भारतीय राजनीति के साथ- साथ दुनियां की राजनीति और राजनीतिज्ञ विशेषकों को जानने और समझने के लिए उनकी Power को जानना और समझना अति आवश्यक है यहां सबसे पहले Power का अर्थ उसके बाद परिभाषाएं तथा अंत में प्रकार और शक्ति (Power)) के श्रोत को पढ़ेगे |
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शक्ति का अर्थ (Meaning of Power):-
दुनियां की राजनीति में, शक्ति राजनीति विज्ञान की मूल अवधारणा रही है क्यों कि राजनीति हमारे समाज का वह क्षेत्र है, जहां सभी के लिए नियम बनाये जाते है, सभी के लिए निर्णय लिए जाते है तथा अधिकारों एवं कर्तव्यों का आवंटन किया जाता है | इस सभी कार्यों को करने के लिए Power की आवश्यकता होती है लेकिन व्यति का स्वरूप क्या है? उसकी प्रवृति क्या है? समाज में शक्ति श्रोय क्या है?आदि तत्वों पर एकरूपता का आभाव है| जहां प्राचीन समय में सैनिक शक्ति महत्वपूर्ण मानी जाती थी वहीं वर्तमान समय में राजनैतिक शक्ति पर जोर दिया जाता |
शक्ति क्या है ( What’s the power):-
साधारण शब्दों में अगर कहें तो: लोग जो कुछ नहीं करना चाहते उनसे वैसा कराने की क्षमता को Power की संज्ञा दी जाती है, वहीँ इसको दूसरे शब्दों में समझते है, जब एक ब्यक्ति दूसरे ब्यक्ति की इच्छा के विरुद्ध, उससे किसी निर्णय का पालन करवाता है, तब पहला व्यक्ति, दूसरे व्यक्ति के ऊपर शक्ति का प्रयोग करता है |
भारतीय राजनीति विचारक कौटिल्य ने “दण्ड- शक्ति” जोकि शक्ति का ही पर्याय है, को राजनीति का मूल आधार माना है और लिखते है कि “ समस्त सांसारिक जीवन का मूल आधार दण्ड- शक्ति ही है”|
मेक्स बेबर के अनुसार :-
“ Power का अर्थ है किसी किसी सामाजिक संबंध के अंतर्गत एक कर्ता के द्वारा दूसरे की इच्छा के विरुद्ध अपनी इच्छा को कार्यान्वित करने की संभावना”|
मैकाइवर के अनुसार:-
“यह किसी भी संबंध के अंतर्गत ऐसी क्षमता है जिससे दूसरों से कोई काम लिया जाता है या आज्ञा पालन करवाया जाता है |”
राबर्ट बायर्सटेड के अनुसार :-
“यह बल प्रयोग की योग्यता है न कि उसका वास्तविक प्रयोग”
इस प्रकार यह कहा जा सकता है जिसके पास शक्ति है, वह दूसरों को अपनी इच्छा के अनुसार चलाने की क्षमता रखता है अर्थात दूसरों की इच्छा के विरुद्ध उनसे कार्य कराने की ही क्षमता ही शक्ति है|
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FAQ
राजनीति विज्ञान में इसको समझना अतिआवशयक है, राबर्ट बायर्सटेड ने इसकी परिभाषा अपने अनुसार दी है उसके बाद मैकाइवर ने अपनी परिभाषा अपने अनुसार दी है इसी प्रकार मेक्स बेबर ने इसका अर्थ समझाने की कोशिस की है |
अहमद शाह, गुजरात का वास्तविक संस्थापक था|
अहमद शाह ने आसवाल के प्राचीन नगर के स्थान पर अहमदाबाद नगर की स्थापना की तथा उसने 1413 ई. इसे अपनी राजधानी बनाया |
1297-98 ई. में अलाउद्दीन खिलजी ने गुजरात पर आक्रमण किया था |
1401 ई. में