ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोरसी कौन है? मोदी सरकार VS जैक डोरसी
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ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोरसी कौन है? मोदी सरकार VS जैक डोरसी

by रवि पाल
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भारत देश का इतिहास जिस तरह से लिखा गया और जिस तरह से लिखने  की कोशिस की जा रही है यह अपने आप में बहुत दुखद भी है और शर्मनाक भी , वर्ष 2021 के सितम्बर में किस तरह एक नेता किसानों के विरुद्ध तीन कृषि कानून ले कर आता है और किस तरह भारत का प्रथम नागरिक ( राष्टपति) उन कानूनों को मुहर लगा देता है यह सब कुछ भारत के साथ दुनियां के नागरिकों ने देखा लेकिन उसी दौरान भारत और दुनियां के अलग – अलग सोशल प्लेटफोर्म ऐसा भी कुछ चल रहा था जिसके बारे में वर्ष 2023 में जानकारी मिली आज का लेख ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोरसी VS मोदी सरकार के बीच का है |

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ट्विटर के पूर्व सीईओ का जैक डोरसी मोदी सरकार और किसान आन्दोलन पर बड़ा बयान:-

पूरी जानकारी इसको समझने की कोशिस करेंगे :-ट्विटर के पूर्व सीईओ रहे जैक डोरसी ने हाल ही में अपने एक इंटरव्यू में भारत सरकार और किसान आन्दोलन को लेकर बड़ा बयान दिया है जिमने उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में कहा कि किसान आन्दोलन के दौरान भारत सरकार द्वारा कुछ अकाउन्ट्स ब्लॉक करने का दवाव बनाया गया था इसके बाद यह पूरा विषय सोशल मीडिया पर वायरल हो गया तो आज के इस लेख में इसको अच्छे से  जानेंगे तथा यह किस तरह हुआ? इसी को लेकर तमाम सबूतों को लेकर भारत सरकार की आलोचना की जा रही है|

जैक डोरसी कौन है :-

यह अमेरिकी नागरिक के साथ- साथ वहाँ के बहुत बड़े उद्यमी है इन्होने  (2006) में  ट्विटर स्थापना की थी इनको सह- संस्थापक (2006) और पूर्व सीईओ भी कह सकते है , वर्ष 2021 में इन्होने ट्विटर सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया था, वर्ष  2022 में इलोन मास्क के द्वारा अधिग्रहण किया गया |

विवाद:-

हाल ही में अमरिकी यूट्यूब चैनल को जैक डोरसी ने इंटरव्यू दिया उसमें भारत सरकार पर गंभीर आरोप लगाया कि वर्ष 2021 में किसना आन्दोलन के दौरान सरकार द्वारा कई रिक्वेस्ट भेजे जिनमे कई पत्रकारों और किसान नेताओं तथा अन्य लोगों के अकाउंट को ब्लॉक करने की मांग की गयी थी |

जैक डोरसी आगे कहते है भारत सरकार ने यह तक कह दिया था कि यदि वह हमारी बातों को नहीं मानेंगे तो उनके मुख्यालयों तथा कर्मचारियों पर ईडी के द्वारा समन भेजा जायेगा और भारत में  ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफोर्म को बंद कर दिया जायेगा( इसीलिए उन्हीं दिनों भारत सरकार ने कू एप को लांच किया था )  |

आरोपों पर सरकार का पक्ष :-

भारत सरकार ने स्पष्ट तौर पर जैक डोरसी के बयान  का खंडन करते हुए उनको इनकार कर दिया है आगे यह भी कहा है जो भी आरोप है पूरी तरफ से बेबुनियाद है |

सरकार द्वारा इनकार :- ट्विटर पर कानून के उलंघन का आरोप

ट्विटर के संदिग्ध इतिहास को छिपाने की कोशिस

ट्विटर में मनमाने ढंग से नियम लागू ( डोनाल्ड ट्रम्प का अकाउन्ट्स Restrict)

विवाद की पृष्ठभूमि क्या है :-

सितम्बर 2020:- सरकार द्वारा तीन किसान बिल पेश किये गये थे इसके साथ- साथ सितम्बर में ही राष्टपति ने इन बिलों को मंजूरी भी दे दी थी |

सरकार :- बुनियादी कृषि अवसंरचना में सुधार

किसान :- अस्तित्व और जीवन पर खतरा

2021 :- किसान आन्दोलन की शुरुआत ( देश भर के किसान दिल्ली में एकत्रित )   

सोशल मीडीया से से भी सरकार की आलोचना होनी शुरू हो गयी

इसी दौरान  ट्विटर द्वारा 250 अकाउंटस को ब्लॉक किये ( सरकार के आदेश पर किये ) गये लेकिन 6 घंटे बाद ट्विटर ने ब्लॉक किये गये अकाउंटस को unblock कर दिया ( पर्याप्त कारण नहीं होने पर ) |

सरकार द्वारा ट्विटर को दोबारा आदेश :-

कार्यवाही की धमकी

सूचना प्रौधोगिकी कानून :-धारा 69A के तहत असमाजिक तत्वों द्वारा ट्विटर का स्तेमाल ( पाकिस्तान और बांग्लादेश के समर्थक)

ट्विटर के ब्लॉक करने से इनकार किया :-

सरकार दारा जो लिस्ट जारी की गयी थी उनमें कुछ मीडिया कंपनियों,पत्रकार ,सामाजिक कार्यकर्त्ता और राजनेता से जुड़े हुए है और यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रा के खिलाफ  है इसलिये हम इन अकाउन्ट्स को बंद नहीं कर सकते |आगे यह भी कहा गया कि यही हम ऐसा करते है तो भारत के संविधान का उलघन कर रहे है ट्विटर की टीम ऐसा बिलकुल नहीं कर सकती है |

सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम धारा 69 (A):-

यह कानून भारत सरकार द्वारा वर्ष  2000 में पेश किया गया था इसका प्राथमिक उद्देश्य सूचना प्रौद्योगिकी और इंटरनेट से जुड़े मामलों की देख-रेख( नियंत्रित) करना |

साइबर अपराध, ई- कॉमर्स या सूचना प्रौद्योगिकी आदि नियंत्रित करना

धारा 69 (A):- केंद्र और राज्य सरकारों को शक्ति ( केंद्र सरकार या राज्य सरकार कभी भी कहीं भी इंटरनेट को बंद कर सकते है )|

इंटरनेट पर मौजूद किसी भी जानकारी को इंटरसेप्ट,मानीटरिंग या डिक्रिप्ट करने के निर्देश|

शक्ति के प्रयोग का आधार :-

संप्रभुता / अखंडता के हित में :- विदेशी राज्य से मैत्री पूर्ण संबंध, सार्वजनिक व्यवस्था    

यह उन लोगों के लिए एक सबक होगा जो सरकार की नीतियों का विरोध करने में डरते है लेकिन जिस तरह से किसानों ने अपना आन्दोलन 13 महीनों तक दिल्ली की सड़कों पर चलाया यह अपने आप में इतिहास का दौर था|

आने वाले दिनों में इस तरह का  आन्दोलन भविष्य में होगा या नहीं यह तो देखने की बात होगी लेकिन किसानों की इस जीत ने यह साबित कर दिया कि यदि मिलकर किसी भी सरकार या तानाशाह के खिलाफ लड़ा जाये तो जीत होकर रहेगी |

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