सैडलर आयोग की सिफारिशें [TET Exams] PDF Download
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सैडलर आयोग की सिफारिशें [TET Exams]  PDF Download

by Srijanee Mukherjee
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इस लेख में सैडलर आयोग की सिफारिशें के बारे में समझेंगे जिसमें माध्यमिक शिक्षा, कलकत्ता विश्वविद्यालय तथा भारतीय विश्वविद्यालयों के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित हुयी |

माध्यमिक शिक्षा के लिए आयोग की सिफारिशें :-

सैडलर आयोग ने माध्यमिक शिक्षा को उच्च शिक्षा का मुख्य आधार मानकर, उसके संबंध में निम्न सुझाव दिए |

  1. विश्वविद्यालयों में केवल इंटरमीडिएट परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले प्रवेश दिया जाना चाहिए |
  2. स्नातकों का पाठ्यक्रम 3 वर्ष का कर दिया जाना चाहिए |
  3. इंटरमीडिएट कक्षाओं को विश्वविद्यालयों से पृथक कर दिया जाना चाहिये |
  4. इंटरमीडिएट की शिक्षा के लिए पृथक इंटरमीडिएट कॉलेजों की स्थापना की जानी चाहिए |
  5. इंटरमीडिएट कॉलेजों में शिक्षा का माध्यम भारतीय भाषाएँ होनी चाहिए |
  6. प्रत्येक प्रान्त में माध्यमिक और इंटरमीडिएट शिक्षा बोर्ड का निर्माण किया जाना चाहिए|
  7. माध्यमिक स्कूलों और इंटरमीडिएट कॉलेजों के नियंत्रण और निरीक्षण का कार्य उक्त बोर्डों को सौंप दिया जाना चाहिए |

कलकत्ता विश्वविद्यालय के लिए आयोग की सिफारिशें :-

सैडलर आयोग ने “कलकत्ता विश्वविद्यालय” की विशाल छात्र संख्या को ध्यान में रखकर निम्नलिखित सिफारिशें की |

  1. डाका में “आवासीय शिक्षण” विश्वविद्यालय की शीघ्रातिशीध्र स्थापना की जानी चाहिए|
  2. कलकत्ता नगर के समवर्ती कॉलेजों का संगठन इस द्रष्टि से किया जाये कि उपयुक्त स्थान पर नवीन विश्वविद्यालय की स्थापना हो जाये |
  3. कलकत्ता नगर के सभी कॉलेजों को इस प्रकार संगठित किया जाये कि एक शिक्षण-विश्वविद्यालय का निर्माण हो जाये |

भारतीय विश्वविद्यालयों के लिए आयोग की सिफारिशें :-

विश्वविद्यालयों के संगठन, शासनन कार्यों आदि के संबंध में सैडलर आयोग ने निम्नलिखित सिफारिशें की|

  1. विश्वविद्यालयों को सरकार के नियंत्रण से मुक्त होकर, अधिक स्वतंत्रता का उपयोग करना चाहिए |
  2. विश्वविद्यालयों में “पास कोर्स” के आलावा “आनर्स कोर्स” का भी प्रचलन कर दिया जाना चाहिए और स्नातकों का पाठ्यक्रम 3 वर्ष का कर दिया जाना चाहिए |
  3.  विश्वविद्यालयों में कृषि, क़ानूनी, डाक्टरी, अध्यापन, इंजीनियरिंग आदि की शिक्षा की उचित व्यवस्था की जानी चाहिए |
  4. विश्वविद्यालयों में अरबी , फारसी, और संस्कृत के अध्यन की सुविधा प्रदान की जानी चाहिए |
  5. छात्रों के स्वास्थ्य की देख देखभाल करने के लिए प्रत्येक विश्वविद्यालय में “शारीरिक प्रशिक्षण-संचालक” की नियुक्ति की जानी चाहिए|
  6.  विश्वविद्यालयों के प्रोफ़ेसरों तथा रीडरों की नियुक्ति एव विशिष्टि चुनाव समिति द्वारा की जाये तथा इस समिति में शिक्षा के वाध्य विशेषज्ञों को भी सम्मानित किया जाये |
  7. मुसलमानों को उनकी शिक्षा पिछड़ी होने के कारण उन्हें विशेष सुविधाएँ देकर उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया जाये |
  8. विश्वविद्यालयों में आन्तरिक प्रशासन के लिए “सीनेट” के स्थान पर “प्रतिनिधि सभा” और “सिंडिकेट” के स्थान पर “ कार्यकरिणी परिषद्” का गठन किया जाये |
  9. शैक्षिक कार्यों जैसे परीक्षा, शोध, तथा पाठ्यक्रम आदि के लिए “एकेडिमिक काउन्सिल” का गठन किया जाये |
स्त्री- शिक्षा के संबंध में आयोग आयोग ने सफ़ारिश की कि जो बालिकाएं 15-16 अवस्था तक बालकों  से पृथक शिक्षा प्राप्त करना चाहती है और अंत में कलकत्ता विश्वविद्यालय में “ स्पेशल बोर्ड ऑफ़ विमेन्स एजूकेशन” की स्थापना की जाये | इस बोर्ड का कार्य स्त्रियों के लिए उपयुक्त पाठ्यक्रम तैयार करना, महिला कॉलेजों के अध्यापन की व्यवस्था करना तथा अध्यापिका -प्रशिक्षण  एवं चिकित्सा शिक्षा की उपयुक्त व्यवस्था करनी चाहिए |

FAQ

“पास कोर्स” और “आनर्स कोर्स” का सुझाव किस आयोग ने दिया था?

“पास कोर्स” और “आनर्स कोर्स” का सुझाव सैडलर आयोग (1917 ई.-1919 ई.) के द्वारा दिया गया था |

“आवासीय शिक्षण” विश्वविद्यालय की बात किस आयोग के द्वारा की गयी थी?

यह कलकत्ता विश्वविद्यालय के लिए आयोग की सिफारिशें के दौरान आवासीय शिक्षण की बात कही गयी थी जोकि सैडलर आयोग (1917 ई.-1919 ई.) में बताया गया है |

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