एक दौर था जब बिहार की राजनीति क्षेत्रीय नेताओं के भरोसे लड़ी जाती थी लेकिन वर्तमान में नेता और मतदाता केंद्रीय नेतृत्व को देखकर अपना मत देखते और देते हैं इसीलिए केंद्रीय नेतृत्व अपमे आप को अब्बल दर्जे के रूप में देखना शुरू कर चुका है। नाथनगर विधानसभा का गठन 1967 में हुआ, तथा इस वर्ष ही पहला विधानसभा चुनाव हुआ जिसमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार K JHA ने IND उम्मीदवार C P यादव को 2674 हरा दिया था।
नाथनगर विधानसभा का पहला चुनाव
1967 के चुनाव में नाथनगर विधानसभा संख्या 159 थी लेकिन जिस तरह से कांग्रेस ने पहला चुनाव जीता उससे लगने लगा था यह गढ़ कांग्रेस के पक्ष में जाता दिखेगा। वर्ष 1972, 1980 के चुनाव में भी कांग्रेस का दबदबा रहा तथा जीत हासिल की।
वर्तमान में बिहार विधानसभा चुनाव है जिसको देखते हुये 2 दल आमन- सामने दिखते नजर आते है, NDA (राजग), महागठबंधन, लेकिन जिस तरह से मतदाताओं ने अपने आप को तैयार किया वह सत्ता के सामने अपने आप को चुनौती जरूर देंगे।
नाथनगर विधानसभा का राजनैतिक समीकरण
पहला चुनाव INC ने जीता, 1969 मे भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व मे चुनचुन प्रसाद यादव ने जीत हालिस की लेकिन बीजेपी के नेतृत्व की कमी के कारण इन्होंने 1972 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीता। ऐसा माना जाता है नाथनगर विधानसभा किसी एक दल को अपना नेता नहीं मानती है इसलिए यहां परिवर्तन होता है, वर्तमान (2020-2025) में अली असफर सिद्दीकी (Ali Ashraf Siddiqui) महागठबंधन से विधायक हैं लेकिन सवाल है कि क्या फिर से महागठबंधन सीट निकालने में सक्षम रहेगा या राजग (NDA) मे खाते में जायेगी।
इस विधानसभा में हिन्दू- मुस्लिम दोनों दोनों के सपोर्टर देखने को मिलेंगे। यहाँ के लोगों से हमारी टीम ने बात की जिसमें युवा (विद्यार्थी) और कुछ बुजुर्ग लोग शामिल हैं। सबसे पहले नाथनगर विधानसभा के हिन्दू बहुल क्षेत्र में सवाल इस प्रकार हैं..

नमस्कार, आपके यहां विधानसभा चुनाव है Ali Ashraf Siddiqui किस तरह के नेता हैं?
सर, हमारे यहां तो नहीं आते हैं, जब आएंगे तब पता चलेगा अच्छे है या नहीं, आगे इसरा करते हुये, चारों तरफ देखिये रोड का हाल, इस क्षेत्र में नहीं आते है।
क्या आप हिन्दू हैं इसलिये आप Ali Ashraf Siddiqui का विरोध कर रहे हैं?
नहीं हिन्दू- मुस्लिम की बात नहीं है, यहां सब मिलकर रहते है, साथ में खड़े इंसान की तरफ इसारा करते हुये, ये मुस्लिम मेरा दोस्त है और मैं हिन्दू, फिर भी दोस्त हैं। सर जो सच है उसे बता रहे हैं यहां विधायक जी नहीं आते है, हो सकता हो दूसरे मुस्लिम क्षेत्रों या पंचायतों में आना जाना हो लेकिन यहां नहीं आते हैं।
आपको लगता है नीतीश कुमार सही हैं या बदलाव होना चाहिए?
सर नीतीश जी ठीक ही है लेकिन बदलाव होना चाहिए, चाहे तेजस्वी यादव बने या चिराग पासवान लेकिन नीतीश कुमार को खुद राजनीति छोड़ देनी चाहिए। उनकी उम्र हो गयी है किसी और नेता को सत्ता में आने का मौका दें। मुझे तो लग रहा है तेजस्वी यादव के जीतने के चांस ज्यादा लग रहे हैं।
बिहार में किसको मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव या फिर चिराग पासवान?
तेजस्वी यादव बने या चिराग पासवान कोई भी बने, लेकिन नीतीश जी का राज देकज लिया 10-15 वर्षों से, अब बिहार में बदलाव जरुरी है।
निष्कर्ष:-
लोगों से बात करने के बाद ऐसा लगा, वर्तमान विधायक Ali Ashraf Siddiqui एक मुस्लिम नेता हैं इसलिये महागठबंधन ने टिकट देखकर सीट अपने नाम की थी लेकिन वर्तमान विधानसभा चुनाव में उनका काम देखकर लगता है, महागठबंधन उम्मीदवार जीतना मुश्किल है। यहाँ पर तेजस्वी यादव, और राहुल गाँधी को अपने नेताओं के बारे में जानकारी लेनी चाहिए, कि क्या उनके नेता चुनाव जीतने के बाद जनता के पास गये या नहीं। हालांकि जिस तरह से महागठबंधन की केंद्रीय समिति है उससे लगता है इस विधानसभा चुनाव में परिवर्तन होगा।
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FAQ
यह कह पाना तो बहुत मुश्किल है लेकिन जिस तरह से महागठबंधन के नेता पूरे बिहार का चुनाव अपने चेहरे पर लड़ रहे है उससे लग रहा है नाथनगर विधानसभा में महागठबंधन जीत होगी, हालांकि यह केवल रिसर्च है, कौन जीतेगा, कौन हारेगा, यह तो मतदान के बाद ही पता चलेगा।
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