Bihar election 2025 : अमरपुर (159) विधानसभा का माहौल क्या है?
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Bihar election 2025 : अमरपुर (159) विधानसभा का माहौल क्या है?

by Srijanee Mukherjee
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बांका जिले में 5 विधानसभायें आती हैं अमरपुर, धोरैया, बांका, काटोरिया और बेलहर। जिसमें से धोरैया और काटोरिया SC रिजर्व सीट हैं। वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए (NDA) गठबंधन ने 4 सीटों पर कब्जा किया था वही 1 सीट महागठबंधन के खाते में गयी थी। इस विधानसभा चुनाव में जिस प्रकार से महागठबंधन का माहौल जमीनी स्तर पर दिख रहा हैं उससे लगता है बांका जिले की 5 विधानसभा सीटों में से महागठबंधन के पक्ष में 3 और NDA के पक्ष में 2 सीटें जाने के आसार दिख रहे हैं।

अमरपुर विधानसभा का इतिहास :-

यह सीट पिछले 30 वर्षों से जनता दल, राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल यूनाइटेड की खाते में जाती रही है, सुरेंद्र प्रसाद सिंह लगातार 4 बार यहां से जनता दल और राजद के टिकट पर जीत हासिल कर चुके हैं। उसके बाद से 2010 से 2025 तक जनता दल यूनाइटेड के खाते में रही है।

वर्तमान में यहां से जदयू से जयंतराज ने कांग्रेस के उम्मीदवार जितेंद्र सिंह को 3242 वोटों से हराया था लेकिन इस इस विधानसभा चुनाव में जयंतराज अपनी सीट बचाने में कामयाब होना बहुत मुश्किल है। 

रिपोर्टर का पहले (काल्पनिक नाम) से सवाल :-

बिहार में विधानसभा चुनाव आने को है किस पार्टी का माहौल है?

“नहीं, मुझे नहीं पता इन सबके बारे में और मै यहाँ नहीं रहता हूँ।”

आप बोलना क्यों नहीं चाहते?

“मुझे इन सबकी जानकरी नहीं है किसकी बनेगी किसकी नहीं, मै नहीं बता सकता हूँ, नीतीश कुमार ही सही हैं विकास तो किया ही है, रोड देखिए, अच्छा खासा बनवा ही रहे है।”

किसकी सरकार देखना चाहते हैं?

“बदलाव होना चाहिए, अभी तक नीतीश जी को देखा है अब किसी और को चांस मिलना चाहिए, तेजस्वी यादव आये या चिराग पासवान, किसी और को मौका मिलना चाहिए।”

सामने खडे दुकान से कुछ सामान खरीद रहे काल्पनिक नाम से हमारे रिपोर्टर ने कुछ सवाल किये:-

अमरपुर विधानसभा का माहौल क्या है?

“हसते हये, हम क्या बतायेगे सामने बैठे चाचा बोलने लगे, किसी भी बने बढ़िया ही है। जब नीतीश ही सबको पसंद है तो हमें भी पसंद | “

नीतीश कुमार की सरकार से कितने ख़ुश हैं?

“ख़ुश तो हइये ही, जब सब ख़ुश है तो हम भी ख़ुश। रिपोर्टर से बोलते हुए ” आप लोग तो देखते ही होंगे बिहार में कितना विकास हुआ है, BPSC विद्यार्थियों के ऊपर लाठी चार्ज की जाती है फिर भी बिहार के लोग ख़ुश है इसीलिए मैंने कहा सब ख़ुश है तो हम भी ख़ुश ही हैं।”

आपको नहीं लगता बिहार की डोर किसी युवा के हाथों में देनी चाहिए?

“जरूर होनी चाहिए लेकिन मेरे बोलने से हों जायेगी क्या..नीतीश बाबू जब तक जिन्दा हैं किसी को मुख्यमंत्री बनने नहीं देंगे और रही बात युवाओं की, बाबू यह बिहार है यहां से जातिवाद शुरू होता है और दिल्ली में बैठी सरकारें अच्छे से जानती है कि बिहार का चुनाव कैसे जीतते है मोदी जी अभी तक बिहार में नहीं आये थे.. रिपोर्टर बाबू चुनाव आने दीजिए मोदी का डेरा बिहार ही हो जायेगा।”

नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, चिराग पासवान और प्रशांत किशोर में कौन बेहतर है?

“मेरे हिसाब से तेजस्वी यादव सबसे काबिल और युवा है.. लेकिन क्या जीत पाएंगे या नहीं यह तो चुनाव के बाद ही पता चलेगा।”

एक साईकिल ले जाते बुजुर्ग से हमारे रिपोर्टर ने सवाल जवाब किये :-

क्या नीतीश कुमार को मोदी की वहज़ से वोट मिलते हैं?

“नहीं बिल्कुल भी नहीं, नीतीश जी का अपना खुद का वोट बैंक है और रही बात नरेंद्र मोदी की, हों सकता है 2-4% वोट मोदी जी की वहज़ से मिल जाये लेकिन नीतीश कुमार का अपना भी वोट बैंक है और उन्होंने बिहार के लिए काम किया है।”

अमरपुर विद्यानसभा से 4 बार कांग्रेस (1957, 1962, 1980 और 1985) में कांग्रेस जीती तो क्या आपको लगता है कि कांग्रेस का वोट बैंक इस विधानसभा में है?

“मुझे लगता है एक जमाना था जब यह CPI (सीपीआई) का गढ़ हुआ करता था लेकिन जब से कामरेड नरेश दास जैसे नेता चले गये तब से उनका वोट बैंक कुछ तो कांग्रेस में चला गया और कुछ आज भी CPI में है।”

यदि नीतीश चुनाव हारे तो किस पार्टी का मुख्यमंत्री बनेगा?

“यह तो सच है जिस तरह से माहौल लगता है उसके हिसाब से बीजेपी अपना मुख्यमंत्री बनाने की फिराक में हो सकती है लेकिन नीतीश जी इतने कच्चे खिलाड़ी नहीं है जो ऐसे ही अपनी कुर्सी जाने देंगे इसीलिए नीतीश को पलटू चाचा भी कहा जाता है।”

आप बुजुर्ग है और अपने 1970 से लेकर 1990 तक की राजनीति देखी है बांका जिला CPI का गढ़ हुआ करता था, आजकल CPI के वोटर किस तरफ बट गये हैं?

एक जमाना था पूरे बिहार को CPI का केंद्र माना जाता था ऐसा नहीं है नरेश दास ही ऐसे नेता हुए, आप दूसरे क्षेत्रों को भी देख लीजिये भागलपुर, कटिहार, अररिया यहां पर भी बड़े-बड़े नेता हुए हैं। लेकिन CPI 50% वोट तो इधर-उधर चला गया लेकिन 50% अभी भी उनके पास हैं इसीलिए बिहार में 8-10% वोट उनको मिलता है और आगे भी मिलेगा।

Read This :- who can win Dhoraiya Vidhan Sabha (BANKA)

अमरपुर विधानसभा का निष्कर्ष :-

हालांकि यहाँ के लोगों का कहना हैं कि राजद का उम्मीदवार जीतना मुश्किल है लेकिन यदि महागठबंधन किसी अच्छे नेता को जिसने जमीनी स्तर पर अच्छा कार्य किया है उसको टिकट देती तो यहाँ से NDA गठबंधन की हार हो सकती है।


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