पूरे 2 महीने समंदर में खड़ा रहा जहाज और भूके-प्यासे तड़पते रहे आजादी के दीवाने का नाम गुरुदत्त (भारत के निवासी) सिंह है, वर्ष 1911 में हांगकांग जाने के बाद पता चलता है कनाडा सरकार ने एक नियम बना रखा है कि कोई भी भारतीय यहाँ नहीं आएगा/ यदि प्रवेश किया तो उसे जुर्माना देना पड़ेगा था उसे उम्रकैद की सजा दे दी जाएगी लेकिन यह लगभग 300 सिखों को कामागाटामारू जहाज के माध्यम से कनाडा ले जाते है |
कामागाटामारू क्या है ( what is Kamagata Maru):-
यह एक जापानी जहाज या जिसको पंजाब के गुरुदत्त सिंह ने हांगकांग के एक जर्मन ship,एजेंट मिस्टर बने (Mr. Bane), से 1914 में किराये पर लिया था, ऐसा कहा जाता है जब गुरुदत्त सिंह हांगकांग पहुचे थे तो उस समय यहाँ पर भारतीयों की संख्या 150 थे लेकिन बाद में उसे बढ़ते-बढ़ते 375 के आसपास हो गयी थी, लेकिन कनाडा सरकार ने वहां आने पर प्रतिबन्ध लगाया था कि कोई भी सीधे भारत से कनाडा न आ सके |
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कामागाटामारू को किराये पर लेना (मिस्टर बने से ):-
वर्ष 1913 में कनाडा सरकार के उच्च न्यायलय ने अपने एक निर्मय के अंतर्गत 35 भारतीयों को देश के भीतर प्रवेश करने का आदेश दे दिया था जो सीधे भारत से नहीं आये थे उन्हें वो लोग इस निर्णय से अत्यधिक उत्साहित होकर गुरुदत्त सिंह ने कामागाटामारू नामक जहाज को किराये पर लेकर 376 व्यक्तियों को हांगकांग से बैक्यार के लिए रवाना हो गये|
जहाज में बैठे भारतीय क्रांतिकारी भगवान सिंह, और रामचंद्र तथा बरकतुल्ला ने जहाज में जोशीले भाषण देकर यात्रियों को भारत में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ विर्द्रोह करने को कहा |
23 मार्च 1914 को जहाज बैक्यार पंहुचा लेकिन कनाडा सरकार के अधिकारीयों ने जहाज से उतरने की अनुमति नहीं दी, उसके बाद वह पर जहाज में बैठे यात्रियों और वह के अधिकारीयों से लड़ाई हुयी और फिर कनाडा सरकार ने तुरंत फैसला लिया, शोर कमेटी बनाई जाये |
घटना जिसमें 19 यात्री मारे गये, 202 यात्रियों को जेल:-
अमेरिका में भगवान सिंह, बरकतुल्लाह, रामचंद्र और सिंह के नेतृत्व में यह आन्दोलन चलाया गया, कनाडा सरकार ने इस जहाज को अपनी सीमा से बाहर कर दिया और 2 महीने तक कामागाटामारू वहां खड़ा रहा, फिर भारत की ब्रिटिस सरकार ने जहाज को सीधे कोल्कता लाने का आदेश दिया जहाँ के बजबज बंदरगाह पर पहुचने पर फिर यात्री और पुलिस की लड़ाई हुयी जिसमें 19 यात्री मारे गये और 202 यात्रियों को जेल हो गयी यही घटना को कामागाटामारू रूप प्रकरण कहलाता है |
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