हरियाणा की भाषा और शैली दोनों अलग- अलग हैं यहाँ भाषा और बोलियों को समझेंगे, भाषा बड़े स्तर पर बोली जाती है वहीँ बोली छोटे स्तर पर बोली जाती है, हरियाणा की 2 राजकीय भाषा हैं तथा 6 प्रकार की बोलियाँ हैं |
हरियाणवी भाषा:-
हरियाणा का गठन 1 नवम्बर 1966 हुआ उस दौरान यहाँ की जनसँख्या हिंदी बोला करती थी इसलिए सबसे पहले यहाँ पर हिंदी भाषा को घोषित कर दिया गया |
दो वर्षों के बाद चुनाव होता है, और बंशीलाल मुख्यमंत्री (1968-1975) बनते है, इन्होने अपने दौरान दूसरी राजकीय भाषा तमिल को बना दिया, जब तमिल को हरियाणा की राजकीय भाषा बनाया गया उस दौरान यहाँ की राजनीति और तेजी से गरमा गयी क्योंकि कुछ लोगों को मानना था, यहाँ की दूसरी भाषा पंजाबी होनी चाहिए इसका मूल कारण यह भी था, हरियाणा राज्य पंजाब से अलग हुआ था , लेकिन कुछ वर्षों के बाद ओमप्रकाश चौटाला के द्वारा इस भाषा को हटा दिया गया |
जनवरी 2010, मुख्यमंत्री भूपेन्द्रसिंह हुड्डा ने अपने कार्यकाल के दौरान, दूसरी राजकीय भाषा पंजाबी को बना दिया|
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हरियाणवी बोली:-
हरियाणवी बोली के 6 प्रकार हैं :-
- बांगरू बोली
- बागड़ी बोली
- मेवाती बोली
- कौरवी बोली
- अहिरी बोली
- ब्रज बोली
बांगरू बोली :-
- इसे देसी बोली भी कहते हैं|
- यह मुख्यतः सोनीपत, पानीपत, करनाल, कैथल, जींद, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, रोहतक, चरखी, दादरी, झज्झर में बोली जाती है |
- बांगरू बोली के ठेठ क्षेत्र रोहतक और सोनीपत को कहते हैं |
कौरवी बोली:-
- यह मुख्यतः कुरुक्षेत्र , अम्बाला, पंचकुला , यमुनानगर में बोली जाती है |
- इसे अंबालवी बोली भी कहा जाता है |
बागड़ी बोली:-
- यह बोली हरियाणा के बागड़ क्षेत्र या पश्चिमी भाग में बोली जाती है |
- तथा यह, सिरसा, हिसार, भिवाड़ी, फतेहाबाद जिले में बोली जाती है |
अहिरी बोली:-
- यह बोली हरियाणा के अहीर क्षेत्र में बोली जाति है इसके बोलने वाले क्षेत्र रेवाड़ी, गुरग्राम, महेंद्रगढ़ हैं |
ब्रज बोली:-
- यह बोली हरियाणा के ब्रज के क्षेत्र में बोली जाती है, तथा यह मुख्यतः फरीदाबाद, पलवल में बोली जाती है |
वर्तमान में, दो राजकीय भाषा हैं, पहली हिंदी जिसको 1 नवम्बर 1966 को बनाया गया था और दूसरी हिंदी, जिसको जनवरी 2010 में घोषित किया गया था |
हिंदी, क्योंकि हरियाणा का गठन 1 नवम्बर 1966 हुआ, उस समय यहाँ की 90% जनसँख्या हिंदी बोला करती थी इसलिए सबसे पहली राजकीय भाषा हिंदी है |
बांगरू बोली, इसे सोनीपत, पानीपत, करनाल, कैथल, जींद, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, रोहतक, चरखी, दादरी, झज्झर में बोला जाता है |
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