[PESA ACT] पेसा एक्ट के प्रावधानों का वर्णन कीजिये [आदिवासी कानून] PDF
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[PESA ACT] पेसा एक्ट के प्रावधानों का वर्णन कीजिये [आदिवासी कानून]

by Srijanee Mukherjee
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भारत में यह कानून सन् 1996 में बना था (The  provisions of Panchayats या Extension To Scheduled Areas नाम से भी जाना जाता है  यह कानून पंचायतों का अधिसूचित क्षेत्रों तक विस्तार के लिए अनुसूचित क्षेत्र जहां आदिवासियों की जनसख्या अधिक हो वहां लागू होता है इस लेख में पेसा एक्ट (PESA ACT) के प्रावधानों को समझेंगे |

पेसा एक्ट के प्रावधान :-

  1. प्रत्येक गाँव की एक ग्राम सभा/ पंचायत होगी जो लोगों की प्रथा, परंपरा रीति रिवाज, सांस्कृतिक पहचान, सामुदायिक प्रबंधन के परंपरागत विधि का संरक्षण करेगी |
  2. यदि किसी राज्य में अनुसूचित क्षेत्र है जो उनके संदर्भ में राज्य सरकार क्या विधानसभा कोई भी ऐसा कानून नहीं बना सकती जो परंपरागत पंचायत व्यवस्था के विरुद्ध हो |
  3. अनुसूचित क्षेत्र में ग्राम सभा/ पंचायत को व्यापक अधिकार है इसलिए राज्य सरकार जनजातियों के पारंपरिक कानून, प्रथा, और रीति रिवाज को ध्यान में रखकर ही कोई कानून बनाएगी | 
  4. अनुसूचित क्षेत्र में ग्राम सभा का अध्यक्ष होगा तथा उसका अधिकार होगा कि वह  भी फैसले लेगा वह पंचायत को मान्य होंगे (इस अध्यक का चुनाव नहीं होता है)|
  5. निर्वाचित मुखिया नहीं होगा, लेकिन परंपरागत मुखिया होगा| मुंडा/ मानकी/ पाहन/ महतो होना अनिवार्य है |

पेसा एक्ट के चुनावी/ खनन/ इंडस्ट्रीज/प्राइवेट प्रोजेक्ट प्रावधान :-

  1. ग्राम सभा में ST के लिए सीटों का आरक्षण जिसमें कुल सीटों का 50% आदिवासियों के लये रिजर्व रहेगी यह भी कानून के ड्राफ्ट में लिखा गया इसके साथ-साथ यदि अनुसूचित क्षेत्र में कोई भी जमीन का अधिकरण हो रहा है जैसे- (सरकारी प्रोजेक्ट, या प्राइवेट प्रोजेक्ट या फिर फिर किसी तरह की इंडस्ट्री) तो ग्राम सभा या  या पंचायत से अनुमति लेना अनिवार्य है |
  2. अनुसूचित क्षेत्र में खनिज संसाधन/ खनन/ वन संपदा/प्राकृतिक चीज का ownership ग्राम सभा अतः अनुसूचित क्षेत्र में इन सभी के लाइसेंस के लिए पंचायत टिकिया ग्राम सभा की अनुमति लेना अनिवार्य है|
  3. यदि अनुसूचित क्षेत्र में कोई जमीन अतिक्रमण कर रहा है तो ग्राम सभा उस पर प्रतिबंध लगा सकता है और गौर- क़ानूनी तरीके से कोई जमीन हथियाने पर, ग्राम सभा उसे उस जमीन को वापस दिला सकता है |
  4. पेसा एक्ट पर राष्ट्रपति का हस्ताक्षर के साथ ही घोषित हुआ था इसलिए अनुसूचित क्षेत्र में कोई भी सरकार का कानून निष्क्रिय रहेगा जो पेसा एक्ट के अनुरूप नहीं होगी |

झारखंड में हुआ पेसा एक्ट का उल्लंघन :-

  1. हाल ही में, झारखंड में पेसा एक्ट का घोर उल्लंघन हुआ है |
  2. झारखंड में सन् 2001 में पंचायती राज का कानून बनता है |एवं अनुसूचित क्षेत्र में पेसा एक्ट के तहत 22 प्रावधानों में से केवल 7 प्रावधानों को  ही सामिल किया जाता है |
  3. पंचायती राज कानून के अंतर्गत अनुसूचित क्षेत्र में पेसा एक्ट के शेष 15 प्रावधान लागू ही नहीं होते है उनके स्थान पर सामान्य प्रशासन के प्रावधान लागु हो जाते है|
  4. आदिवासियों के संस्कृति, परंपरा,रीति रिवाज, ग्राम सभा प्रशासन इत्यादि को बचाए रखने के लिए पेसा एक्ट के सारे 22 प्रावधानों को अनुसूचित क्षेत्र में लागू करना अतिआवश्यक है |

FAQ

झारखंड में कितने प्रखंड तथा जिले अनुसूचित क्षेत्र में आते है ?

कानून जनजातियों की अपनी प्रथा तथा अपने कानून होते है वर्तमान में झारखंड में 13 जिलों के 131 प्रखंड के 2024  ग्राम पंचायत पूर्णतया अनुसूचित क्षेत्र में आते है|

झारखंड में 13 अनुसूचित जाति के जिले  कौन- कौन से है ?

पाकुड़, दुमका, जामताड़ा,लातेहार, रांची,खूंटी,गुमला, लोहरदगा, सिमडेगा,पूर्वी सिंहभूम और सरायकेला शामिल हैं तथा पलामू, गढ़वा एवं गोड्डा आंशिक रूप से अनुसूचित क्षेत्र में शामिल है यानी इन क्षेत्रों में एक आध पंचायत या प्रखंड ही शेड्यूल एरिया में शामिल है |

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