जब भारत देश आजाद हुआ उससे पहले इस देश में मुस्लिम राजाओं, हिंदू राजाओं तथा अनेजों का शासन रहा, उस दौरान एक हिस्से में कुछ रियासतें रहा करती थी, रिसर्च बताते है कि भारत मात्र एक ऐसा देश था जिसको अंग्रेजों में सबसे ज्यादा गुलाम बनाकर रखा, उसका एक कारण यह भी था, यहां की रियासतें, जो अंग्रेजों की चापलूसी किया करते थे| उसी भारत देश में एक वर्ग ऐसा था जो इस देश की आजादी के सपने देख रहा था, तो कुछ ऐसे भी वर्ग थे जो बहुत गरीब, किसान, आदिवासी समुदाय में गिने जाते थे, आज का लेख इसी विषय पर है जिसको अल्पसंख्यक समुदाय या माइनॉरिटी कहा गया है|
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अल्पसंख्यक समुदाय का इतिहास:-
यह भारत के संविधान में परिभाषित नहीं है, लेकिन भारत में अल्पसंख्यक को दो भागों में विभाजित किया गया है/ माना है जिसमें पहला भाषायी के आधार पर है और दूसरा धार्मिक के आधार पर|
अल्पसंख्यक समुदाय की परिभाषा :-
अन्तराष्ट्रीय विश्व कोष में “अर्नार्ड रोज” की परिभाषा के अनुसार “ अल्पसंख्यक समुदाय वह समुदाय होता है जो अपने को राष्ट्रीयता, धर्म, प्रजाति या भाषा के आधार पर समाज के अन्य तमगों से अलग मानता है और समाज के दूसरे लोग भी नकारात्मक अर्थों में अलग मानते है”
संक्षेप में ऐसे समूह में अपेक्षाकृत कम शक्तिशाली होते है जिसमें अलगाव, भेद-भाव तथा अन्य रूपों में देखते है|
सुप्रीमकोर्ट के अनुसार 2002 :-
भारत देश के सुप्रीमकोर्ट के कहा, जिसकी आबादी 50% से कम है ऐसे समुदयों को, ऐसे धर्मों को या ऐसे लोगों को अल्पसंख्यक मान सकते है (टी एँम पाई का मामला था जो वर्ष 2002 में दिया गया था |
2011 की जनगणना के अनुसार भारत के अन्दर लगभग 79.80% हिंदू,14.23% मुस्लिम, 2.30% क्रिश्चियन, 1.72% सिख, 0.70% बौद्ध और 0.37% जैन समुदायों की आबादी थी|
इसको इस प्रकार कह सकते है अब 2011 की जनगणना हुयी तो हिन्दुओं को छोड़कर सबको अल्पसंख्यक माना गया | तो यहाँ यह जानने को मिल गया है कि क्या भारत देश में सिर्फ मुस्लिम ही अल्पसंख्यक की श्रेणी में आते है, ऐसा बिलकुल नहीं है भारत देश में मुस्लिम के अलावा भी अल्पसंख्यक समुदाय के लोग रहते है |
हिंदू को छोड़कर सबको अल्पसंख्यक माना, जम्मू कश्मीर, मिजोरम, मेघालय, उत्तर पूर्वी राज्य में हिंदू अल्पसंख्यक है ( इस विषय को लेकर भारतीय सुप्रीमकोर्ट के अधीन मामला निलंबित है)
वर्तमान में अल्पसंख्यक समुदाय :-
- मुस्लिम
- सिख
- इसाई
- जैन
- बौद्ध
- पारसी
वर्ष 1993 में, भारत देश के प्रधानमत्री नरसिंह राव के सरकार के दौरान, भारत में 5 धर्मों को अल्पसंख्यक माना गया था जिसमें मुस्लिम, सिख, इसाई, बौद्ध और पारसी को माना गया था लेकिन जो बचा जैन समुदाय है उसको 2014 में अल्पसंख्यक का दर्जा दिया गया |
अल्पसंख्यक शब्द का इतिहास :-
अल्पसंख्यक शब्द का इतिहास :-
विश्व का इतिहास :-प्रथम और द्वतीय विश्व युद्ध के दौरान (1914-1945), के बाद यूरोप का जो एरिया है वहां पर अल्पसंख्यक (यहूदी समुदाय) के साथ बड़ा अत्याचार हुआ था, इसी दौरान (1939-1945) के समय हिटलर जो जर्मनी का शासक था उसके भी यहूदियों पर अत्याचार किये |
जैसे ही 1945 में द्वतीय विश्वयुद्ध समाप्त हुआ वैसे ही,UNO ने इसे संज्ञान में लिया था | 1992 में एक चार्टर बनाया गया जिसको अल्पसंख्यक का घोषणा पत्र कहा गया, इस घोषणा पत्र के आर्ट-1 में, जिसकी विशिष्ट संस्कृति, विशिष्ट पहचान हो उसको अल्पसंख्यक माना जायेगा तथा इसका वर्णन संविधान में अनुच्छेद 29-30 में किया गया है|
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FAQ
अल्पसंख्यक समुदाय में 6 धर्मों की चर्चा की है जोकि इस प्रकार है :-
1- मुस्लिम
2- सिख
3- इसाई
4- जैन
5- बौद्ध
6- पारसी
संविधान के अनुच्छेद 29, 30 में
2014 में
नहीं, अल्पसंख्यक समुदाय में मुस्लिम के अलावा 5 समुदाय और आते है जिसमें सिख, जैन, ईसाईं, बौद्ध और पारसी भी सामिल