जब हरियाणा और पंजाब की बात करते है तो आर्थिक रुप से इसे भारत का विकाससील प्रदेश के रूप में देखा जाता है। आजादी के 19 वर्षों के बाद पंजाब से इसे अलग कर दिया गया और 1 नवम्बर 1966 को Haryana राज्य का गठन हुआ।
उसके बाद यहां की संस्कृति का सवाल है हम कह सकते हैं कि यह एक विकसित राज्य है और यहां की सांस्कृतिक मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण स्थान है।Haryana Civil service तथा Haryana GK में इस तरह का निबंध लिखने को आ जाता है।
यहां के लोग परंपराओं को पसंद करते हैं। ध्यान, योग तथा वैदिक मंत्रो के जाप की प्रथाएँ राज्य में अभी भी प्रचलित हैं।
देश दुनियां के साथ-साथ कोई भी गावों में हरियाणा की संस्कृति को फलते -फूलते देख सकता है। पूरे राज्य में लगने वाले मौसमी तथा धार्मिक मेले इस राज्य की महान संस्कृति का व्यान करते हैं।
हरियाणा का भोजन (Food of Haryana):-
वैसे तो महाभारत काल से राज्य में शाकाहारी भोजन लेने की सस्कृति है जो स्वादिष्ट होने के साथ ही पोषण से भरपूर होती है।
एक प्रसिद्ध कहावत है (There Is a Famous line)-:
देशा मह देश हरियाणा, जित दूध दही का खाना:- उपरोक्त पंक्ति से पता चल जाता है कि यहां के लोग दूध -दही के बिना भोजन करते ही नहीं है।हरियाणा एक कृषि प्रधान राज्य है यहां पर लोगों का मुख्य पेशा कृषि और पशुपालन है। ये सब यहां के लोगों के रहने और खानपान के तरीकों को प्रभावित करता है।
- 1- दूध और दुग्ध (Milk and milk product)उत्पाद रोज लिए जाने वाले खाद्य पदार्थ हैं।
- 2-इसके आलावा, गन्ना के पर्याप्त उत्पादन के कारण, गुड़ और शक़्कर (शुगर) का प्रयोग अधिकांश क्षेत्रों में प्रचलित है।
- 3- यहां पर कई प्रकार के मिष्ठान, जैसे देसी घी का हलवा, खीर, रसमलाई और गुलाबजामुन आदि त्योहारों के अवसर पर बनाये जाते है।
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परिधान वस्त्र (Dresses):-
अक्सर देखा जाता है यहां पर किसी क्षेत्र विशेष के लोगों का परिधान वस्त्र उस क्षेत्र की संस्कृति के कई पहलू लोगों के वस्त्र परिधान से झकलते है।
- 1- इस राज्य में पुरुषों की पहचान पगड़ी (Turban) तथा धोती (Dhoti) पहनने के उनके विशेष तरीके से की जा सकती है।
- 2- तथा महिलायें लम्बी और भारी चुनरी (एक तरह की स्कर्ट) पहनती हैं जिसके साथ वे कुर्ता और चुनरी (दुपट्टा) धारण करती हैं यहां रंग बिरंगे घाघरा और कुर्ती बहूत प्रचलित है।
- 3- इसके साथ -साथ महिलाएं अक्सर गर्दन, बाजुओं तथा पैरों में 4-5 किलोग्राम की चांदी के गहने पहनती हैं।
त्यौहार (Festival ):-
यहां किसी विशेष क्षेत्र की संस्कृति की झलक उनके त्यौहारों में देखने को मिलती है। हरियाणा त्यौहारों की भूमि है, पूरे साल बहूत सारे त्यौहार मनाये जाते हैं कुछ जानकारी निम्लिखित है।
- 1- नये साल की शुरुआत लोहडी तथा मकरसंक्रांति के त्यौहार से होती है।
- 2- उसके बाद बसंत पंचमी का त्यौहार आता है जो बसंत के मौसम की शुरुआत को चिन्हित करता है।
- 3-सर्दियों के अंत तथा बसंत की शुरुआत के साथ, रंगों का बहुत खूबसूरत त्यौहार होली मनाया जाता हैं। होली के दौरान फाग गयी जाती है। इस दौरान प्रदेश के अलग अलग हिस्सों में मेले लगते हैं और सभी धर्म के लोग इस त्यौहार को बहूत धूमधाम से मनाते हैं।
- 4- तीज पूजा, यहां का एक अन्य त्यौहार है जो सावन के महीने में आता हैं।
- 5- गुग्गा नवमी (gugga peer) एक धार्मिक त्यौहार हैं जोकि गुग्गा पीर को समर्पित है।
इसके साथ -साथ कुछ अन्य त्यौहार जैसे शिवरात्रि, रक्षाबंधन, दीपावली, करवा चौथ तथा आहोई अष्टमी है।
नृत्य -नाच (Dance- nach)-:
नृत्य यहां की संस्कृति का सबसे अच्छा हिस्सा है और यहां के लोग -बहुत ही आकर्षक होते हैं जब भी कही प्रदर्शनी होती हैं तो हमेशा नृत्य करने के लिए तैयार रहते हैं। शादी और अन्य व्यक्तिगत कार्यक्रमों के अवसर के अलावा, त्योहारों पर भी नृत्य करते हैं इसके साथ-साथ विशेष अवसरों के लिए विशेष नृत्य किये जाते हैं।
- जब फसल पक कर क्रटाई के लिए तैयार हो जाती है, तो किसान खुश होते हैं तथा अपनी इस खुशी को धमाल नामक नृत्य के माध्यम से व्यक्त करते हैं।
- घूमर नृत्य होली. गणगौर पूजा तथा तीज के अवसरों पर किया जाता है।
- गुग्गा नृत्य एक धार्मिक नृत्य है। इसे गुग्गा नवमी पर किया जाता है।
FAQ
हरियाणा पंजाब और पूर्वी उत्तर प्रदेश में विवाहों तथा कुछ त्योहारों के दौरान किया जाता है।
यह ज्यादातर होली के अवसर पर किया जाता है।
इस नृत्य को होली तथा फाग के दौरान किया जाता है। हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बहूत प्रचलित है।
यह रूप से एक नाट्य नृत्य है तथा इसे सामाजिक अक्सरों तथा जुटान(इक्कठा होना, जमा होना) जैसे मेला आदि में किया जाता है।
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