इस आन्दोलन को जय प्रकाश नारायण के द्वारा चलाया गया आन्दोलन भी कहा जाता है 18 मार्च 1974 एक ऐसा दिन था जब बिहार के जय प्रकाश नारायण के नेतृत्व में छात्र आन्दोलन की नीव रखी गयी थी यह आन्दोलन पूरे देश इस तरह फैल गया था कि देखते- देखते राजनीति का चेहरा ही बदल गया सबसे ज्यादा इसका असर बिहार , गुजरात और पश्चिमी उत्तर प्रदेश हुआ था|
कहते है इतिहास का यह एक मात्र ऐसा आन्दोलन था जो आजादी के बाद करीब एक साल तक चला और इसने राजनैतिक दलों तथा नेताओं के घूटने टिका दिए थे जब यह आन्दोलन चल रहा था उस समय भारत देश की राजनीति में आपातकाल का दौर भी आया, यह आन्दोलन इंदिरा गाँधी के विरुद्ध विपक्ष के नेतृत्व के लिए जाना जाता है जिसके नेतृत्वकर्ता का जन्म 11 अक्टूबर 1902 को बिहार के सारण जिले में हुआ था|
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J. P MOVEMENT जय प्रकाश नारायण आंदोलन क्यों हुआ था इसका पूरा इतिहास इस प्रकार है:-
1971 के चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस का विभाजन हुआ था परन्तु इंदिरा गाँधी “गरीबी हटाओ “ का नारा देकर पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापसी होने के साथ- साथ प्रधानमंत्री पद भी हासिल कर लिया था लेकिन कई वर्षों के बाद भी भारत की सामाजिक तथा आर्थिक दशा में कोई भी परिवर्तन नहीं आया था , इसके अनेक कारण थे:-
- बंगालदेश संकट
- पाकिस्तान से युद्ध के बाद अमेरिका ने भारत देश को सहायता देने से मना कर दिया ( बंद कर दिया)
- कच्चे मूल्यों के तेल में वृद्धि हो जाना
- सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के वेतन को रोक दिया
- आपातकालीन स्थित
- बिगड़ती आर्थिक दशा के कारण पूरे देश में असंतुष्टि की भावना
- इसी समय गैर कांग्रेसी विपक्षी दलों ने सफलतापूर्वक जन आन्दोलन का आयोजन किया
आन्दोलन का उदय / प्रकृति :-
इसकी की शुरुआत बिहार और गुजरात के छात्र आन्दोलनों से हुयी, रिसर्च बताते है इस आन्दोलन से पहले गुजरात के कुछ अभियार्थी बड़ी हुयी फीस के विरुद्ध कालेज के बहार धरना दिया करते है उसी दौरान जय प्रकाश नारायण आंदोलन कांग्रेस के बहुत बड़े नेताओं में से एक थे जब जय प्रकाश नारायण आंदोलन इस धरने में गये उसके बाद से इस आन्दोलन में तेजी आ गयी और देखते ही देखते यह राष्ट्रीय स्तर का आन्दोलन बन गया |
ऐसे हुयी थी इंदिरा गाँधी के खिलाफ क्रांति :-
इंदिरा गाँधी के शासन काल के दौरान देश की महगाई बढ़ रही थी विभिन्न वस्तुओं की कीमत में तेजी से बढोत्तरी के कारण लोगों में मन में उस समय की प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की अगुआई बाली केंद्र सरकार को लेकर गुस्सा था उस समय जय प्रकाश ने सत्ता के खिलाफ आवाज उठाने का प्रयास किया और इंदिरा गाँधी को पत्र लिखा और देश के बिगड़ते हालात के बारे में बताया इसके साथ-साथ उस दौर के कई नेताओं तथा सांसदों को भी पत्र लिखे |
लोकपाल बनाने की मांग :-
जय प्रकाश नारायण के इस पत्र से राजनीति जगत में हंगामा खड़ा हो गया क्योंकि इससे पहले किसी भी नेता या आन्दोलनकारी इंदिरा गाँधी के खिलाफ आवाज नहीं उठाई थी साथ ही सांसदों के लिए उन्होंने अपने पत्र में लोकपाल बनाने की मांग की थी|
गुजरात में आन्दोलन की शुरुआत :-
इस समय इंदिरा गाँधी ने राज्यों से चंदा लेने की मांग की तथा उस दौर के गुजरात के मुख्यमंत्री चीमन भाई से भी 10 लाख रूपये की मांग की , किताबों के कुछ पन्ने और अख़बारों में लिए लिखे हुए ब्लॉग यह भी बताते है कि कई वस्तुओं के दाम इतने बड़ा दिए गये जिसके कारण यहाँ आन्दोलन चलाना मुश्किल हो गया था और दूसरी तरफ पुलिस की बर्बरता से कई आन्दोलनकारियों की मौत भी हो गयी थी उसके बाद जय प्रकाश नारायण ने इस आन्दोलन का समर्थन किया और गुजरात में JP ने इंदिरा गाँधी के खिलाफ सम्पूर्ण क्रांति का नारा दिया |
इस आन्दोलन ने हिला दी सत्ता :-
8 अप्रैल 1974 को इन्होने विरोध के लिए जुलूस निकाला जिसमें सत्ता के खिलाफ आक्रोशित जनता ने हिस्सा लिया इसमें लाखों लोगों ने भाग लिया और इस आन्दोलन को खुद जय प्रकाश नारायण लीड कर रहे थे हालाकिं उनके पीछे बहुत सारे नेता तथा विद्यार्थी भी थे रिसर्च यह भी बताते है वर्तमान में जीवित लालू प्रसाद यादव, मुलायम सिंह यादव, नितीश कुमार जैसे नेता इसी आन्दोलन से निकले हुए है|
निष्कर्स:-
वर्तमान में यह तो जीवित नहीं है वह एक समाज सेवी थे जिन्हें लोकनायक के नाम से जाना जाता है इन्होने सदैव भ्रष्ट व्यवस्था के लिए आवाज उठाई और उसमें सफल भी हुए |
जिस तरह से जय प्रकाश नारायण के इस आन्दोलन से इंदिरा गाँधी के नीचे की सत्ता खिसकने लगी और बाद में इंदिरा गाँधी का इतना विरोध भी हुआ कि उनके हाथ में सत्ता ज्यादा वक्त तक नहीं बची|
मध्य प्रदेश के रियासतें [ निबंध ]
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FAQ
जय प्रकाश नारायण
11 अक्टूबर 1902 में बिहार के छपरा जिले के सीताबदीयारा गाँव में हुआ था |
इनकी माता का नाम फूल रानी देवी तथा पिता का नाम हर्ष बाबू था |
इनके बचपन का नाम बबूल था |
1920 में प्रभावती देवी के साथ हुआ था इन्होने अपने विवाह में बाबू राजेंद्र प्रसाद की प्रेरणा से दहेज नहीं लिया था और यह दहेज़ प्रथा के खिलाफ थे |
इन्होने सोशल चेंज ( Social change ) नामक विषय पर शोध किया था जय प्रकाश नारायण ने लोकतान्त्रिक समाजवाद , दल विहीन प्रजातंत्र , सर्वोदय समाज , समग्र क्रांति इत्यादि विचार प्रस्तुत किये थे |
इनकी महत्वपूर्ण पुस्तक का नाम “why socialism” है जिसे 1936 में लिखा था इस पुस्तक में समाजवाद लाने की आवश्यकता व उपायों के बारे में वर्णन किया गया था |