सरना धर्म का इतिहास [Sarna Dharma] PDF
Home » सरना धर्म (Sarna Dharma) का इतिहास तथा तथ्यों की जानकरी दीजिये |

सरना धर्म (Sarna Dharma) का इतिहास तथा तथ्यों की जानकरी दीजिये |

by Srijanee Mukherjee
0 comment

इस शब्द (सरना)का मतलब मुंडारी भाषा का अर्थ है “पवित्र वन” |  झारखंड में आदिवासियों के अस्तित्व को बचाने के का प्रयास करने वाले एक संगठन ( राष्ट्रीय आदिवासी समन्वय समिति) के द्वारा सरना धर्म को लेकर अभियान तेज हो गया है ताकि इसकी सक्रियता से इसको बचाया जा सके इसलिए इस लेख में सरना धर्म कोड पर आधारित हैँ। यह आदिवासी जल, जंगल, जमीन को अपना भगवान मानते हैं।

वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि लगभग 50लाख लोगों ने कहा था कि हम इसी धर्म को मानते और हमारा यही धर्म है।

राष्ट्रीय आदिवासी समन्वय समिति (झारखंड) द्वारा आगामी (आने वाले वर्षों में) जनगणना में सरना धर्म कोड को शामिल करने की मांग की गयी है तथा 28 फरवरी को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर इसके प्रदर्शन का आयोजन भी किया गया था इसके साथ -साथ देश भर के अनुसूचित संघों से इसमें शामिल होने का प्रस्ताव भी रखा गया था।

क्या है सरना धर्म /धरम कोड :-

  • 1- झारखंड और कुछ पडोसी राज्यों के आदिवासी समुदायों का मूल धर्म है।
  • 2- इस धर्म के अनुयायी ना तो मूर्तिपूजा करते है और न ही वर्ण व्यवस्था, स्वर्ग नरक आदि आदि की अवधारणा को मानते हैं।
  • 3-ये मुख्यतः भारत देश में आदिवासी प्रदेशों जैसे -झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, और छतीसगढ़ जैसे राज्यों के छोटा नागपुर पठार क्षेत्र में रहते हैं।
  • 4-इसे भारत की सबसे अधिक बड़ा आदिवासी धर्म होने गौरव भी प्राप्त है।
  • 5- इसके गुरु का नाम बंधन तिग्गा है।

सरना धर्म कोड का प्रस्ताव क्यों?

  • 1- आदिवासी समूह संगठनों द्वारा, दशकों से अपने धर्म की मान्यता को लेकर मांग कर रहे है।
  • 2- हिन्दू राष्ट्र के प्रसार का मुकाबला करने का एक तरीका।
  • 3- यह सहिंता पर्यावरण की रक्षा का एक तरीका है।
  • 4- सरना अनुयायी प्रकृति की पूजा करते है और जल, जंगल और जमीन की प्रार्थना करते हैं।

सरना धर्म की वर्ष 2011 के जनगणना में स्थिति :

  • 1- झारखंड, ओडिसा, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल में स्थित आदिवासी संगठनों द्वारा दशकों से मांग।
  • 2- जनगणना में उनके लिए अलग से धर्म का कॉलम जोड़ा जाये।
  • 3- 2011 की जनगणना के अनुसार 49 लाख लोगों ने अन्य (others) कॉलमों में अपना धर्म सरना बताया था।
  • 4- इसके 80% झारखंड के लोग हैं।
  • 5- तब से, इन क्षेत्रों में अलग सरना धर्म कोड के लिए आंदोलन बड़ा।

इसे भी देखिये :-

क्वियर समुदाय (Queer Community)

भारत के प्रमुख धर्मों के तीर्थ स्थल 

FAQ

सरना धर्म का भगवान कौन है?

यह आदिवासियों का धर्म है लेकिन 2011 की जनगणना के अनुसार इनकी संख्या लगभग 80-85 लाख है और ये लोग झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओड़िसा तथा छोटा नागरपुर जैसे क्षेत्रों में रहते है, यह ना तो मूर्ति पूजा में विश्वास करते है और ना ही स्वर्ग या नरक जैसी बातों को मानते है। इनके भगवान जल जंगल और जमीन में बसते हैं।

वर्तमान में कितने धर्मों के लिए कोड बिल है?

मात्र 6 धर्मों के ले लिए कोड बिल है जोकि इसप्रकार है। हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई,जैन और बौद्ध धर्मों के लिए कोड बिल बना हुआ है।

धर्मेस का क्या मतलब होता है?

इसका मतलब पिता की पूजा होता है।

सरना क्या है?

इसका मतलब माता की पूजा होता है।

Most Important FAQ

सरना धर्म के गुरु का क्या नाम है?

बंधन तिग्गा, वर्तमान में यह आदिवासी लोगों के गुरु है, वह आदिवासी को जल, जंगल, और जमीन की पूजा करते हैं।

किस आदिवासी संगठन ने सरना धर्म के लिए आवाज उठायी है?

राष्ट्रीय आदिवासी समन्वय समिति, यह झारखंड का एक आदिवासी संगठन है जिसने सरना धर्म कोड बिल को जनगणना में शामिल करने की मांग की है

वर्तमान में सरना समुदाय के लोगों की कितनी संख्या हैं?

आकड़ो के अनुसार, वर्तमान में 80-90 लाख लोगों की संख्या बताई जाती हैं जिसमे से सबसे ज्यादा झारखंड के हैं।

You may also like

About Us

Lorem ipsum dolor sit amet, consect etur adipiscing elit. Ut elit tellus, luctus nec ullamcorper mattis..

Feature Posts

Newsletter

Subscribe my Newsletter for new blog posts, tips & new photos. Let's stay updated!