महात्मा बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी यूनेस्को की संकटग्रस्त धरोहरों की सूची में शामिल किया गया है वर्ष 1997 में यह UNESCO में शामिल किया गया था लेकिन वर्तमान मेंभी यह संकट में है,यह नेपाल के तराई क्षेत्र में बसा हुआ भगवान महत्मा बुद्ध का जन्म स्थान माना जाता हैं लुंबिनी के बारे में पूरी जानकरी दे रहें हैं ताकि पूरी जानकरी पता की जा सके |
लुंबिनी कहाँ हैं?
- 1- यह नेपाल की तराई में बसा ऐतिहासिक स्थान हैं, जहाँ बुद्ध का जन्म हुआ था। लुंबिनी को साल 1997 में संयुक्त राष्ट्र संघ की संस्था यूनेस्को UNESCO ने विश्व धरोहर के तौर पर मान्यता दी थी।
- 2- लेकिन वर्तमान में UNESCO जल्द ही लुंबिनी को संकटग्रस्त विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल कर सकता है।
- 3- माया तीर्थ मंदिर इस तीर्थ स्थान का प्रमुख केंद्र है जहाँ एक चट्टान उस जगह के बारे में बताती है, जिसके बारे
- बताती है, जिसके बारे में बौद्धों का मानना है कि जहां लगभग 2,600 वर्ष पहले बुद्ध का जन्म हुआ था।
- 4-इसके चारों ओर 14 बौद्ध बिहार है जिन्हे फ़्रांस और कोरिया सहित सहित अलग -अलग देशों के बौद्धों ने बनवाया है, यह बौद्ध धर्म के व्यापक का प्रमाण भी है।

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लुंबिनी में क्या-क्या दिक्क़ते हो रही हैं?
- 1- लेकिन यह कहते है कि गर्मियों में माया देवी मंदिर आना चुनौती हो सकता है।
- 2- खेनपो फुरपा शेरपा ने बताया, ” कोई भी ज्यादादेर तक मंदिर में नहीं रुक सकता, क्योंकि यहां वहुत ज्यादा गर्मी और उमस हो जाती है” ।
- 3-मंदिर के अंदर के इन हलातों के कारण ही युनेस्को ने लुंबिनी को संकटग्रस्त धरोहर की सूची में रखने का कदम उठाया है तथा उसका कहना है कि मंदिर की विशेषताओं का धीरे-धीरे खत्म होना बताता है कि मंदिर को संरक्षण की कितनी जरूरत है।
- 4-यूनेस्को के अनुसार ” वायु प्रदूषण, दुकानों और बाजारों का खुलना, औद्योगिक इलाके और कुप्रबंधन लुंबिनी के लिए सबसे बड़े खतरे हैं” ।
- 5-लेकिन यूनेस्को ने इस प्रसिद्ध स्थान के जीर्णोद्वार के लिए नेपाल को और समय देने का फैसला किया है तथा इसे सहेजने के लिए जो भी जरूरी काम हें उन्हें एक फरवरी तक पूरा करने के लिए कहा गया है।
FAQ
गर्मी – जब मंदिर के अंदर जायेगे तो उसमे उमस पैदा हो जाती हैं (एक तरह की अजीब सी गर्मी लगने लगती हैं)।
सांस लेने में दिक्कत – जब महिलाएं या पुरुष दर्शन के लिए जाते हैं तो ज्यादा भीड़ होने से लोगों में सांस लेने में दिक्कत होने लगती है।
संयुक्त राष्ट्रसंघ की संस्था है जो विश्वभर के ऐतिहासिक धरोहरों की रक्षा करता है तथा उनकी रिपोर्ट को प्रिकासित भी करता है।
यह नेपाल का एक बहूत फेमस स्थान है यह महात्मा बुद्ध ने जन्म लिया था ऐसा कहा जाता है दुनियां के अलग-अलग देशों (फ्रांस, जापान कोरिया औए चीन ) से 10 लाख से अधिक लोग दर्शन करने के लिए आते हें।
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