प्रत्येक वर्ष 19 जून को नेशनल रीडिंग डे मनाया जाता है, इसकी शुरुआत 2017 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोच्चि से नेशनल रीडिंग या डिजिटल रीडिंग माह का सुभारम्भ किया था, तथा यह दिवस पीएन पणिक्कर के सम्मान में मनाया जाता है क्योंकि यह केरल के और पुस्तकालय के जनक के रूप में माने जाते है |
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नेशनल रीडिंग डे उद्देश्य :-
इसका उद्देश्य साक्षरता और पढ़ने की संस्कृति को बढ़ावा देना है |
नेशनल रीडिंग डे / पीएन मणिक्कर के बारे में :-
- पीएन पणिक्कर ने श्रावणकोर लाइब्रेरी एसोसिएशन की शुरुआत की थी जिसको कुछ समय के बाद केरल पत्रिका संघम (KGS) के रूप में जाना जाने लगा था |
- इस संघ में लगभग 47 स्थानीय पुस्तकालय शामिल थे जिनका उद्देश्य पर जमीनी स्तर पर शिक्षा की ओर ध्यान केन्द्रित करना था |
- इन्होने सनातन धर्म पुस्तकालय की स्थापना की थी जो केरल में पुस्तकालय आन्दोलन था |
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पीएन पणिक्कर को श्रावणकोर लाइब्रेरी एसोसिएशन का जनक कहा जाता है तथा इन्होने सनातन धर्म पुस्तकालय की भी स्थापना की थी |
पीएन पणिक्कर का जन्म 1 मार्च 1909 को हुआ था यह एक अध्यापक होने के साथ- साथ शिक्षा के क्षेत्र में आन्दोलनकारी भी थे, इसीलिए इनको केरल में पुस्तकालय आन्दोलन का पिता कहा जाता है, इसकी मृत्यु 19 जून को हुयी इसीलिए, पुण्यतिथि के मौके पर देश भर में नेशनल रीडिंग डे (National Reading Day) मनाया जाता है|
प्रत्येक वर्ष 19 जून से 25 जून तक एक सप्ताह के लिए वायना वारम मनाया जाता है यह पीएन पणिक्कर की मृत्यु पर आधारित है |
इसकी शुरुआत केरल से 19 जून 2017 से होती है तथा यह शिक्षा जगत के आन्दोलनकारी पीएन पणिक्कर के पुण्यतिथि के दिन से मनाया जाता है |