प्राचीन मध्य प्रदेश की राजनैतिक स्थिति (Ancient Political Of Madhya Pradesh) के महत्वपूर्ण प्रश्नों जोकि MPPSC, पटवारी पुलिस, लेखपाल आदि परीक्षाओं में पूछे जाते है यहाँ ऐसे प्रश्नों पर चर्चा की गयी है |
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मध्य प्रदेश की प्राचीन राजनीति व्यवस्था :-
- मध्य प्रदेश प्राचीन काल से ही एक सशक्त राजनैतिक एव प्रशासनिक इकाई के रूप में अधीन रहा है |
- छठी शताब्दी ई. पू. सम्पूर्ण उत्तर भारत राजनैतिक एव प्रशासनिक द्रष्टि से 16 वृहत् इकाइयों में विभाजित था, जिन्हें महाजनपद कहा जाता था |
- इन महाजनपदों में से अवंति तथा चेदि वर्तमान मध्य प्रदेश की भौगोलिक सीमाओं में स्थित है |
- शिशुनाग नंद वंश के अंतर्गत अवंति मगध साम्राज्य का भाग थी |
- मगध पर मौर्यों के शासनकाल में अवंति मगध के पश्चिमी प्रांत के रूप में एक महत्वपूर्ण राजनैतिक इकाई बनी जिसकी राजधानी उज्जयिनी ( वर्तमान में उज्जैन) थी | मगध पर बिन्दुसार के शासनकाल में अशोक अवंति का प्रनतपाल था |
- मध्यकाल में मध्य प्रदेश स्वतंत्र मुस्लिम सल्तनत (मालवा), फारुकी शासन (निमाड़) तथा गोंड शासन(गढ़मंडला) के प्रशासनिक केंद्र के रूप में स्थापित था |
मध्य प्रदेश की राजनीति 17 वीं त्तथा 18वीं शताव्दी:-
17 वीं त्तथा 18वीं शताव्दी में बघेलों, बुदेलों, सिंधिया, होल्कर, आदि अनेक राजनैतिक शक्तियों के अधीन मध्यप्रदेश, मध्य भारत की एक प्रमुख प्रशासनिक इकाई के रूप में उभरा, जिसे राज्य का दर्जा प्राप्त था |
FAQ
छठी शताब्दी ई. पू. मध्य प्रदेश 16 वृहत् इकाइयों में विभाजित था, जोकि महाजनपद के नाम से जाने जाते थे |
उज्जयिनी (उज्जैन)
उज्जयिनी, वर्तमान में इसे उज्जैन के नाम से जाना जाता है तथा अवंति मगध राज्य का एक महाजनपद था |
शिशुनाग नंद वंश के अंतर्गत अवंति मगध साम्राज्य का हिस्सा थी|
1947 से पहले MCIA (मध्य प्रदेश सेंट्रल इंडिया एजेंसी) दो भागों में बट गयी जिक्स पहला भाग सेण्ट्रल प्रोविंस प्रान्त और दूसरा बरार प्रान्त था तथा इनका सेण्ट्रल पॉइंट नागपुर को बनाया गया |
11 December 1853 अंग्रेजों के द्वारा पूरी तरह से नागपुर को अपने अधीन किया गया था |
2 नवम्बर1861 सेण्ट्रल प्रोविंस का गठन किया गया जिसको हम CP के नाम से जानते है |
24 अक्तूबर 1936 को बरार प्रान्त स्थापित किया गया |