ़ावा दिया |

2 – शास्त्री ने 1965 में भारत में हरित क्रांति को बढ़ावा दिया इससे खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि हुयी |

3 – जब शास्त्री प्रधानमंत्री बने इन्होने/ इनकी सरकार ने /राष्ट्रीयत कृषि उत्पादन बोर्ड अधिनियम पारित किया और खाद्य निगम अधिनियम 1964 के तहत भारतीय खाद्य निगम की स्थापना के लिए जिम्मेदार थी |

लाल बहादुर शास्त्री की विदेश नीति :-

1 – सिरीमा- शास्त्री समझौते पर 30 अक्टूबर 1964 हो हस्ताक्षर किये गये थे यह एक समझौता जिस पर श्रीलंका के प्रधानमंत्री सिरीमावो भंडारनाय के और भारत के प्रधानमंत्री  लाल बहादुर शास्त्री के बीच हस्ताक्षर किये गये थे| यह सीलोन में भारतीय मूल के लोगों के भविष्य का निर्धारण करने वाला समझौता था |

2 – इनके शासन के दौरान, भारत ने 1965 में कश्मीर को लेकर पाकिस्तान के साथ युद्ध किया था |

लाल बहादुर शास्त्री की ताशकंद घोषणा :-

इसको ताशकंद घोषणा/ ताशकंद समझौता की कहा जाता है,इसको संयुक्तराष्ट्र सुरक्षा परिषद् लीड कर रहा था | 10 जनवरी 1966 को भारत के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री (जिनका अगले दिन निधन हो गया) और पाकिस्तान के राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित समझौता था , समझौते के अगले दिन ही लाल बहादुर शास्त्री का निधन हो जाता है |

अगस्त 1965 से सितम्बर 1965 तक पाकिस्तान और भारत के बीच हुए युद्ध को समाप्त करने वाले मोहम्मद आयूब खान थे | संयुक्तराष्ट्र सुरक्षा परिषद् द्वारा 22 सितंबर 1965 को संघर्ष विराम किया था |

 लाल बहादुर शास्त्री की विरासत :-

1 – जय जवान- जय किसान (अंग्रेजी: जय जवान, जय किसान):-

भारत के दूसरे प्रधानमंत्री का नारा था जो 1965 में अरुवा, प्रयागराज में एक सार्वजनिक सभा में बोला गया था |

लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी भारत में मसूरी , उत्तराखंडमें सार्वजनिक निती और लोक प्रशासन पर एक सिविल सेवा प्रशिक्षण संस्थान है | अकादमी का मुख लक्ष्य आईएएस कैडर के सिविल सेवकों को प्रशिक्षित करना और ग्रुप-ए सेन्ट्रल सिविल सर्विसेज का फाउंडेशन कोर्स भी संचालित करना था|

FAQ

जय जवान- जय किसान का नारा कब और कहाँ बोला गया था ?

1965 में अरुवा, प्रयागराज में एक सार्वजनिक सभा में बोला गया था यह नारा भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने दिया था |

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