वर्तमान के भारत देश में जिस तरह से राजनैतिक दल समाज, जाति तथा वर्गों में गरीबी की बात करते है उस हिसाब से ऐसा लगता है आने वाले कुछ वर्षों में परम्परागत रूप से बदलाव हो जायेगा लेकिन यदि पिछले कुछ वर्षों से देखें तो यह धरातल पर कुछ भी दिखाई नहीं दिया है इस लेख में सबसे पहले अल्पसंख्यक(Minorities) का अर्थ, प्रकार, अनुच्छेद आयोग और सच्चर समिति को समझेंगे |
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अल्पसंख्यक (Minorities):-
उस समुदाय को अल्पसंख्यक कहा जाता है (इसका अर्थ अल्प + संख्यक = कम+ संख्या) जिसकी संख्या अन्यों के मुकाबले कम होती है तथा सुविधाओं के आधार पर भेदभाव के शिकार होते है उन्हें अल्पसंख्यक कह सकते है |
यूएओ के अनुसार – किसी भी राष्ट्र राज्य में रहने वाले समुदाय जो संख्या में कम हों, सामाजिक, राजनैतिक व आर्थिक रूप से कमजोर हों तथा संस्कृति,प्रजाति बहुसंख्यों से अलग हो, भारत में धर्म एवं भाषा के आधार पर अल्पसंख्यों की पहचान की जाती है|
भारतीय संविधान में अल्पसंख्यक (Minorities) की परिभाषा तथा अनुच्छेद :-
हालांकि भारतीय संविधान में इसकी परिभाषा नहीं दी गयी है लेकिन अनुच्छेद 29, 30 तथा 350 क एवं 350 ख (भाषाई अल्पसंख्यक) में इसका प्रयोग हुआ है, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम के तहत 23 अक्टूबर 1993 देश में कुल पांच समुदायों को अल्पसंख्यक माना गया था | जिसमें मुसलमान, इसाई, सिख, जैन तथा वौद्ध और फारसी है |
27 फरवरी 2014 में जैन धर्म को छठा अल्पसंखक समूह घोषित किया गया था, वहीं भारत देश में 19 प्रतिशत आवादी अल्पसंख्यक (Minorities ) है|
समाजशास्त्रीय भाव यह है कि अल्पसंख्यक वर्ग के सदस्य एक सामूहिकता का निर्माण करते है, यानी उनमें अपने समूह के प्रति एकात्मकता, एकजुटता और उससे संबंधित होने का प्रबल भाव होता है यह भाव हानि अथवा असुविधा से जुड़ा है क्योंकि पूर्वाग्रह और भेदभाव का शिकार होने का अनुभव आमतौर पर अपने ही समूह के प्रति निष्ठा और दिलचस्पी की भावनाओं को बढ़ावा देता है |
भारत में धार्मिक अल्पसंख्यक(Minorities) :-
मुस्लिम समुदाय भारत में सबसे बड़ा धार्मिक अल्पसंख्यक (Minorities) वर्ग है जिसकी आवादी 17.22 करोड़ (14.22 प्रतिशत) है उसके बड इसाई (2.48 करोड़/2.3 प्रतिशत) , सिख (2.08 करोड़/ 1.7 प्रतिशत), बौद्ध 84 लाख, तथा जैन 45 लाख है | मुसलमान जम्मू और कश्मीर में बहुसंख्यक है इसके साथ- साथ भारत में तीन राज्य ईसाई बहुल है जोकि यह है, नागालैंड 90 प्रतिशत, मिजोरम 87 प्रतिशत, और मेघालय 70 प्रतिशत |
वहीँ सिख पंजाब में बहुसंख्यक है इनकी आवादी लगभग 60 प्रतिशत है, बौद्धों का सर्वाधिक अनुपात सिक्किम में 28 प्रतिशत और अरुणाचल प्रदेश में 13 प्रतिशत है तथा जैनों का सर्वाधिक अनुपात महाराष्ट्र 1.3 प्रतिशत, राजस्थान और गुजरात में पाया जाता है|
अल्पसंख्यक(Minorities) का संवैधानिक प्रावधान :-
कोई भी भाषा या संस्कृति थोपना देश की एकता तथा अखंडता के लिए गंभीर खतरा है भारत देश में अल्पसंख्यकों के उत्थान के लिए अनेक प्रयास किये गये|
- अनुच्छेद 29 :- भारत में कहीं भी निवास करने वाले“ नागरिकों का एक वर्ग” जिसकी अपनी भाषा, लिपि या संस्कृति है उसके बनाये रखने का अधिकार है |
- अनुच्छेद 30 :- धर्म या भाषा पर आधारित सभी अल्पसंख्यक-वर्गों को की शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन का अधिकार होगा, अनुच्छेद 30 बी में राज्य आर्थिक सहायता में भेदभाव नहीं करेगा | इस आधार पर राष्ट्रीय धार्मिक एवं भाषाई अल्पसंख्यक (Minorities) आयोग ने दो आधार पर अल्पसंख्यक बताये |
- अनुच्छेद 14 से 18 में समानता का अधिकार है|
- अनुच्छेद 26, धार्मिक मामलों का प्रबंध करने की स्वतंत्रता होगी |
- अनुच्छेद 27, धर्म के आधार पर कर बसूलने की स्वतंत्रता होगी |
- अनुच्छेद 28, सरकारी शिक्षण संस्थानों में धार्मिक उपासना में बैग न लेने की छूट है |
- अनुच्छेद 350,शिकायत के लिए अल्पसंख्यक भाषा का प्रयोग|
- अनुच्छेद 350 ए प्राथमिक शिक्षा उनको अपनीभाषा में देने का प्रावधान है|
- अनुच्छेद 350 बी, 7 वें संविधान संसोधन द्वारा 1957 में भाषाई अल्पसंख्यकों के लिए विशेष अधिकारी की नियुक्ति, इनका मुख्यालय इलाहबाद, कोलकाता, बेलगाँव, व चेन्नई में क्षेत्रीय कार्यालय है |
1978 में अल्पसंख्यक आयोग का गठन किया गया बाद में इसके स्त्थान पर 17 मई 1993 में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एन सी एम्) का गठन किया गया जो अल्पसंख्यको (Minorities) पर अत्याचार व स्थित में सुधार हेतु प्रयास करता है|
20 नवंबर 2004 में संवैधानिक दर्जा देने के लिए संविधान संशोधन भी किया गया|
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FAQ
27 फरवरी 2014 में, जैन धर्म को Minoritie का दर्जा दिया गया था |
भारत देश में लगभग 19 प्रतिशत आवादी अल्पसंख्यक है |