प्रयागराज, त्रिवेणी संगम,इलाहाबाद [निबंध एवं चर्चा pdf]
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प्रयागराज, त्रिवेणी संगम,इलाहाबाद [निबंध एवं चर्चा]pdf

by Srijanee Mukherjee
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वर्तमान में भारत सरकार ने, बहुत से धार्मिक स्थलों, सड़कों तथा अन्य स्थलों के नामों में परिवर्तन किया है इसमें से सबसे महत्वपूर्ण प्रयागराज है जिसको कुछ दिनों/ महीनों पहले इलाहाबाद के नाम से जानते थे, इस लेख में यहां के धार्मिक स्थलों, इतिहास, तथा भूगोल से संबंधित तथ्यों को जानेंगे तथा इसकी Pdf File भी अपलोड कर देंगे ताकि यदि किसी अभ्यार्थी या पाठको को पढ़ने में असुविधा न हो|

प्रयागराज (इलाहाबाद) का महत्त्व:-

एक ऐसा स्थल जो यग्य के लिए प्रसिद्ध है इसे समय- समय पर विभिन्न नामों से भी जाना जाता है जोकि इस प्रकार है :-

  1. Prayagraj 
  2. Teertharaj
  3. Situated at the confluence at three rivers- Ganga, Yamuna and Saraswati = Treveni
  4. Kumbh
  5. Mahakumbh
  6. Prayag

यहां की  एक खास बात यह भी है कि प्रत्येक 6 साल में Kumbh का मेला तथा प्रत्येक 12 सालों में Mahakumbh का मेला लगता है, इसका लेख हमारे वेदों, पुराणों में देखने को मिलता है |

जब पुराण की बात की जाती है तो कहा जाता है जो भी मनुष्य माघ के महीने में स्नान कर लेगा, तो सभी पापों से मुक्त हो जायेगा|

प्रयागराज (इलाहाबाद) की पवित्रता:-

  1. पुराण, रामायण तथा महाभारत के संदर्भ में |
  2. प्रयाग सोम, वरुण और प्रजापति का जन्म स्थान है |
  3. महान ॠषि भरद्वाज, ॠषि दुर्वासा और ॠषि पन्नास का आसन है, इस सभी का स्थल प्रयागराज में रहा है  ऐसा कहा जाता है यह स्थल 543 A.D पुराना है|
  4. पदम पुराण में भी प्रयागराज का वर्णन देखने को मिलता है|

“प्रयागस्य प्रवेषु पापं नश्वती तत्क्षणम”

यदि इस श्लोक की बात की जाये तो “ अगर कोई अपने कदम भी प्रयाग के अंदर रखता है तो वह अपने पापों से मुक्त हो जाता है इसके साथ- साथ यदि संस्कृति विविधतता की बात करें तो यहां भाईचारा, धर्म स्थल, वेद- पुराण के बारे में देखते को मिलता है|

न केवल हिंदू बल्कि जैन, बौद्ध धर्मों आदि की मान्यताएं देखने को मिलती है| 

प्रयागराज (इलाहाबाद) का इतिहास :-

  1. यदि इलाहाबाद के इतिहास को समझें तो पता चलता है, 1575 ई. में सम्राट अकबर ने “इलाहबास” के नाम से शहर की स्थापना की जो बाद में अलाहाबाद बन गया था जिसका अर्थ  “अल्लाह का शहर” था|
  2. 1857 ई. में यह नगर स्वतंत्रता संग्राम का केंद्र बना |
  3. 1858 ई. ईस्ट इंडिया कंपनी ने आधिकरिक तौर पर मिंटो पार्क में ब्रिटिश सरकार को भारत सौप दिया था
  4. स्वतंत्रता के पहले युद्ध के बाद शहर का नाम “इलाहाबाद” रखा गया और इसे संयुक्त प्रान्त आगरा और अवध की राजधानी बनाया गया था|
  5. 1868 ई. में यहं न्याय की एक सीट बन गया जब इलाहबाद उच्च न्यायालय की स्थापना हुयी थी|
  6. 1871 ई. ब्रिटिश वास्तुकार सर विलियम इमर्सन ने कोलकाता में विक्टोरिया मेमोरियल को डिज़ाइन करने से तीन साल पहले एक राजसी स्मारक ऑल सेंट कैथेड्रिल का निर्माण किया था|
  7. 1887 प्रयागराज चौथी सबसे पुराने विश्वविद्यालय “ इलाहाबाद विश्वविद्यालय: की स्थापना के साथ ज्ञान का एक स्थान बन गया था|

प्रयागराज (इलाहाबाद) के प्रमुख युद्ध :-

  1. यह शहर ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का केंद्र था जिसमें आनंद भवन देन्द्र था|
  2. यह प्रयागराज (तब इलाहाबाद के रूप में जाना जाता था) में था, महात्मा गांधी ने भारत को आजाद कराने के लिए अहिंसक प्रतिरोध के अपने कार्यक्रम का प्रस्ताव रखा था|

 वर्तमान में यहाँ पर 8 तहसील, 23 ब्लोक, 10 नगरपालिका तथा 3178 गावों हैं

प्रयागराज के तीर्थस्थल :-

  1. Treveni Sangam
  2. Khusro Bagh
  3. Anand Bhavan
  4. Allahabad Fort

FAQ

1857 ई. में इलाहाबाद का इतिहास बताइए ?

1857 ई. में यह नगर स्वतंत्रता संग्राम का केंद्र बना |

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की स्थापना कब हुयी थी?

1868 ई. में इसका गठन हुआ था|

इलाहाबाद शव्द कहाँ से आया था?

यदि इलाहाबाद शव्द के इतिहास को समझें तो पता चलता है कि 1575 इश्वी में सम्राट अकबर ने “इलाहबास” के नाम से एक शहर की स्थापना की जो बाद में अलाहाबाद बन गया था जिसका अर्थ  “अल्लाह का शहर” था और इसके बाद इसको इलाहाबाद नाम दे दिया था|

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