सरोगेसी क्या है [Surrogacy कानून] महत्वपूर्ण जानकारी
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सरोगेसी क्या है[Surrogacy कानून ]महत्वपूर्ण जानकारी  

by Srijanee Mukherjee
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वर्तमान में भारत देश ही नहीं बल्कि दुनियाँ के अलग- अलग देशों में महिलाओं के चाल  और चरित्र/ या यूँ कहे एक बच्चे( बेबी) को अपने पेट से जन्म नही देना चाहती इसके लिए वह महिला किराये पर एक महिला को 9 महीने के लिए नौकरी पर रखती है, अपने पति और उस महिला के द्वारा अपने बच्चे का जन्म करती है और जन्म के बाद, वह अपने बच्चे को उस महिला से ले लेती है इस लेख में इसी (Surrogacy Bill 2019), सरोगेसी को समझेंगे|

किराये की कोख का क्या मतलब होता है? यह क्यों महत्वपूर्ण है तथा बॉलीबुड में Surrogacy का ईतना Craze क्यों है? हाल ही में, UPSC CSE यहाँ से प्रश्न भी बना था |

सरोगेसी(Surrogacy) क्या?

यह एक प्रथा है जिसके तहत एक महिला एक महिला, दूसरे के लिए बच्चे को इस इरादे से पेट में पालती है कि जन्म के बाद उस बच्चे को, उसे सौप दिया जाये | यह सरोगेसी व्यवस्था प्रकृति में दो प्रकार की हो सकती है पहला परोपकारी तथा दूसरा व्यावसायिक हो सकती है |

  1. परोपकारी सरोगेसी में एक ऐसी व्यवस्था सामिल होती है जहाँ दंपति सरोगेट माँ को गर्भवस्था से संबंधित चिकित्सा और बीमा खर्चों के आलावा कोई मुवाबजा नहीं देते है |
  2. वाणिज्य सरोगेसी में सरोगेट माँ को दिया जाने वाला मुआवजा (नगद या वस्तु के रूप में शामिल होता है, जो गर्भवस्था से जुड़े उचित चिकित्सा खर्चों से अधिक होता है |

सरोगेसी बिल 2019 और भारतीय नागरिकता (Surrogacy Bill 2019 and Indian citizenship) :-

  1. व्यावसायिक सरोगेसी, जिसे ‘रेंट ए वॉम्ब’ के नाम से भी जाना जाता है, को चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2002 में भारत में बैध कर दिया गया था | और जल्द ही भारत सरोगेसी का केंद्र बन गया | कम लागत और सख्त कानून के अभाव जैसे कारकों से प्रेरित होकर,  वाणिज्य सरोगेसी देश में एक तेजी से बढ़ता व्यवसाय बन गया है |
  2. भारतीय उद्योग परिसंघ के 2012 के एक अध्ययन के अनुसार, भारत के सरोगेट मातृत्व उद्योग का आकर 2 मिलियन डॉलर प्रति वर्ष था |
  3. हालाँकि, इसके अनियमित व्यवसाय ने सरोगेट महिलाओं के साथ- साथ उनके बच्चो के बड़े पैमाने पर शोषण पर चिंता पैदा कर दी, जिससे देश में सरोगेसी को विनियमित करने के लिए एक कानून की आवश्यकता महसूस हुयी |
  4. भारत में सरोगेसी का पैमाना अज्ञात है लेकिन जुलाई 2012 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा समर्पित अध्ययन में अनुमान लगाया कि भारत भर में 3,000 से अधिक प्रजनन क्लीनिकों के साथ, सालाना 400 मिलियन डॉलर से अधिक का कारोबार होता है |

FAQ

भारत में व्यावसायिक सरोगेसी को क़ानूनी वैधिता कब मिली थी?

वर्ष 2002 में, भारत सरकार  ने इसे बैध कर दिया गया था इसके बाद से भारतीय उद्योग परिसंघ के 2012 के एक अध्ययन के अनुसार, सरोगेट मातृत्व में महिलाओं की कमाई लगभग 2 मिलियन डॉलर प्रति वर्ष हो गया था |

सरोगेसी (Surrogacy) कितने प्रकार का होता है ?

यह मूलतः दो प्रकार का होता है –
1-    परोपकारी सरोगेसी
2-    वाणिज्य सरोगेसी या व्यावसायिक सरोगेसी

वाणिज्य सरोगेसी क्या होता है ?

इसमें सरोगेट माँ ( जो महिला गर्भ को अपने पेट में रखती है) को दिया जाने वाला मुआवजा (नगद या वस्तु के रूप में शामिल होता है) , जोकि गर्भवस्था से जुड़े उचित चिकित्सा खर्चों से अधिक होता है |इसको व्यावसायिक सरोगेसी भी कहा जाता है |

परोपकारी सरोगेसी क्या होता है ?

इसमें एक ऐसी व्यवस्था सामिल होती है जहाँ दंपति सरोगेट माँ ( जो महिला गर्भ को पाने पेट में रखती है ) को गर्भवस्था से संबंधित चिकित्सा और बीमा खर्चों के आलावा कोई मुवाबजा नहीं दिया जाता है |

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