आजादी के 70 वर्ष बाद भारत में बहुत कम नेता हुये जिन्हें जनता भगवान का दर्जा देती हो, एक दौर था जब बिहार के लोग नेताओं को अपना आदर्श मानते थे लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गांधीजी की हत्या के बाद राजनीति में जिस तरह बदलाव हुआ जिसमें जनता पार्टी से बनी भारतीय जनता पार्टी और जनता दल से बने दो दलों (राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल यूनाइटेड) ने बिहार की राजनीति ही बदल दी।
पूर्णियां विधानसभा का राजनैतिक इतिहास
1951 में गठन होने के बाद पहला चुनाव (1951-52) में होता हैं जिसमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के स्वर्गीय श्री कमलदेव नरायण सिन्हा ने लगातार 6 बार चुनाव जीत कर पूर्णियां में इतिहास रच दिया। हालांकि 1990 के विधानसभा चुनाव में CPM नेता अजीत सरकार ने वर्तमान पूर्णियाँ सांसद को 1615 वोटों से हराया था।
14 जून 1998, अजीत सरकार हत्या के बाद, यहाँ की राजनीति में भूचाल आया, क्योंकि 1990 विधानसभा चुनाव में जिस पप्पू यादव को हराया था वही पप्पू यादव 1996 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर सांसद बन जाते हैं और इधर अजीत सरकार की हत्या हो जाती है।

पूर्णियां सांसद पप्पू यादव कैसे बने लोगों के मशीहा
बिहार प्रदेश का पूर्णिया राजनीति के क्षेत्र में बहुत कुछ कह जाता है, 1951 के बाद कांग्रेस का का गढ़ माना जाता रहा लेकिन पहला परिवर्तन वर्ष 1990 के विधानसभा चुनाव में हुआ जब CPM के नेता अजीत सरकार ने चुनाव में राजेश रंजन उर्फ़ पप्पू यादव हराया लेकिन अगले वर्ष 1991 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की।
वर्तमान में पूर्णियां जिले के ज्यादा लोगों का मानना है सांसद पप्पू यादव सबकी मदद करते हैं कुछ ऐसे उदाहरण हैं जिसको नीचे की पंक्तियों में दर्शाया गया है। यह लोगों से चर्चा के माध्यम से लिए गये है जोकि बिल्कुल सत्य हैं।
पूर्णियां विधानसभा में चुनावी चर्चा के दौरान लोगों ने बताया……

2025 बिहार के पूर्णियाँ विधानसभा में चुनावी चर्चा एक चाय की दुकान पर चल रही थी इसी दौरान पास में वैठे ऑटो ड्राइवर ध्रुव कुमार बताते है।आज से 15 वर्ष पहले मेरे घर को तोड़ने के लिए पुलिस आई, क्योंकि सरकार इस जगह को अपने कब्जे में लेकर किसी को बेचना चाहती थी, हमने सबसे मदद मांगी लेकिन किसी ने हमारी मदद नहीं की। यह खबर पप्पू यादव को पता चली तो वह हमारे यहां आये और हमारी बहुत मदद की। आगे ध्रुव कुमार बताते है, मैंने नेता तो बहुत देखे हैं लेकिन पप्पू जी जैसा नहीं देखा। पूर्णियाँ जिले के किसी भी गांव में जाकर पता कर लीजिये, किसी को भी दिक्कत होती है पप्पू जी सबसे पहले खड़े मिलते हैं।
इसी तरह चाय बनाने दुकानदार ने बताया ” सर यह दुकान देख रहें हैं, इसको बनाने में पप्पू यादव का बहुत बड़ा हाथ है “। वह हमारे यहां आते ही रहते हैं जब भी यहाँ से गुजरेगें, तो यहाँ जरूर आएंगे। इस दुकान को खुलवाने के लिये 10 हजार रूपये दिये थे आज 7-8 वर्ष हो गये है आज तक रूपये मांगने नहीं आये।
पूर्णियाँ जिले के यह 1-2 उदाहरण नहीं है किसी से भी पूछिए, हर कोई बताएगा, पप्पू यादव जैसा परोपकारी, जनसेवक, गरीबों का मशीहा कोई नहीं है। हालांकि वर्तमान में ऐसा आदर्शवादी नेता होना सौभाग्य की बात है।
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FAQ
बिहार प्रदेश के सौभाग्य की बात है, इस धरती ने अनेकों नेताओं को जन्म दिया जिसमें सबसे पहले कमलदेव नरायण सिन्हा जो लगातार पूर्णियाँ विधानसभा से 6 बार विधायक चुने गये, उसके बाद CPM नेता अजीत सरकार, जिन्हें लोग अपना भगवान मानते थे और वर्तमान में राजेश रंजन उर्फ़ पप्पू यादव। लेकिन वर्तमान में पप्पू यादव सबसे अच्छे नेताओं में गिने जाते हैं।